धार्मिक स्थल, पूजा घर और मंदिरों में ड्रेस कोड को लेकर एक लंबे समय से बहस चल रही है। कई धार्मिक स्थलों के पूजारियों का मत है कि श्रद्धालुओं को सभ्य और शालीन कपड़ों में दर्शन के लिए आना चाहिए। वहीं, कुछ लोगों को ड्रेस कोड लागू करने का फैसला गलत लगता है। लेकिन, इन्हीं सब के बीच हाल ही में मुंबई के सिद्धिविनायक मंदिर में नया ड्रेस कोड लागू कर दिया गया है। नया ड्रेस कोड लागू होने के बाद मंदिर में महिलाएं या पुरुष छोटे कपड़े या फटी जींस पहनकर नहीं आ सकेंगे। जी हां, श्रद्धालु अगर पूरे और ट्रेडिशनल कपड़ों में नहीं होंगे, तो उन्हें मंदिर का ट्रस्ट दर्शन करने से रोक सकता है।
मुंबई में स्थित सबसे प्रमुख और पूजनीय स्थल सिद्धिविनायक ऐसा पहला मंदिर नहीं है, जहां ड्रेस कोड लागू किया गया है। जी हां, सिद्धिविनायक से पहले कई मंदिर और पूजा स्थलों पर कपड़ों को लेकर नियम तय किए गए हैं। जिनके बारे में हम यहां जिक्र करने जा रहे हैं।
सिद्धिविनायक ही नहीं, इन मंदिरों में भी लागू है ड्रेस कोड
सिद्धिविनायक मंदिर ट्रस्ट का ड्रेस कोड लागू करने को लेकर ऐसा माना है कि इससे मंदिर में आने वाले सभी भक्तों को सुविधा का अहसास हो और मंदिर परिसर की शालीनता भी बनी रहे। आइए, यहां जानते हैं देश के किन-किन प्रमुख मंदिरों में ड्रेस कोड लागू किया गया है।
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द्वारकाधीश मंदिर, गुजरात
सिद्धिविनायक मंदिर से पहले गुजरात के द्वारकाधीश मंदिर में भी ड्रेस कोड लागू किया जा चुका है। मंदिर ट्र्स्ट के मुताबिक, कोई भी श्रद्धालु छोटे कपड़ों में दर्शन के लिए नहीं जा सकेगा।
बांके बिहारी मंदिर, वृंदावन
साल 2024 के दिसंबर में वृंदावन स्थित बांके बिहारी मंदिर में भी ड्रेस कोड के नियम लागू किए गए थे। जहां श्रद्धालुओं से ऐसी अपील की गई थी कि वह छोटे कपड़े, हाफ पैंट और चमड़े की बेल्ट पहनकर दर्शन करने न आएं। इसी के साथ मंदिर के मैनेजमेंट ने अमर्यादित वस्त्र पहनकर आने वाले लोगों सूचित करने के लिए प्रवेश मार्ग और द्वार पर बैनर भी लगाए हैं।
कालका जी मंदिर
दिल्ली में स्थित प्राचीन कालका जी मंदिर में भी ड्रेस कोड के नियम लागू हैं। यहां छोटी या हाफ पैंट, बरमूडा, मिनी स्कर्ट और नाइट सूट पहनकर आने पर रोक है।
घृष्णेश्वर महादेव मंदिर
महाराष्ट्र के वेरुल में स्थित घृष्णेश्वर महादेव मंदिर में भी ड्रेस कोड लागू है। इस मंदिर में पुरुषों को ऊपरी हिस्से के कपड़े उतारकर ही दर्शन की अनुमति मिलती है। वहीं, महिलाओं को केवल पारंपरिक वस्त्रों में ही दर्शन करने दिया जाता है। पहले तो इस मंदिर में महिलाओं को दर्शन करने की अनुमति भी नहीं थी।
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तिरुपति बालाजी
तिरुपति बालाजी के साथ दक्षिण भारत के कई मंदिरों में ड्रेस कोड लागू है। तिरुपति बालाजी मंदिर में महिलाएं केवल साड़ी या सलवार सूट पहनकर ही दर्शन करने जा सकती हैं। वहीं, पुरुषों को धोती पहनकर ही मंदिर में जाने की अनुमति है। तुरुपति बालाजी मंदिर में शॉर्ट्स या टी-शर्ट पहनकर नहीं जा सकते हैं।
शिवगिरी मठ, केरल
केरल के शिवगिरी मठ में भी पुरुषों के लिए ऊपरी हिस्से के कपड़ों को उतारकर दर्शन करने की प्रथा है। इस प्रथा की वजह से श्रद्धालु शर्ट-टीशर्ट उताकर ही दर्शन करने के लिए जाते हैं। हालांकि, इस प्रथा को लेकर एक समय पर खूब विवाद भी हुआ था।
उत्तराखंड के मंदिरों में भी नियम
दक्षिण भारत के साथ-साथ उत्तराखंड के कई मंदिरों में भी ड्रेस कोड का नियम है। इन मंदिरों में केदारनाथ और बद्रीनाथ भी शामिल हैं। प्राचीन और मुख्य मंदिरों के ट्रस्क का ऐसा मानना है कि दर्शन करने आने वाले श्रद्धालुओं को मर्यादा का ख्याल रखना चाहिए। जिसके लिए महिलाओं और पुरुषों को शरीर का 80 प्रतिशत हिस्सा ढका होना चाहिए। केदारनाथ-बद्रीनाथ के अलावा नैनीताल स्थित कैंची धाम में भी ड्रेस कोड लागू है।
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Image Credit: Herzindagi and Freepik
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