Gajkesari Yoga: आपसे में से ऐसे बहुत से लोग होंगे जिन्होंने अपनी कुंडली अवश्य ही किसी न किसी पंडित से कभी न कभी दिखवाई जरूर होगी। कुंडली में योगों का विशेष महत्त्व होता है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, कुछ योग तो ऐसे होते हैं जो आसानी से किसी की कुंडली में बनते नहीं और अगर बन जाएं तो व्यक्ति को सड़क से महलों में ले आते हैं। यानी कि इन योगों के कुंडली में निर्माण के कारण व्यक्ति का सोया भाग्य जाग जाता है और उसकी किस्मत रातों रात पलट जाती है। ऐसा ही किस्मत बदल देने वाला योग है गजकेसरी योग।
हमारे एक्सपर्ट ज्योतिषाचार्य डॉ राधाकांत वत्स से जब हम ने गजकेसरी योग के बारे में जानकारी हासिल की तो न सिर्फ इसका महत्त्व बल्कि इसके लाभ सुनकर हम दंग रह गए। अब ऐसा तो हो नहीं सकता कि हमें कुछ खास पता चले और हम उसे आप तक न पहुंचाएं। तो चलिए बिना देरी किये जानते हैं गजकेसरी योग के बारे में रोचक बातें।
क्या है गजकेसरी योग?
गजकेसरी योग 2 शब्दों से मिलकर बना है। गज अर्थात हाथी और केसरी अर्थात स्वर्ण। यानी कि कुंडली में गजकेसरी योग का होना धन और शक्ति दोनों को प्रदर्शित करता है।
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किस स्थिति में होता है गजकेसरी योग का निर्माण
कुंडली में बृहस्पति और चंद्र ग्रह की युति से गजकेसरी योग का निर्माण होता है। कुंडली में बृहस्पति और चंद्र (चंद्र दोष के उपाय) का एक साथ आना एक आलौकिक घटना मानी जाती है। ऐसा इसलिए क्योंकि जहां एक ओर बृहस्पति को बुद्धि का कारक माना जाता है तो वहीं, दूसरी ओर चंद्रमा मन का कारक होता है। ऐसे में इन दोनों योगों का एक साथ आना यह दर्शाता है कि व्यक्ति का मन और मस्तिष्क तीव्र रूप से चल रहे हैं।
गजकेसरी योग के लाभ
ज्योतिष के अनुसार, जिस जातक की कुंडली में यह योग बनता है उस व्यक्ति का शक्ति और वैभवता में कोई हाथ नहीं पकड़ सकता। ज्योतिष शास्त्र में इस बात के प्रमाण भी मिलते हैं कि जब जब यह योग जिस किसी की भी कुंडली में निर्मित हुआ है उस व्यक्ति ने इस योग की अवधि में बेहिसाब धन कमाया है और उसे जबरदस्त आर्थिक लाभ भी हुआ है। यहां तक कि उस व्यक्ति के आर्थिक संकट भी शीघ्रता से नष्ट हुए हैं।
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गजकेसरी योग को मजबूत बनाने का उपाय
गजकेसरी योग को मजबूत करने के लिए चंद्रमा और बृहस्पति का मजबूत होना आवश्यक है। यदि ये दो ग्रह कुंडली में मजबूत होंगे और गजकेसरी योग का निर्माण होना संभव है। ज्योतिष में चंद्रमा को मजबूत बनाने के लिए भगवान शिव की पूजा को सर्वश्रष्ठ माना गया है। वहीं, बृहस्पति को मजबूत बनाने के लिए गुरुवार के दिन भगवान विष्णु या केले के पेड़ की पूजा को उत्तम माना गया है।
तो ये थी गजकेसरी योग से जुड़ी समस्त जानकारी। अगर आपको यह स्टोरी अच्छी लगी हो तो इसे फेसबुक पर जरूर शेयर करें और इसी तरह के अन्य लेख पढ़ने के लिए जुड़ी रहें आपकी अपनी वेबसाइट हरजिन्दगी के साथ। आपका इस बारे में क्या ख्याल है? हमें कमेंट बॉक्स में जरूर बताएं।
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