यूं तो फिल्म इंडस्ट्री में कई गायक हैं, लेकिन जो अपनी आवाज से सबको मंत्रमुग्ध कर दे वो बात जगजीत सिंह में थी। उनके द्वारा गाया गया हर एक गाना दिल को आज भी रूला देता है। चाहे वह 'होठों से छू लो तुम, तुमको देखा तो ख्याल आया, कागज की कश्ती, कोई फरियाद गाना हो', इन सभी गानों को आज भी लोग सुनना पसंद करते हैं।
भले ही आज जगजीत सिंह हमारे बीच न हो। लेकिन आज भी उनके गाने लोगों के जेहन में जिंदा है। ऐसे ही आपने उनका एक और सबसे फेमस गाना 'चिट्ठी न कोई संदेश' तो जरूर सुना होगा। शायद आप इस गाने को अपने एक्स बॉयफ्रेंड की याद या किसी अन्य के लिए सुनते होंगे? लेकिन क्या आप जानते हैं कि यह गाना कैसे बना? क्यों इस गाने के हर बोल इतने अहम है कि वह दिल को रूला देते हैं? शायद नहीं तो आज हम आपको बताएंगे कि किसकी याद में जगजीत सिंह ने गाया था यह गाना।
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जगजीत सिंह राजस्थान के रहने वाले हैं। हालांकि, उनका जन्म श्रीगंगानगर शहर में हुआ था। जगजीत सिंह के पिता सरकारी नौकरी करते थे। जगजीत सिंह को संगीत का ज्ञान विरासत में मिला है। हालांकि, जगजीत सिंह के पिता चाहते थे कि वह आईएएस की तैयारी करें। लेकिन जगजीत सिंह को गायक बनना था। इसलिए वह सपना पूरा करने मुबंई आए और अपनी सुरीली आवाज से सबका दिल जीत लिया। हालांकि, गजल सम्राट की उपाधि पाना उनके लिए आसान नहीं था। उन्होनें इसके लिए बेहद मेहनत की और कई बुरे दिनों का सामना भी किया।
जगजीत सिंह ने यह गाना साल 1998 में आई फिल्म 'दुश्मन' में गाया था। इस फिल्म में आशुतोष राणा, काजोल और संजय दत्त जैसे दिग्गज कलाकारों ने अहम भूमिका निभाई है। न केवल इस फिल्म को बल्कि इस फिल्म के हर गाने को जनता द्वारा बेहद सराहा गया। खासौतर पर जगजीत सिंह द्वारा गया गाना चिट्ठी न कोई संदेश ने लोगों के दिल में अपनी खास जगह बनाई। लेकिन जगजीत सिंह ने यह गाना केवल फिल्म के लिए नहीं बल्कि अपने किसी खास यानी जिगर के टुकड़े के लिए गाया था। उन्होनें अपने किसी खास को याद कर यह गाना गाया था।
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गजल सम्राट कहे जाने वाले जगजीत सिंह ने 'गजलों की रानी' चित्रा सिंह से साल 1969 में शादी रचाई थी। दोनों ही इस शादी से बेहद खुश थे और इस शादी से उनका एक बेटा भी था, जिसका नाम विवेक था। यह बात 1990 की जब जगजीत सिंह ने अपने बेटे की कार एक्सिडेंट में खो दिया था। जगजीत सिंह और उनकी पत्नी इस हादसे से अदंर तक हिल गए थे और खुद को संभालना बेहद मुश्किल हो गया था। इसी कारण दोनों ने संगीत की दुनिया से दूरी बना ली थी। लेकिन कुछ समय बाद जगजीत सिंह ने अपने आप को संभाला और फिर अपने बेटे की याद में चिट्ठी न कोई संदेश गाना गाया। (कपल डांस के लिए बेस्ट गाने)
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जगजती सिंह ने अपनी प्रतिभा के दम पर कई अवार्ड अपने नाम किए हैं। साल 1998 में उन्हें साहित्य अकादमी अवार्ड से नवाजा जा चुका है। इसके बाद 2003 में भारत सरकार द्वारा उन्हें पद्म भूषण पुरस्कार मिला। भले ही आज जगजीत सिंह हमारे बीच न हों। लेकिन उनकी आवाज आज भी अमर है। (शर्मिला टैगोर की सबसे लोकप्रिय फिल्में)
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गजल में आम आदमी की दिलचस्पी को बढ़ाने का श्रेय केवल जगजीत सिंह को जाता है। उन्होनें फिल्मों में गजलों को गाने की तरह गाया। जिसके कारण आम लोग गजलों को पसंद करने लगे। यही कारण है कि जगजीत सिंह को गजल सम्राट कहा जाता है। (हिंदी सिनेमा के बेस्ट गाने)
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Image Credit: Instagram-jagjitsinghofficial
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