बात करते-करते इंग्लिश अच्छी हो गई मगर, अपनी हिंदी पर मुझे बहुत गर्व है- तापसी पन्नू

तापसी का कहना है कि हमें अपनी भाषा पर गर्व करना चाहिए और यह बात मुझे जगह जगह ट्रेवल करने के दौरान समझ में आई।

  • Shikha Sharma
  • Her Zindagi Editorial
  • Updated - 2019-01-16, 11:43 IST
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इंडिया में वेस्टर्न कल्चर अपनाने की ज़िद बहुत ज्यादा है। ख़ासकर इंग्लिश लैंग्वेज को सबसे ज्यादा ज़रूरी मानने वाले इंडियन्स ही हैं। हिंदी मीडियम जैसी फ़िल्मों ने बदलाव लाने की कोशिश ज़रूर की है मगर, रियल लाइफ में इस बात को समझना कि हिंदी भी किसी से कम नहीं है, इसे समझने में लोगों को अभी बहुत वक़्त लगेगा। लेकिन, हाल ही में हमारी मुलकात जिस एक्ट्रेस से हुई, उनका कहना है कि इंग्लिश भी ज़रूरी है मगर, इसका मतलब यह नहीं कि हिंदी को कम आंका जाए।

ये एक्ट्रेस हैं तापसी पन्नू! तापसी का कहना है कि हमें अपनी भाषा पर गर्व करना चाहिए और यह बात मुझे जगह-जगह ट्रेवल करने के दौरान समझ में आई। तापसी ने इंग्लिश भाषा को लेकर अपनी परेशानियां और वेस्टर्न कल्चर से सीखी हुई एक ख़ास बात भी हमसे शेयर की, आइए जानते हैं-

मुझे भी लगता था कि इंग्लिश बोलना है बहुत ज़रूरी

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तापसी पन्नू ने कहा कि मैं इंग्लिश मीडियम स्कूल से ही हूं, जहां इंग्लिश बोलना बहुत ज़रूरी था। हिंदी की सिर्फ़ क्लास होती थी और बस उसी टाइम हम हिंदी बोल पाते थे इसलिए मुझे लगता था कि इंग्लिश बोलना बहुत ज़रूरी है। लेकिन, फिर भी मेरी इंग्लिश इतनी फ़्लूएंट नहीं थी। कॉलेज तक आते-आते बात करते-करते मेरी इंग्लिश ठीक हुई। और जब मैं ज़िन्दगी में और आगे बढ़ी, नए अनुभव लिए तो पता चला कि यह तो सिर्फ़ एक लैंग्वेज है। और इंग्लिश बोलना ज़रूरी नहीं है, ज़रूरी है कि आप सही चीज़ बोलें।

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ट्रेवल के दौरान समझा कि हमने खुद की लैंग्वेज पर गर्व महसूस करना चाहिए

तापसी ने आगे कहा कि मुझे घूमने का और नई जगह देखने का बड़ा शौक रहा है और मेरे काम के चलते मैंने कई जगहों पर ट्रेवल किया है। और ट्रेवल करते हुए मुझे ये समझ आया कि आप चाहे कहीं से भी हों लेकिन आपको अपनी भाषा पर गर्व होना चाहिए। मैंने देखा कि लोग फ्रेंच बोलते है, जर्मन भाषा में बात करते हैं और अपनी लैंग्वेज पर बहुत प्राउड करते हैं और हम हैं कि उन्हें कॉपी कर रहे हैं। बल्कि, हमें अपनी हिंदी भाषा पर गर्व होना चाहिए। वेस्टर्न कल्चर ने मुझे यही बात सिखाई है कि हमें अपनी भाषा पर गर्व महसूस करना चाहिए। हम अगर हिंदी बोल रहे हैं तो इसमें शर्म महसूस नहीं करनी चाहिए।

इंग्लिश नहीं आती तो नहीं आती

तापसी ने कहा कि अगर इंग्लिश नहीं आती तो इसमें कोई बड़ी बात नहीं है। बहुत से लोग हैं जिन्हें हिंदी नहीं आती, हम तो उन्हें कहीं से भी कमज़ोर नहीं समझते! तो, जब हमें इंग्लिश नहीं आती तो हम अपने आपको अनपढ़ या कमज़ोर क्यों समझें?

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