पीरियड से डरने लगी थीं श्रुति हासन, ये है उनकी जिंदगी का एक दर्दनाक पहलू

एक्ट्रेस श्रुति हासन ने हाल ही में अपनी हेल्थ से जुड़ा एक खुलासा किया है। वो अपनी हेल्थ को लेकर डरने लगी थीं और उनके लिए पीरियड्स एक डरावने सपने की तरह थे।

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श्रुति हासन का नाम लेते ही याद आती हैं वो चुलबुली सी खूबसूरत एक्ट्रेस जिन्होंने अपनी कई फिल्मों में अपनी एक्टिंग का जौहर दिखाया है। देश विदेश में श्रुति के लाखों फैन्स हैं। जब हम किसी फिल्मी सितारे के बारे में सोचते हैं तो हमें लगता है कि उनकी जिंदगी बहुत ही आसान है, लेकिन ऐसा नहीं है। हर इंसान अपनी-अपनी मुश्किलों से गुजरता है और श्रुति की जिंदगी का भी एक ऐसा अध्याय है जहां वो लगातार कई सालों से स्ट्रगल कर रही हैं। हाल ही में elle.in को दिए एक इंटरव्यू में श्रुति हासन ने अपने पीरियड और पीसीओएस के बारे में बताया कि वो कितनी ज्यादा परेशान हो गई थीं इन बातों से।

पहले पीरियड ने बदल दी जिंदगी-

श्रुति हासन ने अपने उस इंटरव्यू में बताया कि पहले पीरियड ने उनकी जिंदगी बदल दी, आम लड़कियों की तरह वो भी बड़ी होना चाहती थीं, लेकिन जैसे ही उनको पीरियड हुआ वो ऐसी लड़की बन गईं जिन्हें बहुत दर्द होता था। उन्हें endometriosis और dysmenorrhea डाइग्नोज हुआ जो ऐसी कंडीशन थीं जो यूट्रेस पर असर करती थीं और इसके कारण पीरियड्स के दौरान बहुत ज्यादा दर्द होता है। श्रुति के हालात ऐसे थे कि हर महीने पीरियड होने पर उन्हें स्कूल से वापस घर भेज दिया जाता था।

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श्रुति खुद को भाग्यशाली मानती हैं कि उनका स्कूल ऐसा था जहां पीरियड एक टैबू नहीं था और उसके बारे में बात की जा सकती थी। जहां हम अभी भी ऐसे देश में रहते हैं जहां सेनेटरी नैपकिन या पैड्स को कागज में और काली पॉलीथीन में लपेट कर दिया जाता है वहां ये बहुत बड़ी बात थी।

बर्थ कंट्रोल गोलियों का लेना पड़ा सहारा-

श्रुति हासन ने elle को दिए इंटरव्यू में बताया कि अगर ऐसी कोई स्तिथि हमारे सामने आती है तो उसके लिए कई हार्मोन मेडिसिन लेनी होती है। जैसे बर्थ कंट्रोल गोलियां ये पहली चीज़ होती है जिसे गाइनीक देते हैं, ये दर्द तो कम करती हैं, लेकिन साथ ही साथ ये बहुत ज्यादा वजन भी बढ़ा देती हैं और इसके अलावा, मूड स्विंग्स तो बहुत ज्यादा होते हैं। हां, इनसे स्किन अच्छी हो जाती है, लेकिन कई अन्य दिक्कतें होती हैं।

PCOS से सामना-

श्रुति हासन को 26 साल की उम्र में पीसीओएस बीमारी से सामना करना पड़ा। वैसे तो दुनिया की हर चार में से एक महिला को ये है, लेकिन कोई इसके बारे में खुलकर नहीं बोलता है। इसके कारण महिलाओं में वजन बढ़ने की समस्या, जरूरत से ज्यादा हेयर ग्रोथ, मूड स्विंग्स, पेट के दर्द संबंधित समस्याएं होती हैं। इसके अलावा, श्रुति को मानसिक तौर पर भी कई समस्याएं होती थीं, लेकिन उन्हें लगता था कि एक्टिंग से उनकी जिंदगी थोड़ी बेहतर हो रही है। वो अपने किरदार में खो जाती थीं।

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हर महीने पीरियड आने से पहले लगता था डर-

श्रुति ने इसी इंटरव्यू में बताया कि हर महीने पीरियड आने पर उनके अंदर डर भर जाता था। वो भगवान से प्रार्थना करती थीं कि उस दौरान उन्हें डांस शूट या स्टेज पर जाना नहीं पड़े। उस समय डिप्रेशन भी होने लगता था। उस समय मूड स्विंग्स और असहनीय दर्द परेशान करता था। वो हार्मोन सप्लिमेंट्स लेती थीं, होमियोपेथी और नेचुरल दवाइयां भी लीं, लेकिन वो काम नहीं आया।

श्रुति का वजन 10 किलो बढ़ गया था और हेल्दी डाइट और एक्सरसाइज भी कोई मदद नहीं कर पा रही थी। उनकी इम्यूनिटी भी काफी कमजोर हो गई थी और उनकी पर्सनालिटी को लेकर लोग कई तरह से कमेंट करते थे। उसके बाद उन्होंने काम से ब्रेक लिया और उन्हें पता चला कि उन्हें prolactinoma है, ये वो रेयर कंडीशन होती है जो पीसीओएस के कारण महिलाओं में होती है। एक ऐसा समय भी आया था जब श्रुति मेनोपॉज के बारे में सोचने लगी थीं।

श्रुति की मदद मुंबई स्तिथ एक गाइनीक ने की जो इस कंडीशन को लेकर दवाइयां दे सकते थे। श्रुति को थेरेपी की जरूरत भी पड़ी और ओवर एक्सरसाइजिंग की भी।

'अब इन नेचुरल तेलों का करती हूं इस्तेमाल'-

श्रुति अब primrose oil और borage oil जैसे नेचुरल तत्वों का इस्तेमाल करती हैं क्योंकि उन्हें एलोपेथिक दवाइयां खानी ही पड़ती हैं। हालांकि, उनकी सबसे बड़ी सीख ये है कि वो अब मानसिक तौर पर काफी मजबूत हो गई हैं। उन्हें काफी समय लगा ये अहसास करने में कि उनका ये एटिट्यूड उन्हें परेशान कर रहा है।

श्रुति हासन की तरह ही कई महिलाएं हैं जो इस तरह की समस्या से जुड़ी रहती हैं और उन्हें लगता है कि उनकी जिंदगी बहुत ही मुश्किल होती जा रही है। हर महीना उनके लिए बहुत दर्दनाक होता है। ऐसे में उनके शरीर में कई मानसिक और शारीरिक बदलाव होते हैं। ऐसे समय में श्रुति हासन को तो दोस्तों और परिवार का सपोर्ट मिला, लेकिन कई महिलाओं को अकेले ये तकलीफ झेलनी होती है। ऐसे समय में उनका साथ देना बहुत जरूरी है। ये बहुत जरूरी है कि हम उस समय उन्हें सपोर्ट करें। हर इंसान के दर्द को समझना बहुत जरूरी है।

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All photo credit: Shruti hassan instagram

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