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Banana Leaves In Puja: पूजा-पाठ में क्यों है केले के पत्तों का इतना महत्व, जानें कारण

पूजा-पाठ में केले के पत्ते का प्रयोग किया जाता है। ऐसे में आइये जानते हैं कि पूजा के दौरान क्यों है केले के पत्ते का इतना महत्व।  
Editorial
Updated:- 2023-04-20, 15:06 IST

Puja Mein Kele Ke Patton Ka Mahatva: पूजा-पाठ में केले के पत्तों का अत्यंत महत्व है। खासतौर पर भारत के दक्षिण क्षेत्र में पूजा-पाठ के दौरान विशेष रूप से केले के पत्तों का प्रयोग किया जाता है। ऐसे में ज्योतिष एक्सपर्ट डॉ राधाकांत वत्स से आइये जानते हैं पूजा में केले के पत्तों के महत्व के बारे में विस्तार से।

  • हिन्दू धर्म में केले को अत्यंत पवित्र माना गया है। किसी भी पूजा, पाठ, हवन (हवन की राख के उपाय), अनुष्ठान, पंगत आदि के दौरान केले के पत्ते का प्रयोग किया जाता है। मात्र केले के पत्ते का ही नहीं बल्कि फल के रूप में केले और ताने के रूप में केले के पेड़ का इस्तेमाल भी देखने को मिलता है।

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  • हिन्दू धर्म ग्रंथों और शास्त्रों में ऐसा बतायागया है कि केले के पेड़ में भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी का वास होता है। साथ ही, केले के पेड़ का संबंध गुरु यानी कि बृहस्पति ग्रह से भी होता है। ऐसे में पूजा के दौरान केले के पत्तों का प्रयोग करने से भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की कृपा बनी रहती है।

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  • भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की कृपा से पूजा का काम बिना किसी बाधा के पूर्ण होता है। साथ ही, बृहस्पति ग्रह का आशीर्वाद भी मिलता है। मान्यता है कि पूजा में केले के पत्ते के इस्तेमाल करने से कुंडली में गुरु ग्रह का स्थान उच्च होता है और शुभ परिणामों के संकेत दिखने लग जाते हैं।

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  • धर्म-शास्त्रों कें यह भी वर्णित है कि केले के पत्ते पर माता लक्ष्मी और भगवान विष्णु (भगवान विष्णु के 8 छल) का भोग लगाने से घर में अन्न का भंडार हमेशा भरा रहता है। अगर केले के पत्ते पर केले का ही भोग लगाया जाए तो इससे दांपत्य जीवन की परेशानियां भी दूर होती हैं और वैवाहिक जीवन का संपूर्ण सुख मिलता है।
  • यही नहीं जब सत्यनारायण की कथा होती है तब भी केले के पेड़ का मंडप बनाया जाता है। ऐसा इसलिए क्योंकि मात्र केले के पेड़ का मंडप ही पूजा स्थान को पूर्णतः शुद्ध कर सकता है। साथ ही, केले के पेड़ के मंडप से ग्रह भी सत्यनारायण भगवान की कृपा से अनुकूल प्रभाव दर्शाते हैं।

तो इसलिए किया जाता है किसी भी पूजा-पाठ या अनुष्ठान के दौरान केले के पत्तों का इस्तेमाल। अगर हमारी स्टोरीज से जुड़े आपके कुछ सवाल हैं, तो वो आप हमें आर्टिकल के नीचे दिए कमेंट बॉक्स में बताएं। हम आप तक सही जानकारी पहुंचाने का प्रयास करते रहेंगे। अगर आपको ये स्टोरी अच्छी लगी है, तो इसे शेयर जरूर करें। ऐसी ही अन्य स्टोरी पढ़ने के लिए जुड़ी रहें हरजिंदगी से।

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