(significance of sharad purnima with lord krishna) हिंदू पंचांग के अनुसार दिनांक 28 अक्टूबर को शरद पूर्णिमा का त्योहार मनाया जाएगा। वहीं ब्रज में इस पर्व का खास महत्व है। शरद पूर्णिमा के दिन चंद्रमा अपनी 16 कलाओं से युक्त रहता है। वहीं इस दिन माता लक्ष्मी की विशेष पूजा-अर्चना की जाती है। इसके साथ ही शरद पूर्णिमा का संबंध भगवान श्री कृष्ण से है।
इसी दिन भगवान कृष्ण ने सोलह हजार गोपियों की इच्छा पूरी की थी और उनके साथ नृत्य किया था। जिसे महारास कहा जाता है। ऐसा कहा जाता है कि इस दिन मनचाहा प्यार और जीवनसाथी पाने के लिए कई तरह के उपाय भी किए जाते हैं। जिससे सभी इच्छा पूरी होती है। ऐसे में इस दिन महारास का क्या महत्व है और पौराणिक कथा क्या है। इसके बारे में जानना जरूरी है।
आइए इस लेख में ज्योतिषाचार्य पंडित अरविंद त्रिपाठी से विस्तार से इसके बारे में जानते हैं।
जानें महारास का क्या है महत्व ?
भगवान श्रीकृष्ण (भगवान कृष्ण मंत्र)की सभी लालीओं को रास कहा जाता है, लेकिन शरद पूर्णिमा के दिन रात्रि में यमुना किनारे बंसी वट में जब कान्हा ने पूरी रात नृत्य किया था। उसे महारास कहा जाता है। शास्त्रों के अनुसार यह महारास बेहद अद्भुत है। ऐसा कहा जाता है कि चंद्रमा भी उस महारास को देखने में इतने मग्न हो गए कि वह अपनी गति को स्थिर कर दिए और तब कई महीनों तक सुबह ही नहीं हुई थी।
भगवान श्री कृष्ण ने इसे ब्रह्मा की रात जितना लंबा कर दिया था। पुराणों के अनुसार कहते हैं कि यह शरद पूर्णिमा की रात मनुष्यों की करोड़ो रात के समान मानी गई है।
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जब शरद पूर्णिमा पर भगवान कृष्ण ने कामदेव का घमंड तोड़ा
काम और प्रेम के देवता कामदेव को अपनी शक्ति का बहुत घमंड हो गया था। कहते हैं कि कान्हा की बांसुरी में इतनी ताकत थी कि उसकी धून से ही कोई भी मोहित हो जाता है। जब भगवान कृष्ण ने शरद पूर्णिमा की रात बंसी बजाई, तब सभी गोपियां उनकी ओर खिंची चली आईं। उनके मन में कृष्ण को पाने की इच्छा थी, लेकिन काम वासना नहीं।
कामदेव ने अपनी पूरी शक्ति लगा दी, लेकिन हजारों गोपियों के साथ नृत्य कर रहे कृष्ण के मन में काम की वासना उत्पन्न नहीं हुई। तब कामदेव के घमंड को मुरलीधर ने चूर-चूर कर दिया।
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शरद पूर्णिमा के दिन मनचाहा प्यार पाने के लिए करें ये उपाय
- शरद पूर्णिमा के दिन संध्या में भगवान कृष्ण और राधा की उपासना करें और उन्हें गुलाब के फूलों की माला चढ़ाएं।
- मध्य रात्रि में सफेद वस्त्र पहनकर चंद्रमा(चंद्रदोष उपाय) को अर्घ्य दें और इस मंत्र का 3 माला जाप करें।
- ॐ राधावल्लभाय नमः
- भगवान को चढ़ाई माला अपने पास रखें। ऐसी मान्यता है कि प्रेम संबंधों में मिठास बढ़ती है और मनचाहा प्रेम मिलता है।
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Image Credit- Freepik
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