दीपावली में इन अलग-अलग तरह के दीए जलाने से मिलते हैं विशेष लाभ, आप भी जानें

दीपावली को दिपोत्सव और रोशनी के पर्व के नाम से जाना जाता है। इस दिन घरों में कई तरह दीए और बाती प्रजवलित किए जाते हैं, तो चलिए इन दीए और बाती के महत्व के बारे में जानें।

 
Different Types Of Diyas For Diwali

दीपावली का त्योहार आ गया है। यह त्योहार अमावस्या की रात को मनाई जाती है, इस दिन कई तरह के उपाय भी किए जाते हैं। इस दिन केवल मिट्टी या तेल का ही नहीं बल्कि कई तरह के दीए जलाए जाते हैं। सभी के अलग अलग महत्व होते हैं ऐसे में चलिए जानते हैं, इन अलग अलग तरह के दीया और बाती जलाने के महत्व के बारे में।

आटे का दीया

दीपावली के अवसर पर घरों में आटे का दीया जलाया जाता है। आटे से बने दीये को लेकर मान्यता है कि यह किसी भी प्रकार के साधना और सिद्धि के लिए जलाया जाता है। सभी तरह के दीपक में इसे सबसे उत्तम माना गया है।

घी का दीपक

significance of lighting diya..

जीवन में आर्थिक तंगी से राहत पाने के लिए घी का दीपक जलाना चाहिए। माता लक्ष्मी को प्रसन्न करने के लिए या दीपावली की रात अखंड जोत के लिए गाय के घी का उपयोग दीप जलाने के लिए किया जाता है।

सरसों के तेल का दीया

शत्रुओं से बचने के लिए भैरव बाबा के समक्ष सरसों के तेल का दीया जलाया जाता है। साथ ही सूर्य देव की कृपा के लिए भी सरसों तेल के दीए को शुभ माना गया है।

तिल के तेल का दीपक

शनि ग्रह से मुक्ति पाने और जीवन में उनकी कृपा के लिए तिल के तेल का दीपक जलाना चाहिए।

महुए के तेल का दीप

मनोकामना पूर्ति और पति की लंबी आयु के लिए घर में महुए के तेल से दीया जलाने की मान्याता बताई गई है।

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अलसी के तेल का दीया

diya

राहु एवं केतु ग्रह को शांत करने के लिए अलसी के तेल के दीया को उचित माना गया है।

चमेली के तेल का तीन मुखी दीपक

संकट से मुक्ति एवं हनुमान जी को प्रसन्न कर उनकी कृपा के लिए तीन मुख या कोने वाले दीपक में चमेली के तेल से दिया जलाना चाहिए।

तीन बत्तियों वाला घी का दीया

भगवान गणेश की कृपा के लिए दीया में तीन बत्ती और घी डालकर दिया जलाना चाहिए।

चार मुखी सरसों का तेल

भगवान भैरव की कृपा के लिए चार मुंह वाले दीए में सरसों का तेलभरकर चार बाती लगाएं और इसे भैरव देव के आगे जलकर कष्ट से मुक्ति के लिए प्रार्थना करें।

पंचमुखी दीया

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किसी भी प्रकार के केस या अदालत कार्रवाई को जीतने के लिए पांच मुंह वाला दीया जलाना चाहिए, इससे भगवान कार्तिकेय प्रसन्न होते हैं।

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सात मुखी दीया

माता लक्ष्मी की कृपा सदैव बनी रहे इसके लिए उनके सामने दीपावली को यह सात मुखी दीया जलाया जाता है।

आठ और बारह मुखी दीपक

यह दीया भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए जलाया जाता है। इस दीया के आठ या बारह मुख होते हैं, जिसमें सरसों या घी भरकर जलाया जाता है।

सोलह बत्तियों वाला दीपक

भगवान विष्णु के लिए सोलह बत्तियों वाले दीप जलाए जाते हैं।

गहरा और गोल दीया

इष्ट सिद्धि के लिए और ज्ञान की प्राप्ति के लिए गोल और गहरे दीप जलाना चाहिए।

बीच से ऊपर की ओर उठा हुआ दीया

शत्रु मुक्ति और आपत्ति निवारण के लिए इस तरह के दीया जलाना चाहिए।

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Image Credit: Freepik

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