क्या आप दुनिया के सबसे बूढ़े इंसान के बारे में जानते हैं? अक्सर जापान के 116 साल के Kane Tanaka का नाम सामने आता है जिन्हें गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में जगह मिली हुई है। इससे बूढ़ा किसी को नहीं माना जाता है। पर फिर भी गाहे-बगाहे ऐसी खबरें दुनिया के कई कोनों से आती रहती हैं कि जनाब फलानी जगह पर सबसे बूढ़ा इंसान अभी भी जिंदा है। पर पहली बार ये भारत में हुआ है। भारत में एक ऐसा इंसान भी है जो ये दावा करता है कि उसकी उम्र 123 साल की है और वो दुनिया का सबसे बूढ़ा इंसान है।
हाल ही में कोलकाता के बेहाला में रहने वाले स्वामी सिवानंद को अबू धाबी एयरपोर्ट पर अपना पासपोर्ट दिखाने को कहा गया। उस समय वो लंदन के लिए रवाना हो रहे थे। पासपोर्ट देखते ही एयरपोर्ट वाले चौंक गए। दरअसल, उसमें जन्म की तारीख लिखी हुई थी 8 अगस्त 1896, अब पासपोर्ट की मानें तो स्वामी सिवानंद 123 साल के हैं। अगर ऐसा है तो वो दुनिया के सबसे बूढ़े इंसान हो सकते हैं।
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खुद को स्वामी सिवानंद कहने वाले इस व्यक्ति ने अपना नाम गिनीज बुक में देने की कोशिश भी की है, लेकिन पुख्ता दस्तावेज़ न होने के कारण ये नहीं माना जा रहा है। उनके पास सिर्फ उनका पासपोर्ट और साथ ही साथ मंदिर के कुछ दस्तावेज़ हैं। स्वामी सिवानंद के माता-पिता का स्वर्गवास तभी हो गया था जब वो 6 साल के थे। उनका दावा है कि वो वाकई 1896 में जन्मे हैं, लेकिन कोई उनकी बात नहीं मान रहा है, क्योंकि उनके पास इसके अलावा कोई सबूत नहीं है।
123 साल की उम्र के व्यक्ति से आप ये उम्मीद नहीं कर सकते हैं कि वो अकेले पूरी दुनिया घूमे, लेकिन स्वामी सिवानंद पूरी दुनिया की सैर करते हैं और साथ ही साथ वो रोज़ाना योगा भी करते हैं।
स्वामी सिवानंद 5 फिट 2 इंच के हैं और वो खुद अपना सारा काम करते हैं। वो दुनिया की अलग-अलग जगहों पर अकेले जाते हैं। हर रोज़ वो चटाई पर सोते हैं और साथ ही साथ लकड़ी के तख्ते को तकिए की तरह इस्तेमाल करते हैं।
वो रोज़ाना योगा और संतुलित आहार को ही अपनी उम्र का कारण बताते हैं और कहते हैं कि क्योंकि वो इस तरह का जीवन जीते हैं इसलिए इतने बूढ़े नहीं लगते हैं जितने वो हैं। उनका कहना है कि लोगों को तीखे और मसाले वाले खाने और सेक्शुअल इच्छाओं से दूर रहना चाहिए।
Mirror UK को 2016 में दिए एक इंटरव्यू में उन्होंने कहा था कि वो हमेशा संतुलित जीवनशैली में जीते आए हैं। उनका कहना था कि, 'दुनिया में कुछ भी किया जा सकता है अगर इंसान अपने शरीर को संतुलित कर ले और अपनी इच्छाओं पर काबू रखे तो वो कुछ भी कर सकता है। मैं सिर्फ उबला खाना खाता हूं तेल और मसालों के बिना। इसके साथ में चावल और उबली दाल खाता हूं हरी मिर्च के साथ। में दूध और फल नहीं खाता क्योंकि मुझे इनपर भरोसा नहीं है। मेरे बचपन में मैं खाली पेट कई बार सोता था।'
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उन्होंने आगे कहा, 'पहले लोग कुछ ही चीज़ों में खुश हो जाते थे। अब लोग नाखुश हैं और स्वस्थ्य भी नहीं हैं। और अब लोग सच भी नहीं बोलते हैं। ये मुझे काफी तकलीफ देता है। मैं चाहता हूं कि लोग खुश रहे, स्वस्थ्य रहें और संतोष में रहें।'
अब देखना ये है कि क्या वाकई स्वामी सिवानंद का दावा सच है? अगर ऐसा है तो भारत के पास एक और गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड आ जाएगा। हम ये ज़रूर चाहेंगे कि उनके दावों की जांच हो और अगर ये सही है तो उन्हें दुनिया के सबसे बूढ़े आदमी होने का खिताब दिया जाए।
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