हर साल लोहड़ी का पर्व हमारे देश में कई लोग मनाते हैं। पहले यह त्यौहार ज्यादातर लोग हरियाणा, पंजाब, दिल्ली, हिमाचल प्रदेश आदि राज्यों में ही मनाते थे लेकिन अब इसे देश के अन्य हिस्सों में भी लोग मनाते हैं।
यह त्यौहार विशेष रूप से किसानों को समर्पित होता है। जब खेतों में फसल लहलहाने लगती है तो ऐसे में नई फसलों को पूजा जाता है और अग्नि जलाकर गुड़, मूंगफली, रेवड़ी, गजक, पॉपकॉर्न आदि अर्पित किया जाता है लेकिन आखिर आग की पूजा क्यों होती है और इसे लोहड़ी के पर्व क्यों जलाया जाता है इसके बारे में हम आपको बताएंगे।
जानें क्यों जलाई जाती है आग
आपको बता दें कि लोहड़ी पर आग जलाने की प्रथा को लोग भगवान शिव की पत्नी सती से भी जोड़ते हैं। पौराणिक कथा के अनुसार सती के पिता राजा दक्ष ने अपने घर में यज्ञ का अनुष्ठान किया था और इस अनुष्ठान में सभी देवी देवताओं को आमंत्रित किया था लेकिन उन्होंने शिव जी को निमंत्रण नहीं दिया था।
इससे माता सती को अपमान महसूस हुआ और वह अपने पिता के पास जवाब लेने उसी अनुष्ठान में पहुंच गई थी। इसके बाद राजा दक्ष ने उनकी व महादेव की बहुत निंदा की। इस निंदा से आहत होकर सती ने अग्नि कुंड में बैठकर खुद की देह का त्याग कर दिया था।(लोहड़ी के त्यौहार पर क्यों डालते हैं आग में तिल और मूंगफली?)
मान्यताओं के अनुसार माता सती के इस बलिदान को याद करते हुए लोहड़ी की शाम को अग्नि जलाई जाती है। आपको बता दें ति लोहड़ी पर्व को लेकर ये भी मान्यताएं हैं कि यह त्योहार सूर्यदेव और अग्नि को समर्पित होता है। ऐसे में नई फसलों को लोग अग्निदेव को समर्पित करते हैं।
इसे भी पढ़ें: Lohri मनाने से पहले जानें इस पर्व के बारे में 5 दिलचस्प बातें
क्या है आग जलाने का महत्व?
लोहड़ी पर उपलों और लकड़ी की मदद से अग्नि जलाई जाती है। लोहड़ी के समय मौसम सर्दी का होता है और इसमें शरीर को गर्म चीजों की जरूरत होती है इसलिए तिल से बनी रेवड़ी, गुड़ से बनी गजक और मूंगफली आदि अर्पित करके इसे प्रसाद के तौर पर बांटा जाता है।
लोगों का यह भी मानना है कि लोहड़ी के बाद से ही मौसम में भी सर्दी कम होना शुरू हो जाती है। लोहड़ी पर परिवार के सभी लोग मिलकर अग्नि की परिक्रमा करते हैं और पारंपरिक गीत गाते हैं।(आखिर हर साल क्यों मनाया जाता है लोहड़ी का त्यौहार?)
इसके साथ-साथ गिद्दा भंगड़ा करते हैं और इस दिन का जश्न मनाते हैं। माना जाता है कि इस त्यौहार पर अच्छी फसल, सुख समृद्धि की कामना भी पूर्ण होती है।
इसे भी पढ़ेंः Lohri 2023: लोहड़ी की तिथि, शुभ मुहूर्त, कथा, पूजन विधि और महत्व जानें
अगर आपको यह स्टोरी अच्छी लगी हो तो इसे फेसबुक पर जरूर शेयर करें और इसी तरह के अन्य लेख पढ़ने के लिए जुड़ी रहें आपकी अपनी वेबसाइट हरजिन्दगी के साथ। इस आर्टिकल के बारे में अपनी राय आप हमें कमेंट बॉक्स में जरूर बताएं।
image credit- freepik
HerZindagi ऐप के साथ पाएं हेल्थ, फिटनेस और ब्यूटी से जुड़ी हर जानकारी, सीधे आपके फोन पर! आज ही डाउनलोड करें और बनाएं अपनी जिंदगी को और बेहतर!
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों