भारत के सबसे चर्चित परिवारों में से एक माना जाता है गांधी-नेहरू परिवार। गांधी परिवार की बात करें तो शुरुआती दौर से जो एक नाम सबसे ऊपर आता था वो था इंदिरा गांधी का नाम। उन्होंने भारत की राजनीति को बदल दिया और इतना ही नहीं वो भारत के उन कुछ प्रधानमंत्रियों में से एक रहीं जिनमें कड़े फैसले लेने की क्षमता थी। इंदिरा गांधी के बाद संजय गांधी और राजीव गांधी दोनों ही राजनीति में आए। पर गांधी परिवार की बहुओं ने अपने-अपने पतियों की मौत के बाद जब इस कमान को संभाला तब से ही इनके बीच के विवादों की चर्चा ज्यादा होने लगी।
जहां सोनिया गांधी कांग्रेस के नेतृत्व में अहम भूमिका निभाती आई हैं वहीं मेनका गांधी ने हमेशा से ही भाजपा का साथ बनाए रखा है। गांधी परिवार की ये दोनों बहुएं सशक्त मानी जाती हैं और इनके बारे में आज हम आपको कुछ फैक्ट्स बताने जा रहे हैं।
मेनका आनंद को मेनका गांधी बनाने के लिए अड़ गए थे संजय गांधी
मेनका गांधी एक पंजाबी परिवार से ताल्लुक रखती थीं और 17 साल की मेनका को बॉम्बे डाइंग का एक विज्ञापन मिला था और मेनका गांधी को उस विज्ञापन में देख संजय गांधी अपना दिल दे बैठे थे। मेनका संजय से 10 साल छोटी थीं और उन्हें पहली नजर का प्यार हो गया था।
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मेनका और संजय गांधी की पहली मुलाकात 1973 में मेनका की कजिन की शादी में हुई थी। माना जाता है कि इंदिरा गांधी को मेनका ज्यादा पसंद नहीं थीं, लेकिन उन्हें बेटे की ज़िद के आगे झुकना पड़ा और 1974 में दोनों की शादी हो गई।
मेनका गांधी की मां को भी नहीं पसंद था ये रिश्ता
मेनका गांधी और संजय गांधी का रिश्ता मेनका गांधी की मां को भी नहीं पसंद था। ऐसा माना जाता है कि इस रिश्ते को तोड़ने के लिए मेनका को उनकी दादी के घर भी भेज दिया गया था, लेकिन जैसे ही मेनका दादी के घर से वापस लौटीं वैसे ही सितंबर 1974 में दोनों की सगाई हो गई।
मेनका गांधी ने की थी कांग्रेस की मदद
मेनका गांधी अपने कॉलेज के जमाने में ब्यूटी पेजेंट्स के साथ-साथ जर्नलिज्म के लिए भी जानी जाती थीं और उन्होंने एक मैग्जीन शुरू की थी जिसका नाम था 'सूर्या', इस मैग्जीन ने कांग्रेस की इमेज बिल्ड करने में बहुत मदद की थी और इसमें अधिकतर संजय गांधी और इंदिरा गांधी के इंटरव्यू छापे जाते थे।
मेनका गांधी जुड़ी हैं कई एनजीओ से
मेनका गांधी बहुत सारे एनजीओ से भी जुड़ी हुई हैं जो एनिमल वेलफेयर का काम करते हैं। मेनका गांधी वैसे तो सिर्फ 12वीं पास हैं, लेकिन उन्हें कई सब्जेक्ट्स पर बहुत ही अच्छी नॉलेज है।
सोनिया गांधी से राजीव को पहली नजर में हो गया था प्यार
मेनका और संजय गांधी की तरह ही राजीव और सोनिया गांधी की लव स्टोरी भी बहुत ही खूबसूरत रही है। राजीव गांधी ने सोनिया माइनो को लंदन के एक रेस्त्रां में देखा था और वहीं उन्हें देख दिल दे बैठे थे। उस वक्त सोनिया गांधी वेट्रेस का काम कर रही थीं और राजीव ने होटल के मालिक को रिश्वत देकर उनसे कहा कि कुछ ऐसा करो कि सोनिया उनके करीब रह सकें।
दिल्ली से लंदन सोनिया को देखने आई थीं इंदिरा गांधी
इंदिरा गांधी उस वक्त भी बहुत खुले विचारों की थीं और वो अपने बेटे के प्यार से मिलने लंदन पहुंच गई थीं। 1965 में विदेशी बहू लाने के लिए इंदिरा गांधी तैयार हो गई थीं।
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सोनिया के घर वालों को पसंद नहीं था ये रिश्ता
सोनिया गांधी के घर वाले ये नहीं चाहते थे कि वो किसी राजनीतिक परिवार में जाएं। इसलिए सोनिया के पिता को ये रिश्ता पसंद नहीं था, लेकिन बेटी की खुशी के आगे वो मान गए। यही कारण है कि सोनिया गांधी से शादी के बाद राजीव गांधी लंबे समय तक राजनीति से दूर रहे। उस वक्त इंदिरा गांधी भी नहीं चाहती थीं कि राजीव गांधी राजनीति में जाएं।
सोनिया और मेनका दोनों ही बहुत ही सशक्त महिलाएं हैं और दोनों ने अपनी-अपनी जगह बेहतर तरीके से बनाई है। ये स्टोरी आपको कैसी लगी इसके बारे में हमें कमेंट सेक्शन में जरूर बताएं। अगर आपको ये स्टोरी अच्छी लगी है तो इसे शेयर जरूर करें। ऐसी ही अन्य स्टोरी पढ़ने के लिए जुड़े रहें हरजिंदगी से।
Image Credit: Dailyo/ Wikibo/rediff
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