ज्योतिष के अनुसार चंदन को राहु ग्रह से जोड़ा जाता है। मान्यता है कि चंदन राहु के बुरे प्रभाव और त्वचा व शरीर से जुड़े कई रोगों के निवारण के लिए उपयोगी माना जाता है। हिंदू धर्म में चंदन को बहुत शुभ माना जाता है और विभिन्न पूजा-पाठ में इसका इस्तेमाल किया जाता है।
राहु को परेशान करने वाली ऊर्जा को शांत करने के लिए चंदन की सुगंध को सबसे बेहतरीन माना गया है। इसी वजह से ज्योतिष में शरीर के कुछ विशेष हिस्सों में चंदन का तिलक लगाने की सलाह दी जाती है।
कभी माथे पर, तो कभी गर्दन पर इसका तिलक लगाना शुभ माना जाता है। इसके साथ ही नाभि पर चंदन का तिलक लगाना भी विशेष रूप से शुभ माना जाता है। आइए योर एस्ट्रो स्पीक के फाउंडर डॉ राहुल सिंह जी से जानें नाभि पर चंदन का तिलक लगाने के ज्योतिष फायदों के बारे में।
शरीर में होते हैं 7 चक्र
ज्योतिष की मानें तो शरीर में सात चक्र होते हैं, जिन्हें मूलाधार, स्वाधिष्ठान, मणिपुर, अनाहत , विशुद्धाख्या, आज्ञा और सहश्रार के नाम से जाना जाता है। नाभि वाले हिस्से को मणिपुर कहा जाता है और नाभि से ही हमारे पूरे चक्रों में प्राण ऊर्जा का प्रवाह होता है।
वैदिक साहित्य में चन्दन को अद्भुत तत्त्व के रूप में देखा गया है और इसको अलौकिक कार्यो से जोड़ा जाता है। चंदन की तासीर ठंडी होती है और चन्दन को नाभि पर लगाकर हम ऊर्जा का सभी चक्रो की तरफ सही प्रवाह करते हैं। इससे हमारे आत्मविश्वास और आत्मबल में वृद्धि होती है और हम परिश्रम करने के लिए उन्मुख होते हैं।
नाभि का मणिपुर चक्र होता है जागृत
चन्दन के प्रयोग से नाभि में निहित मणिपुर चक्र को जागृत करने में सहयोग मिलता है और इस चक्र का सीधा संबंध ब्रह्माण्ड से होता है। चन्दन का उपयोग राहु ग्रह के दोष को दूर करता है। नाभि में चंदन लगाना एक तरह का वैदिक उपाय माना जाता है और इसका सीधा प्रभाव जीवन में ऐश्वर्या, वैभव, सफलता और सम्पन्नता लाने में होता है।
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किन लोगों को नाभि में चंदन लगाना चाहिए
जिन लोगो की जन्म कुंडली में राहु की स्थिति ख़राब हो या राहु बुरे प्रभाव देने वाला हो ऐसे लोगो को नाभि पर चन्दन का टीका प्रतिदिन लगाना चाहिए। इससे धीरे- धीरे राहु ग्रह के कुप्रभाव के कारण किसी के व्यक्तिगत और व्यावसायिक जीवन में जो भी उथल पुथल होती है उससे राहत मिलती है और जन्म कुंडली में जो भाग्यशाली ग्रह होते हैं उनका प्रभाव देखने को मिलता है।
चर्म रोगों से छुटकारा
नाभि में चंदन का टीका लगाने से कई त्वचा रोगों से छुटकारा मिलता है और ये हमारे मस्तिष्क को भी शीतलता प्रदान करता है। इससे आपका स्वास्थ्य बेहतर होता है और शरीर का आकर्षण बढ़ता हैं। यही नहीं इस उपाय से आपके रिश्तों में भी सुधार आता है। चन्दन की शीतलता गुस्से को नियंत्रित रखने में मदद करती है और व्यक्ति आवेश में कोई भी गलत निर्णय नहीं लेता है।
ज्योतिष में नाभि की भूमिका
ज्योतिष के अनुसार नाभि को विशेष स्थान माना गया है। इसे ऐसे शरीर का केंद्र कहा जाता है जो शरीर के कई हिस्सों को नियंत्रित रखने में मदद करता है। चंदन शरीर में जल की अधिकता को कम करने में सहयोग करता है। यही नहीं चंदन में पित्त दोष को संतुलित करने की प्रवृत्ति होती है अतः इसका उपयोग शरीर में पित्त के असंतुलन को ठीक करने के लिए भी लाभकारी होता है।
इसके आलावा यदि आप रात के समय नाभि में चन्दन का तिलक लगाते हैं तो अच्छी नींद के साथ मन को शांति भी मिलती है, लेकिन यदि आपको स्वास्थ्य या त्वचा से जुड़ी कोई भी समस्या है तो चन्दन के इस्तेमाल से पहले किसी एक्सपर्ट की राय अवश्य लें।
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