किसी ट्रक के पीछे, किसी दीवार पर, किसी की टीशर्ट पर या फिर किसी होर्डिंग पर गाहे-बगाहे आपको 'बुरी नजर वाले तेरा मुंह काला' मुहावरा कहीं लिखा हुआ दिख ही जाता है। बुरी नजर को लेकर भारत में कई तरह की मान्यताएं हैं। यहां तो बुरी नजर को उतारने के लिए बाकायदा हवन किए जाते हैं। इसे लोग बुराई और जलन से जोड़कर देखते हैं, लेकिन क्या ये सही है? बुरी नजर वाले तेरा मुंह काला का असली अर्थ क्या है?
हिंदी के ऐसे कई मुहावरे और कहावतें हैं जिनका अर्थ हम समझते तो हैं, लेकिन असल में वो क्यों कहे जाते हैं ये नहीं जानते। इसके पहले भी हम आपको ऐसे ही कई मुहावरों के बारे में बता चुके हैं। जैसे, भाड़ में जाओ का मतलब, बहती गंगा में हाथ धोने का मतलब, अब इसी कड़ी में हम बताने जा रहे हैं 'बुरी नजर वाले तेरा मुंह काला' मुहावरे का मतलब।
क्या है इसका शाब्दिक अर्थ?
यहां बुरी नजर का मतलब जलन से जोड़कर देखा जाता है, लेकिन अगर इससे जुड़ी प्रचलित कहानियों को देखें तो बुरी नजर को ईवल आई से जोड़कर देखा जाएगा। ये स्त्रियों के सम्मान से भी जोड़ा जाता है। स्त्रियों पर बुरी नजर डालना प्राचीन समय से ही पाप माना जाता है। इस मुहावरे में भी बुरी नजर का मतलब बुराई से है ना कि जलन से।
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आखिर क्यों बुरी नजर वाले का मुंह काला किया जाता है?
इसके पीछे कई तर्क दिए जाते हैं। मुहावरों और लोक कथाओं की शुरुआत कहां से हुई इसके बारे में तो कोई जानकारी नहीं निकाली जा सकती, लेकिन बुरी नजर वाले का मुंह काला क्यों किया जाता है इसके पीछे की कथा जरूर बताई जा सकती है। आपने देवी अहिल्या, चंद्रमा, इंद्र और महर्षि गौतम की कहानी तो सुनी ही होगी। (Minute को हिंदी में क्या कहते हैं)
देवी अहिल्या के रूप से मोहित होकर इंद्र देव ने महर्षि गौतम का रूप लिया था। चंद्रमा को अपने इस स्वांग में साथी भी बना लिया। चंद्रमा ने आधी रात को ही मुर्गे का रूप धरकर बांग दी और फिर ऋषि गौतम गंगा स्नान करने चले गए। इतनी देर में इंद्र ने अहिल्या के पति का रूप लेकर उसके साथ दुष्कर्म किया। महर्षि गौतम से कोई खतरा ना हो इसके लिए इंद्र ने चंद्रमा को द्वार पर ही बैठा दिया। जब गौतम ने चंद्रमा को देखा तो श्राप दिया कि तुम पर राहु की दृष्टि हो जाए। इसके बाद चंद्र ग्रहण लगने लगा। इसी के साथ, चंद्रमा के मुंह पर काला दाग भी लग गया। इसी तरह इंद्र को भी श्राप दिया गया कि तुम्हारी पूजा पृथ्वी पर नहीं होगी। यही कारण है कि इंद्रदेव का कोई भी मंदिर नहीं है।
ये कहानी बताती है कि बुरी नजर रखने वाले का मुंह काला हो जाता है और सार्वजनिक बेइज्जती होती है।
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अगर हम पुराने जमाने की बात करें, तो पाएंगे कि किसी भी बदसलूकी या बुरी नजर का दंड देने के लिए लोगों की सार्वजनिक बेइज्जती की जाती थी और उनका मुंह काला कर दिया जाता था।
अब कहीं ना कहीं इसी बात से हम 'बुरी नजर वाले तेरा मुंह काला' मुहावरे की उत्पत्ति देख सकते हैं। जिस तरह से समय के साथ-साथ भाषा में बदलाव आते हैं, वैसे ही मुहावरों के अर्थ भी बदल जाते हैं। ऐसे ही बुरी नजर का अर्थ जलन से जुड़ गया।
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