बचपन में बच्चा जो देखता है और सीखता है, वह उसके साथ जिंदगीभर रहता है। ऐसे में आज के दौर की जरूरत को समझते हुए बच्चों में बचत और निवेश की आदत बचपन से होनी चाहिए। स्कूल में जिस तरह से गणित, विज्ञान और भाषा की शिक्षा मिलती है, उसी तरह अगर हम बच्चों को पैसों की कीमत, बचत और निवेश जैसी छोटी-छोटी चीजें सिखाएं तो वह भविष्य में आर्थिक रूप से मजबूत और आत्मनिर्भर बन सकते हैं।
बच्चों के बचत करने की जब भी बात आती है, तो उन्हें सबसे पहले गुल्लक मिल जाती है। लेकिन, आज की डिजिटल और तेजी से बदलती दुनिया में सिर्फ पैसा जमा करना काफी नहीं है। मॉडर्न वर्ल्ड में सेविंग्स के तरीके भी मॉडर्न हैं। हालांकि, इसका बिल्कुल भी मतलब नहीं है बच्चे शेयर मार्केट में उतर जाएं और ट्रेडिंग करने लगें। बल्कि, उन्हें सुरक्षित, आसान और लॉन्ग टर्म बेनिफिट्स के बारे में समझाना होगा। अगर आप भी चाहती हैं कि आपका बच्चा भी मॉडर्न तरीकों से पैसा बचाए, तो यहां हम ऐसे तरीकों के बारे में बताने जा रहे हैं जिससे बचत और मुनाफा दोनों कमाया जा सकता है।
एक समय था जब बच्चे गुल्लक में पैसा जोड़ते थे। यह तरीका तो अच्छा था लेकिन, गुल्लक में पैसा डालने से ब्याज नहीं मिलता है। ऐसे में अगर आप अपने बच्चे को बचत की कीमत समझाना चाहती हैं, तो RD की मदद भी ले सकती हैं। बता दें, आप 100 रुपये प्रति महीना की RD भी शुरू करवा सकती हैं। इसके लिए बस आपको बच्चे के नाम पर अकाउंट ओपन करवाना होगा। अकाउंट ओपन होने के बाद बच्चों को पॉकेट मनी से पैसा बचाकर अकाउंट में जमा कराने की सीख दे सकती हैं।
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आप बैंक या पोस्ट ऑफिस में भी बच्चे का अकाउंट ओपन करवाकर आरडी शुरू कर सकती हैं। दरअसल, मौजूदा समय में बैंक से ज्यादा पोस्ट ऑफिस में इंटरेस्ट ज्यादा मिल रहा है। हालांकि, जब भी आप आरडी अकाउंट खुलवाने जाएं तो पहले इंटरेस्ट और टेन्योर आदि के बारे में पूरी जानकारी लें।
जब भी बच्चों को सेविंग्स के बारे में समझाएं तो उन्हें बैंक अकाउंट में पैसे जोड़ने की सलाह दें। जब बच्चे 10 हजार भी जोड़ लें, तो उनकी फिक्सड डिपॉजिट बनवा दें। ऐसा करने से बच्चों के पैसे बचेंगे भी और बढ़ेंगे भी।
आज के समय में गोल्ड के रेट आसमान छू रहे हैं। ऐसे में पहली बार में कोई बड़ा इन्वेस्टमेंट करना मुश्किल हो सकता है। इसलिए, बच्चे जब थोड़ा पैसा जोड़ लें तो उनसे गोल्ड बॉन्ड या डिजिटल गोल्ड भी खरीदा जा सकता है। गोल्ड बॉन्ड या डिजिटल गोल्ड के भाव समय के साथ बढ़ते रहते हैं, साथ ही यह एक सेफ इन्वेस्टमेंट भी माना जाता है।
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यह खासकर बच्चों के फ्यूचर के लिए बनाया गया है। इसमें हर महीने थोड़ा-थोड़ा पैसा डाला जा सकता है। यह आप बच्चों को भी समझा सकती हैं और बता सकती हैं कि कैसे उनका पैसा धीरे-धीरे बढ़ रहा है।
बच्चों को बचत के बारे में जब समझाएं तो उन्हें 50/30/20 रूल के बारे में बताएं। इसमें बच्चों को बताएं कि पॉकेट मनी का 50 परसेंट हिस्सा जरूरतों के लिए रखें, 30 परसेंट हिस्सा इच्छाओं के लिए और 20 परसेंट हिस्सा सेविंग्स के लिए रखना चाहिए।
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