कल्पना चावला एक ऐसा नाम है जिसे भारत का बच्चा-बच्चा जानता है। वह पहली भारत में जन्मी महिला थी जिसने अंतरिक्ष की यात्रा की थी। अब उनके बाद एक और भारत में जन्मी महिला यह कारनामा करने वाली है। इस महिला का नाम सिरिशा बांदला है। आपको बता दें कि वर्जिन गैलेक्टिक के मालिक और मशहूर उद्योगपति रिचर्ड ब्रेनसन अंतरिक्ष की यात्रा पर जा रहे हैं। वह 11 जुलाई को अपनी यह यात्रा शुरू करेंगे। रिचर्ड ब्रैनसन ने इस बात का ऐलान किया था कि उनके साथ 5 और अन्य यात्री अंतरिक्ष की यात्रा पर जाएंगे जिसमें 34 साल की सिरिशा का नाम भी शामिल है।
आपको बता दें कि सिरिशा बांदला वर्जिन गैलेक्टिक कंपनी में सरकारी कार्यों और शोधों से जुड़ी हुई हैं। इस पूरी अंतरिक्ष यात्रा में उनके साथ एक और महिला यात्री भी शामिल है। दूसरी यात्री का नाम बेश मोसेस है। सिरिशा वर्जिन गैलेक्टिक कंपनी के गवर्नमेंट अफेयर्स एंड रिसर्च ऑपरेशन के उपाध्यक्ष के पद तक महज 6 सालों में इस कारण पहुंचे में कामयाब रही क्योंकि उन्होंने इस मुकाम को पाने के लिए दिन-रात कड़ी मेहनत की थी।
भारत में यहां हुआ है जन्म
आपको बता दें कि सिरिशा का जन्म भारत के राज्य आंध्र प्रदेश के गुंटूर में हुआ है। उन्होंने पर्ड्यू विश्वविद्यालय से एयरोनॉटिकल इंजीनियरिंग में स्नातक किया है। स्नातक करने के बाद उन्होंने जॉर्जटाउन यूनिवर्सिटी से एमबीए की डिग्री ली। वर्तमान में वह ह्यूमन टेंडेड रिसर्च एक्सपीरिएंस की प्रभारी भी रहेंगी।
भारत में जन्मी दूसरीमहिला जो अंतरिक्ष का सफर करेंगी
सिरिशा भारत में जन्मी दूसरी महिला है जिन्होंने अंतरिक्ष तक का सफर तय करने में कामयाब रही हैं। इससे पहले यह उपलब्धि हरियाणा में जन्मी कल्पना चावला नें अपने नाम किया था। वह एक भारतीय अमेरिकी अंतरिक्ष यात्री थीं और अंतरिक्ष शटल मिशन विशेषज्ञ भी थीं। वह कोलंबिया अंतरिक्ष यान दुर्घटना में मारे गए सात अंतरिक्ष यात्रियों में से एक थीं। कोलंबिया अंतरिक्ष यान 1 फरवरी 2003 को अमेरिका के टेक्सास के ऊपर आसमान में दुर्घटनाग्रस्त हो गया था।
बचपन से थी आसमान को छूने की चाह
सिरिशा का पालन-पोषण अमेरिका के टेक्सास के ह्यूस्टन में हुआ है। इस कारण उन्होंने रॉकेट्स और अंतरिक्ष यानों को बहुत करीब से देखा है। वह बचपन से ही आसमान की ऊंचाइयों को छूना चाहती थीं। पहले वह वायुसेना की पायलट बनना चाहती थी पर कमजोर आंखों के कारण वह ऐसा नहीं कर सकीं। लेकिन, इस अंतरिक्ष यात्रा से वह आसमान को छूने के अपने बचपन के सपना पूरा कर सकेंगी। वह इस यात्रा के दौरान अंतरिक्ष पर होने वाले असर के बारे में भी शोध करेंगी। (कल्पना चावला की पूरी हुई थी अंतिम इच्छा)
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ट्वीट करके सिरिशा ने यह कहा
वर्जिन गैलेक्टिक कंपनी द्वारा अंतरिक्ष यात्रियों की घोषणा होने के बाद सिरिशा ने एक ट्वीट करके कहा, ' मुझे यूनिटी-22 क्रू और उस कंपनी का हिस्सा होने पर सम्मानित महसूस हो रहा है, जिसका मिशन सभी लोगों के लिए अंतरिक्ष यात्रा को सुगम बनाना है।'
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दादा ने सिरिशा की उपलब्धि के बारे में यह कहा
सिरिशा के दादा आंध्र प्रदेश में गुंटूर में रहते हैं। वह पेशे से एक कृषि विज्ञानी हैं। अपनी पोती की उपलब्धि पर उन्होंने एक मीडिया हाउस से बात करते हुए कहा कि, 'मैंने हमेशा उसमें कुछ बड़ा हासिल करने का उत्साह देखा है और आखिरकार वो अपना सपना पूरा करने जा रही है। मुझे यह विश्वास है कि वह इस अंतरिक्ष यात्रा में सफलता हासिल करेगी और पूरे देश उस पर गर्व महसूस होगा।' आपको बता दें कि सिरिशा के पिता डॉक्टर मुरलीधर एक वैज्ञानिक हैं और अमेरिकी सरकार में वरिष्ठ कार्यकारी सेवा के सदस्य हैं।
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(Image Credit: Instagram)
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