संध्या काल में घर के मुख्य द्वार पर दीपक जलाना क्यों है जरूरी? जानें क्या कहता है शास्त्र

घर के मुख्य द्वार के लिए कई नियम बनाए गए हैं और शास्त्रों में इससे जुड़ी कई बातें बताई गई हैं। आइए जानें संध्या काल में मुख्य द्वार पर दीया जलाना किस तरह के फायदे दे सकता है और ये जरूरी क्यों है। 

 
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हमारे धर्म शास्त्रों में न जाने कितने ऐसे नियम बनाए गए हैं जिनका पालन हम सदियों से करते चले आ रहे हैं। कुछ ऐसी बातें जिनका हमारे जीवन से कुछ न कुछ संबंध जरूर होता है और इनका पालन करने से घर में सुख समृद्धि भी बनी रहती है।

शास्त्रों में बताए नियमों में से एक है संध्या काल में घर के मुख्य द्वार पर दीपक जलाना। ऐसा माना जाता है कि यदि आप संध्या काल में मुख्य द्वार पर दीपक जलाती हैं तो आपके घर में सदैव खुशहाली बनी रहती है। यही नहीं इससे आपकी आर्थिक स्थिति भी अच्छी रहती है। आइए ज्योतिर्विद पंडित रमेश भोजराज द्विवेदी जी से जानें इसके कारणों और फायदों के बारे में कुछ बातें।

माता लक्ष्मी को प्रसन्न किया जा सकता है

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ऐसी मान्यता है कि यदि आप घर के मुख्य द्वार पर दीपक जलाती हैं तो इससे माता लक्ष्मी प्रसन्न होती हैं। दरअसल मान्यता यह है कि संध्या काल में मुख्य द्वार से माता लक्ष्मी का आगमन(वास्तु के अनुसार लगाएं लक्ष्मी जी के चरण)घर में होता है। यदि आप इस स्थान पर दीपक प्रज्ज्वलित करके रखती हैं तो ये जिस समय माता लक्ष्मी घर में प्रवेश करती हैं वो प्रसन्न हो जाती हैं और घर के लोगों को समृद्धि का आशीर्वाद देती हैं।

संध्या का समय राहु की बेला

संध्या काल को राहु का समय माना जाता है। इस समय को गोधूलि बेला भी कहा जाता है। ज्योतिष में मान्यता है कि घर में किसी भी स्थान पर दिया जलाने का यह सबसे मुख्य समय होता है। राहु को नकारात्मक ऊर्जा का कारण माना जाता है।

ऐसी मान्यता है कि यदि आप मुख्य द्वार पर दीपक जलाते हैं तो राहु के दुष्प्रभाव से बचा जा सकता है। दरअसल संध्या काल के बाद से ही नकारात्मक ऊर्जा ज्यादा सक्रिय हो जाती है और यदि आप मुख्य द्वार पर दीपक जलाते हैं तो किसी भी दुष्प्रभाव को कम किया जा सकता है। मुख्य द्वार के साथ ही घर के मंदिर में भी आपको इसी समय दीया जलाने की सलाह दी जाती है।

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दीया जलाने का ज्योतिषी कारण

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यदि आप ज्योतिष की मानें तो दीया में घी या तेल मन की नकारात्मकता का प्रतीक माना जाता है और बाती आत्मा का प्रतीक मानी जाती है। मान्यता है कि किसी भी स्थान पर आप दीया जलाकर अपने मन और आत्मा से नकारात्मकता को दूर कर सकती हैं।

ऐसा करने से सकारात्मक विचारों के प्रवेश को भी रोका जा सकता है। यदि आप मुख्य द्वार पर दीपक जलाती हैं तो यह बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक है। दीया हमेशा संध्याकाल में जलाने की सलाह दी जाती है क्योंकि इस समय सूर्य अस्त हो जाता है और इसकी ऊर्जा की जगह दीपक की लौ की ऊर्जा का घर में प्रवेश होता है, जो सभी बुरी शक्तियों से दूर रखने में मदद करता है।

दीपक जलाने के पौराणिक कारण

घर के मुख्य द्वार पर दीपक जलाने का एक पौराणिक कारण यह है कि प्राचीन समय में जब घरों में रौशनी नहीं होती थी उस समय दीपक की रोशनी से ही घर में प्रकाश किया जाता था। उस समय से ही यह मान्यता चली आ रही है कि मुख्य द्वार पर दीपक जलाना(दीपक जलाते समय न करें ये गलतियां) बहुत जरूरी है जिससे कोई भी बुरी शक्ति घर में प्रवेश न कर सके।

विज्ञान की मानें तो दीपक से निकलने वाली लौ आस-पास के वातावरण को शुद्ध करने और कीटाणुओं को समाप्त करने में मदद करती है। यदि मुख्य द्वार पर ही दीपक जलाया जाता है तो घर के बाहर ही कई हानिकारक तत्वों का नाश हो जाता है और ये घर के भीतर प्रवेश नहीं करते हैं।

मुख्य द्वार के किस स्थान पर दीपक जलाना शुभ होता है

deeya at main entrance

ऐसी मान्यता है कि दिया हमेशा ऐसी दिशा में जलाएं जो घर के बाहर निकलते समय दाहिनी तरफ पड़े। दीपक आपको हमेशा घर के भीतर से ही मुख्य द्वार पर रखना चाहिए। कोशिश करें कि दीपक घी या सरसों के तेल का ही जलाना चाहिए। इससे घर में सकारात्मकता बनी रहती है।

यदि आप भी संध्या काल में घर के प्रवेश द्वार पर दीपक जलाएं तो घर की समृद्धि बनी रहेगी। अगर आपको यह स्टोरी अच्छी लगी हो तो इसे फेसबुक पर शेयर और लाइक जरूर करें। इसी तरह और भी आर्टिकल पढ़ने के लिए जुड़ी रहें हरजिंदगी से। अपने विचार हमें कमेंट बॉक्स में जरूर भेजें।

Images: Freepik.com

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