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chandan significance in puja path

पूजा-पाठ में क्यों किया जाता है चंदन का इस्तेमाल, जानें इसका महत्व

पूजा-पाठ के दौरान कई चीजों के इस्तेमाल से घर में शुभता आती है। ऐसी ही चीजों में से एक है चंदन। आइए जानें चंदन का इस्तेमाल पूजा में जरूरी क्यों माना जाता है और इसके फायदे क्या हैं। 
Editorial
Updated:- 2023-06-12, 12:00 IST

हिन्दू धर्म में पूजा-पाठ के दौरान विभिन्न सामग्रियों का इस्तेमाल किया जाता है। उन सामग्रियों में से सिंदूर, चंदन, कुमकुम, हल्दी और रोली को प्रमुख माना जाता है। हम देवताओं की क्या चढ़ाते हैं और किस तरीके से चढ़ाते हैं ये भी बहुत ज्यादा मायने रखता है।

कई लोग देवताओं को सिंदूर और कुमकुम से सजाते हैं तो कुछ देवताओं को चंदन का तिलक लगाया जाता है। चंदन को पूजा-पाठ की सबसे प्रमुख सामग्रियों में से एक माना जाता है। मुख्य रूप से भगवान शिव के मस्तक पर चंदन लगाना बहुत शुभ माना जाता है और यदि शिवलिंग का अभिषेक चन्दन से किया जाता है तो आपके लिए शुभता का प्रतीक होता है।

चन्दन को पूजा-पाठ में अत्यंत शुभ माना जाता है और मस्तक पर इसका टीका लगाने से भी कई फायदे होते हैं। आइए ज्योतिषाचार्य डॉ आरती दहिया जी से जानें पूजा में चन्दन का इस्तेमाल क्यों किया जाता है और इसका महत्व क्या है। 

क्या होता है चंदन 

chandan significance in hindi

चंदन एक सुगंधित लकड़ी होती है जो हिंदू धर्म में बहुत पवित्र मानी जाती है। चंदन शब्द संस्कृत से लिया गया है, जिसका अर्थ है 'प्रसन्न करना' या 'वह जो प्रसन्न करता है'। हम इसका उपयोग देवता और भक्तों को तिलक लगाने के लिए करते हैं।

आमतौर पर भौहों के बीच चंदन का तिलक लगाया जाता है। दरअसल यह वो क्षेत्र होता है जो मस्तिष्क के सात चक्रों को नियंत्रित करता है। यह मानव बुद्धि का केंद्र माना जाता है। यह वह क्षेत्र है जिसे कुछ लोग तीसरी आंख मानते हैं। पूजा-पाठ के दौरान जब हम किसी भी देवता के माथे पर तिलक लगाते हैं तो उस देवता की दिव्य ऊर्जाओं को आकर्षित करते हैं और सकारात्मक ऊर्जा लाते हैं। 

देवताओं को आकर्षित करती है चंदन की सुगंध 

chandan in shivling

ऐसी मान्यता है कि जब चंदन का इस्तेमाल पूजा के दौरान किया जाता है तब ये देवी-देवताओं को अपनी ओर आकर्षित करता है और आपको पूजा का पूर्ण फल मिलता है। चंदन का शीतलन प्रभाव देवताओं को शांति प्रदान करने में मदद करता है।

इसका शीतलन प्रभाव भी होता है और हमें शांत रखते हुए दिमाग को ठंडा करता है। चंदन में आध्यात्मिकता बढ़ाने के लिए सात्विक तत्व मौजूद होते हैं। इसकी सुगंध देवताओं और सकारात्मक ऊर्जा को आकर्षित करती है और आपको पूजा का पूर्ण फल मिलता है। 

पुराणों में भी बताया गया है चंदन का महत्व 

chandan benefits

पौराणिक कथाओं के अनुसार राम चंद्र जी को चंदन का लेप लगाना पसंद था। वहीं भागवत पुराण में उल्लेख है कि भगवान कृष्ण के शरीर के ऊपरी हिस्से पर चंदन का लेप लगाया गया था। यह चंदन कृष्ण जी को कुब्जा नाम की एक कुबड़ी महिला ने लगाया था।

तभी से कृष्ण जी को चंदन का तिलक लगाया जाने लगा। यही नहीं शिवलिंग पर भी चंदन का लेप किया जाता है जिससे शीतलता बनी रहे। शिवलिंग पर चंदन लगाने से आपके घर की समृद्धि बनी रहती है और कई समस्याओं से मुक्ति मिलती है। 

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चंदन लगाने का सही समय 

माथे पर उपयुक्त स्थान पर चंदन का तिलक लगाना महत्वपूर्ण माना जाता है। क्योंकि जब आप ऐसा करते हैं, तभी यह आज्ञा चक्र या तीसरे नेत्र चक्र को सजीव करता है जो मानव विचारों को भी सकारात्मक करने में मदद करता है।

चन्दन का लेप शीतलता प्रदान करता है और कई तरीकों से फायदेमंद होता है जो बाहरी त्वचा के साथ आंतरिक शक्तियों को भी केंद्रित करने में मदद करता है। जब किसी मूर्ति के माथे पर चंदन का तिलक (नाभि पर चंदन का तिलक लगाने के लाभ) लगाता है, तो दाहिनी नाड़ी  जागृत हो जाती है। इससे देवताओं के दिव्य तत्व आसपास से आकर्षित होते हैं। 

यदि आप भी पूजा-पाठ में चंदन का इस्तेमाल करते हैं तो आपके जीवन में कई तरह के सकारात्मक प्रभाव होते हैं और माथे पर चंदन का तिलक लगाना भी शुभ माना जाता है। 

 

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