सूर्यदेव को सर्वश्रेष्ठ देवता माना जाता है। रोजाना सूर्य को अर्ध्य देने से एनर्जी का अहसास, रोगों का नाश और आयु और सुख में वृद्धि होती है। इसलिए ज्यादातर लोग सुबह नहा-धोकर सूर्य को अर्ध्य देते हैं। माना जाता है कि अगर सूर्य को जल अर्पित करते समय लोटे में कुछ चीजों को मिला दिया जाए तो सूर्यदेव उसे लाख गुना करके लौटाते हैं। क्या सच में ऐसा होता है? यह जानने के लिए हमने एस्ट्रो और वास्तु कंसल्टेंट रिद्धि बहल से बात की। तब उन्होंने हमारे साथ इससे जुड़ी बहुत सारी जानकारी शेयर की। आइए आप भी हमारे साथ इस बारे में विस्तार से जानें।
रिद्धि बहल का कहना है कि ''सूर्य को जल चढ़ाने का महत्व और इसके फायदों का वर्णन पौराणिक कथाओं में भी मिलता है। माना जाता है कि सूर्य को रोजाना जल चढ़ाने से ना केवल आपको शांति मिलती है बल्कि आपकी हेल्थ भी ठीक रहती है। लेकिन जल चढ़ाते समय कुछ बातों का विशेष रूप से ध्यान में रखना चाहिए, जैसे सूर्य को जल चढ़ाते समय ध्यान रहे कि तांबे के बर्तन में ही चढ़ाएं। तांबे को हम सूर्य से जोड़ते हैं। अगर तांबे के बर्तन में सूर्य को जल अर्पित करेंगी तो आपको बहुत फायदा मिलेगा। साथ ही इस बात का भी ध्यान रखें कि सूर्य को अर्ध्य देते समय जो जल गिरता है वह तुलसी के पौधे में ही गिरे तो बेहतर होगा। ऐसा इसलिए क्योंकि इस जल को पवित्र माना जाता है। पहले जमाने में लोग जब जल चढ़ाते थे तो वह नदी में मिल जाता था लेकिन आजकल के समय में घरों के पास नदी नहीं है तो आप तुलसी के पौधे को रख लें और जल ऐसे चढ़ाएं कि जिससे वह तुलसी के पौधे में ही गिरे।'' साथ ही सूर्य को अर्ध्य देते हुए अधिक फायदे पाने के लिए जल में कुछ चीजों को जरूर मिलाएं।
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चावल
तांबे के बर्तन के अंदर चावल रखें क्योंकि चावल बहुत शुभ माने जाते हैं। जब भी हमारा कोई शुभ कार्य होता है, जैसे माथे पर सिंदूर का तिलक लगाना, गृह प्रवेश, लड़की की विदाई आदि इन सभी कार्यों में चावल बहुत महत्वपूर्ण माने जाते हैं। हमारे हिंदू धर्म में चावल को बहुत महत्व दिया गया है। सूर्य को अर्ध्य देते हुए, जल में 2 से 3 दाने चावल के डालें। ऐसा करने से सभी तरह की सुख-सुविधाएं मिल सकती हैं।
रोली
तांबे के लोटे में पानी लेकर उसमें लाल रंग की रोली डालकर अर्ध्य देने से सूर्यदोष में कमी आती है। इसके अलावा लाल रंग को हम सूर्य की किरणों से जोड़ते हैं। लाल रंग ब्लड सर्कुलेशन को भी बढ़ाता है। सूर्य को जल चढ़ाने से हमारी हेल्थ में बहुत सुधार आता है क्यूंकि सूर्य की किरणों में विटामिन डी होता है और वह ब्लड सर्कुलेशन का बढ़ाता है।
मिश्री
आप मिश्री डालकर भी आप सूर्य को अर्ध्य दे सकती हैं। लेकिन अगर आपके पास मिश्री नहीं हैं तो थोड़ी सी चीनी डाल लें।
मंत्र का उच्चारण
जल अर्पित करते समय कोई भी सूर्य का मंत्र बोल सकती हैं जैसे ''ॐ घृणि सूर्य आदित्य नमः''। इसका मतलब जो सूर्य की किरणें हैं उनको मैं ग्रहण करूं अर्थात् वह मेरे अंदर रहें और सारी गंदगी को दूर हटाएं। यह मंत्र बहुत अच्छा होता है। इसके अलावा आप सूर्य का कोई और मंत्र भी बोल सकती हैं। आप चाहे तो गायत्री मंत्र भी बोल सकती हैं, क्योंकि यह मंत्र भी सूर्य के लिए ही होता है। इसके अलावा हम सूर्य को हृदय का कारक मानते हैंइसलिए जो हृदय के रोगी हैं वो ''आदित्य हृदय स्त्रोत'' मंत्र को पढ़ें। अगर हार्ट पेशेंट यह रोजाना पढ़ेंगे तो उनकी हेल्थ के लिए यह बहुत अच्छा होता है।
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अगर आप भी रोजाना सूर्य देवता को अर्ध्य देती हैं तो अधिक लाभ पाने के लिए इन चीजों को जल में शामिल कर सकती हैं। साथ ही इस आर्टिकल में दी कुछ बातों को भी ध्यान में रखें। इस तरह की और जानकारी पाने के लिए हरजिंदगी से जुड़ी रहें।
Image Credit: Freepik.com
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