जैन धर्म के लोगों के लिए महावीर जयंती का दिन बहुत खास होता है। हर साल चैत्र मास की शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि के दिन महावीर जयंती का पर्व मनाया जाता है। महावीर जयंती के इस खास अवसर पर जैन धर्म के लोग प्रभात फेरी, शोभा यात्रा और पूजा अनुष्ठान आयोजित की जाती है। महावीर जयंती भगवान महावीर को समर्पित है, महावीर जी ने समाज कल्याण के लिए संदेश दिए थे और मोक्ष की प्राप्ति के लिए 5 नियम भी बनाए थे। इन पांच नियम को महावीर के पंच सिद्धांत के रूप में जाना जाता है। ऐसे में चलिए जानते हैं, इस साल महावीर जयंती कब मनाई जाएगी और इसका क्या महत्व है।
भगवान महावीर कौन हैं?
पौराणिक धर्म ग्रंथ और कथाओं के अनुसार महावीर स्वामी जी जैन धर्म के 24वें तीर्थंकर हैं। महावीर स्वामी जैन धर्म के उन 24 प्रमुख लोगों में से एक हैं, जिन्होंने कठोर तपस्या कर आत्मज्ञान की प्राप्ति की है। ऐसा कहा जाता है कि जैन धर्म के ये तीर्थंकरों ने अपनी इंद्रियों और भावनाओं पर पूरी तरह से विजय पा लिया था।
2024 में कब है महावीर जयंती?
साल 2024 में महावीर जयंती 21 अप्रैल 2024 को रविवार के दिन मनाई जाएगी। इस 21 अप्रैल को महावीर जी का 2622 वां जन्मदिन मनाया जाएगा। हिंदू पंचांग के अनुसार यह तिथि इस साल चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि यानी 20 अप्रैल 2024 को रात 10:41 को शुरू होगा जो कि अगले दिन 22 अप्रैल 2024 को दोपहर 1:11 पर समाप्त हो जाएगी। पंचांग की माने तो यह पर्व उदया तिथि के अनुसार 21 अप्रैल को मनाई जाएगी।
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महावीर जी के पांच सिद्धांत क्या है?
महावीर जी राजसी ठाठ-बाठ छोड़ आध्यात्म की राह को अपनाने वाले महावीर स्वामी ने अपने पूरी जिंदगी मानव जाति को अंधकार से प्रकाश की ओर जाने वाले मार्ग दिखाए हैं। महावीर स्वामी ने मानव जीवन को जीने के लिए 5 सिद्धांत बताए हैं, जिसे पंचशील सिद्धांत कहा जाता है।
- सत्य
- अहिंसा
- अस्तेय यानी चोरी न करना
- अपरिग्रह यानी विषय व वस्तुओं के प्रति लगाव न होना
- ब्रह्मचर्य का पालन करना
महावीर जयंती से जुड़े फैक्ट
- महावीर का जन्म स्थान बिहार (बिहार में घूमने लायक जगह) है इसलिए बिहार में इस पर्व को धूमधाम से मनाया जाता है।
- महावीर की जन्म भूमि को अहल्या भूमि कहा जाता है।
- महावीर जी की ज्ञान साधना 12 साल तक चली थी।
- भारत में पालीताना, रणकपुर, श्रवणबेलगोला, दिलवाड़ा मंदिर, खंडगिरि गुफाएं और उदयगिरि गुफाएं ये प्रसिद्ध जैन तीर्थ स्थल हैं,जहां भव्य तरीके से जयंती मनाई जाती है।
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