भारत में त्योहारों, शादियों और खास मौकों पर सोना खरीदना न सिर्फ परंपरा है। बल्कि, इसे आर्थिक दृष्टि से भी सुरक्षित निवेश माना जाता है। लेकिन, पिछले कुछ समय से सोने यानी गोल्ड के रेट लगातार और तेजी से बढ़ रहे थे। हालांकि, अमेरिका के टैक्स नीति में बदलाव करने के बाद स्टॉक ही नहीं, बल्कि कमोडिटी मार्केट में भी उथल-पुथल मचा दिया है जिसकी वजह से गोल्ड और सिल्वर के रेट कम हुए हैं।
इंडिया बुलियन एंड ज्वैलर्स एसोसिएसन लिमिटेड (IBJA) के मुताबिक, दो दिनों में सोने के दाम में लगातार गिरावट देखने को मिली है। 93 हजार प्रति 10 ग्राम का ऑल टाईम हाई छूने के बाद 24 कैरेट और 22 कैरेट गोल्ड 2 हजार रुपये से ज्यादा सस्ता हुआ है। सोने की कीमत में आई गिरावट ने आम लोगों से लेकर निवेशकों का ध्यान खींचा है। ऐसे में अगर आप भी गोल्ड ज्वैलरी खरीदने या इसमें इन्वेस्ट करने के बारे में सोच रहे हैं तो इससे पहले कुछ बातों को जान लेना जरूरी है।
सोना खरीदने से पहले इन बातों का रखें ध्यान (Things in mind before buying gold)
हॉलमार्क सोना खरीदें
गोल्ड ज्वैलरी लेते समय उसकी प्योरिटी की जांच करना सबसे ज्यादा जरूरी होता है। प्योरिटी चेक करने के लिए उसके हालमार्क पर ध्यान दें। अगर किसी गोल्ड ज्वैलरी पर हालमार्क नहीं है, तो उसे भूलकर भी न खरीदें। हमेशा ब्यूरो ऑफ इंडियन स्टैंडर्ड (BIS) का हालमार्क लगा सर्टिफाइड गोल्ड ही लेना चाहिए। सर्टिफाइड गोल्ड पर 6 अंकों का हालमार्क कोड होता है, जिसे HUID नंबर कहते हैं। 24 कैरेट गोल्ड को सबसे शुद्ध माना जाता है। लेकिन, गोल्ड ज्वेलरी ज्यादातर 22 कैरेट में बनती है।
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मेकिंग चार्ज पर ध्यान दें
अगर आप सोने के जेवर लेने जा रहे हैं, तो उसके टोटल बिल में मेकिंग चार्ज पर जरूर ध्यान दें। दरअसल, कई ज्वेलर्स आकर्षक ऑफर देते हैं लेकिन, उसके बदले मोटा मेकिंग चार्ज लगा देते हैं। बता दें, मेकिंग चार्ज पूरी तरह से ज्वेलरी के डिजाइन और उसकी बारीकी पर निर्भर करता है।
किस तरह का सोना खरीदना फायदेमंद? (Best type of gold to purchase)
अगर आप निवेश के लिए सोना खरीद रहे हैं, तो ज्वेलरी खरीदना फायदे का सौदा साबित नहीं होता है। ऐसा इसलिए, क्योंकि ज्वेलरी में 8 प्रतिशत से लेकर 25 प्रतिशत या इससे भी ज्यादा मेकिंग चार्ज लगता है। ऐसे में ज्वैलरी की जगह गोल्ड के अन्य रूपों में निवेश कर सकते हैं। आइए, यहां जानते हैं गोल्ड ज्वेलरी की जगह किस तरह का सोना खरीदा जा सकता है।
सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड
यह एक तरह के गोल्ड बॉन्ड हैं, जिन्हें रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया जारी करता है। सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड में सालाना ब्याज भी मिलता है। इसके अलावा इसमें निवेश करने से टैक्स में बेनिफिट भी हो सकता है। सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड को लॉन्ग टर्म निवेश के लिए फायदेमंद माना जाता है।
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डिजिटल गोल्ड
आप ऑनलाइन भी गोल्ड में निवेश कर सकते हैं। डिजिटल गोल्ड लेने से उसे फिजिकली स्टोर करने की टेंशन नहीं होती है। साथ ही आप छोटी रकम से भी इसमें निवेश कर सकते हैं। हालांकि, आप जिस भी प्लेटफॉर्म से डिजिटल गोल्ड खरीदें तो उसे अच्छी तरह से पहले चेक कर लें और फिर ही अपनी मेहनत की कमाई लगाएं।
गोल्ड ETF और म्यूचुअल फंड्स
शेयर मार्केट के जरिए भी गोल्ड में निवेश किया जा सकता है। इसमें लिक्विडिटी ज्यादा होती है और आसानी से ट्रैक भी किया जा सकता है।
सिक्के और बार
अगर आप निवेश करने के मकसद से सोना खरीद रहे हैं, तो गोल्ड ज्वेलरी की जगह सिक्के या बार लेना फायदेमंद हो सकता है। ऐसा इसलिए, क्योंकि इसमें मेकिंग चार्ज नहीं होता है और इसे एक्सचेंज या बेचते समय ज्वैलर कट भी नहीं लगाता है।
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Image Credit: Freepik
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