हिन्दू धर्म में विवाह को एक पवित्र बंधन माना जाता है। आपको बता दें कि शादी करने के बाद महिलाओं को सोलह श्रृंगार करना चाहिए क्योंकि इसका एक विशेष महत्व होता है। सोलह श्रृंगार का वर्णन हिन्दू ग्रंथों में भी मिलता है। आपको बता दें कि महिलाओं का शादी के बाद सोलह श्रृंगार करना बहुत जरूरी होता है।
लेकिन आखिर यह सोलह श्रृंगार क्या होता है और इसका क्या महत्व है इसके बारे में हम आपको बताएंगे।
क्या होता है सोलह श्रृंगार और उसका महत्व?
सोलह श्रृंगार एक शादीशुदा महिला के लिए सिर से लेकर पैरों तक सजने की चीजें होती हैं। आपको बता दें कि हिन्दू पुराणों के अनुसार महिलाओं का शादी के बाद सोलह श्रृंगार करने से घर में सुख, शांति और समृद्धि आती है।
सोलह श्रृंगार के बारे में ऋग्वेद में भी बताया गया है और इसमें यह कहा गया है कि सोलह श्रृंगार सिर्फ खूबसूरती ही नहीं बल्कि भाग्य को भी खोलता है। आपको बता दें कि एक औरत को घर की लक्ष्मी के रूप में माना जाता है। ऐसे में घर में समृद्धि को बनाए रखने के लिए ये सोलह श्रृंगार उस स्त्री की मदद करते हैं इसलिए सोलह श्रृंगार का विशेष महत्व होता है।
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क्या-क्या होता है सोलह श्रृंगार में?
सोलह श्रृंगार में कई सारी चीजें होती हैं। इसमें सिंदूर जिसे सुहाग की निशानी माना जाता है, काजल जो नई नवेली दुल्हन को नजर से बचाता है, मांग टीका भी सोलह श्रृंगार का एक महत्वपूर्ण हिस्सा होता है।
इसके साथ-साथ शादीशुदा महिला माथे पर बिंदी लगाती हैं जो सोलह श्रृंगार में से एक बहुत महत्वपूर्ण श्रृंगार होता है। आपको बता दें कि लाल बिंदी को सबसे ज्यादा शुभ माना जाता है।
इसके साथ-साथ शादी के दिन और उसके बाद भी कई जगह दुल्हन को नाक में नथ पहननी जरूरी होती है। अगर बात करें गजरे की तो फूलों से बना गजरा भी सुहाग की निशानी के रूप में पहना जाता है। आपको बता दें कि सबसे जरूरी सोलह श्रृंगार में से होता है मंगलसूत्र पहनना।
शादी के समय दूल्हा अपनी दुल्हन को मंगलसूत्र पहनाता है। आपको बता दें कि एक शादीशुदा औरत के लिए यह सबसे जरूरी माना जाता है। ज्यादातर मंगलसूत्र काले और गोल्डन मोतियों से बनी एक माला होती है आजकल लोग कई डिजाइन के मंगलसूत्र पहनते हैं। आपको बता दें कि झुमके पहनना भी सोलह श्रृंगार में आता है।
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अगर बात करें अंगूठी की तो वह भी बहुत महत्वपूर्ण मानी जाती है। इसे एक विश्वास का प्रतीक भी माना जाता है। इसके साथ-साथ बाजूबंद भी सोलह श्रृंगार में एक आभूषण होता है। अगर बात करें मेहंदी की तो दुल्हन का सोलह श्रृंगार मेंहदी के साथ ही पूरा माना जाता है।
आपको बता दें कि कमर में पहनने वाला आभूषण कमरबंद भी शादीशुदा औरत के द्वारा पहना जाता है। इसके साथ-साथ शादी के बाद महिलाएं चूड़ियां और लाल जोड़ा भी पहनती हैं जो सोलह श्रृंगार में आता है। आपको बता दें कि बिछिया और पायल को भी सोलह श्रृंगार में विशेष माना जाता है।
तो यह थी सोहल श्रृंगार के बारे में जानकारी।
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image credit- unsplash/freepik
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