मैं अपने पापा की बेटी हूं। उन्हीं के ऊपर गई हूं। इसलिए बचपन में हर काम में उनको follow करती थी। लेकिन जब भी पापा के तरीके से बैठती तो मम्मी से खूब डांट खाती थी। उस समय तो इसका कारण नहीं समझ में आता था और ज्यादा सोचती भी नहीं थी क्योंकि खेल में बिज़ी हो जाती थी। लेकिन अब बड़े होने के बाद भी इसका जवाब नहीं मिला है।
जवाब खोजना क्यों है?
क्योंकि एक दिन ऑफिस में हम आऱाम से पैर फैला कर बैठे थे तो मेरे कुछ पुरुष कलीग मुझे देख हंस रहे थे। हम तो ध्यान नहीं दिए लेकिन फिर अगले दिन मेरी बगल वाली ने मुझे बताया। अब बता क्या करें? उस समय मैं परेशान तो नहीं हुई लेकिन ये तो सोचने लगी कि हम लड़कियों को टांगे फैलाकर क्यों नहीं बैठनी चाहिए?
आप भी सोचिएगा और फिर हमें बताइएगा। तब तक के लिए दुनिया भर में चल रहे #Womanspreading को फॉलो करें। अगर नहीं मन है तो ना करें लेकिन ये नुक्स मत निकालिएगा कि इन महिलाओं को आए दिन ऐसे कैम्पेन चलाने की क्या जरूरत है?
जरूरत तो है। क्योंकि हर बड़े बदलाव की शुरुआत छोटे से ही कदम से शुरू होती है। तो चाहे सोशल मीडिया पर #NoBlouse ट्रेंड कर रहा हो या फिर #Womanspreading या फिर #MeToo... हमें हर तरह के कैम्पेन को फॉलो करना चाहिए।
इंस्टाग्राम पर हिट हे यै कैम्पेन
#MeToo के बाद अब महिलाएं सोशल मीडिया पर #Womanspreading चलाकर उन stereotypes को तोड़ना चाहती हैं जिन्हें केवल महिलाएं इसलिए फॉलो करती हैं क्योंकि वे 'lady-like mannerisms' है मतलब महिलाओं वाले शिष्ट तरीके हैं। इंस्टाग्राम पर #Womanspreading काफी ट्रेंड कर रहा है और ये अपनी बात को काफी पावरफुल तरीके से रख रहा है।
उठ जाते हैं चरित्र पर सवाल
इन दिनों सोशल मीडिया पर #womanspreading तेजी के साथ ट्रेंड कर रहा है खासकर इंस्टाग्राम पर। इस stereotypes को तोड़ना इसलिए जरूरी होता है क्योंकि कहीं कहीं इस तरह के बैठने के तरीके को महिलाओं के चरित्र से भी जोड़कर देखा जाता है।
जरूरी है तोड़ना इन stereotypes को
Cross your legs. पैरों को क्रॉस करके बैठो। कम से कम ankles को तो क्रॉस कर लो।
अपनी जिंदगी में ये बातें लड़कियों को बैठने समय एक ना एक बार जरूर सुनने मिली होंगी। ये सारी की सारी महिलाओं के लिए universal instructions हैं जिन्हें दुनिया की हर महिलाओं को सुनने के लिए मिलते हैं। और ये केवल पब्लिक प्लेसेस में ही सुनने को नहीं मिलते बल्कि घर में भी सुनने को मिल जाते हैं जब आप परिवार के साथ पैर फैलाकर बैठी हों तो।
क्योंकि महिलाओं से उम्मीद की जाती है कि वो lady-like manner में ही हमेशा बैठे। लेकिन इस #Womanspreading कैम्पेन को देखकर ऐसा लगता है कि महिलाओं ने निश्चय कर लिया है इस stereotypes को तोड़ने का।
खूब शेयर की जा रही हैं पिक्स
इस कैम्पेन को दुनिया के हर कोने से महिलाओं को सपोर्ट मिल रहा है। इस सोच को तोड़ने के लिए महिलाएं इंस्टाग्राम पर टांगें फैलाकर बैठी हुई खूब सारी पिक्स शेयर कर रही हैं। लड़कियां इन #womanspreading कैम्पेन में बढ़चढ़ कर हिस्सा ले रही हैं। इससे पहले कई दूसरे कैम्पेन के माध्यमों के द्वारा महिलाएं समाज में बने हुए stereotypes को तोड़ने की कोशिश कर चुकी हैं।
चल चुके हैं और भी कैम्पेन
पिछले दिनों सोशल मीडिया पर महिलाओं ने भारत में #NoBlouse कैम्पेन चलाया था। उससे पहले #Lipstick Rebellion तक के कैंपेन चलाए जा चुके हैं।
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