सालभर के लंबे इंतजार के बाद एक बार फिर शारदीय नवरात्रि 29 सितंबर 2019 से शुरू होने वाली हैं। 9 दिन के इस पर्व को हिंदू धर्म में बहुत महत्व दिया जाता है। इन 9 दिनों में देवी दुर्गा के भक्त उनके 9 स्वरूपों की पूजा करते हैं। इन दिनों माता के 9 स्वरूपों की आराधना करने से जीवन में ऋद्धि-सिद्धि ,सुख- शांति, मान-सम्मान, यश और समृद्धि की प्राप्ति होती है। इतना ही नहीं देवी जी के भक्त नवरात्रि के दिनों में व्रत भी रखते हैं। बहुत से लोग अपने घर में देवी जी की स्थापना करते हैं कुछ घर कलश की स्थापना करते हैं। ऐसी मान्यता है कि यदि आप ऐसा करते हैं तो घर में देवी वास करने आती हैं।
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आपको बता दें कि शारदीय नवरात्रि में मां दुर्गा अपने मायके आती हैं। 9 दिन अपने मायके में रहने के बाद वह वापिस लौट जाती हैं। हर बार देवी दुर्गा का वाहन अलग होता है। ज्योतिषाचार्य पण्डित दयानन्द शास्त्री बताते हैं, ‘इस वर्ष रविवार से शारदीय नवरात्र शुरू हो रही हैं। रविवार से जब नवरात्रि शुरू होती है तो देवी दुर्गा गज यानी हाथी पर सवार हो कर आती हैं। जब माता का आगमन हाथी पर होता है तो यह बहुंत ही शुभ होता है। ऐसा जब भी होता है तब बारिश होती है और उन्नत कृषि होती हैं। इसके साथ ही सुख और समृद्धि आती है। ’
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ग्रंथों के अनुसार मां की सवारी दिन के हिसाब से तय होती है
सोमवार को मां की सवारी : हाथी।
मंगलवार को मां की सवारी : अश्व यानी घोड़ा।
बुधवार को मां की सवारी : नाव।
गुरूवार को मां की सवारी : डोली।
शुक्रवार को मां की सवारी : डोली।
शनिवार को मां की सवारी : अश्व यानी घोड़ा।
रविवार को मां की सवारी : हाथी।
इतना ही नहीं इस बार शारदीय नवरात्रि के 9 दिनों में 6 दिन विशेष योग बनेंगे। इन योगों की वजह इस बार यह पर्व काफी शुभ है। यदि आप इस नवरात्रि देवी दुर्गा की पूजा करते हैं तो आपको कोई शुभ समाचार मिलेगा या फिर यह आपके लिए फलदायक रहेगा।नवरात्री में श्री दुर्गा सप्तशती पाठ का क्या है महत्व
इस बार शारदीय नवरात्रि के 9 दिनों में 6 दिन विशेष योग बनेंगे। जिसकी वजह से नवरात्रि की पूजा काफी शुभ और फलदायी होगी। 2 दिन अमृतसिद्धि, 2 दिन सर्वार्थ सिद्धि और 2 दिन रवि योग बनेंगे। नवरात्रि के यह 9 दिन शक्ति की उपासना के लिए बेहद शुभ होते हैं। ये देश में खुशहाली के संकेत हैं। नवरात्रि का प्रारम्भ सर्वार्थ सिद्धि योग एवं अमृत सिद्धि योग जैसे बेहद विशेष संयोग में हो रहा है।नवरात्रों में ये 5 चीजें कर दें अपनी किचन से बाहर
जानिए किस तारीख को क्या योग बनेगा
30 सितंबर 2019 को अमृत सिद्धि योग
1 अक्टूबर को रवि योग
2 अक्टूबर को अमृत और सिद्धि योग
3 अक्टूबर को सर्वार्थ सिद्धि
4 अक्टूबर को रवि योग
5 अक्टूबर को रवि योग
6 अक्टूबर को सर्वसिद्धि योग रहेगा।
7 अक्टूबर 2019 को महानवमी दोपहर 12.38 तक रहेगी। इसके बाद दशमी यानी दशहरा होगा।
दशहरा या विजयदशमी 8 अक्टूबर 2019 को दोपहर 14 बजकर 50 मिनट तक रहेगी। यह बहुत ही शुभ सयोग है।
शुभ मुहूर्त
यह बात तो सभी जानते हैं कि शारदीय नवरात्रि की शुरुआत कलश स्थापना की जाती है। अगर आप अपने घर में कलश स्थापना कर रही हैं तो आपको 29 सितंबर 2019 को सुबह 6 बजकर 16 मिनट से 7 बजकर 40 मिनट के बीच ही कलश स्थापना कर लेनी चाहिए।नवरात्रि के 9 दिनों में 9 रंगों से करें मां दुर्गा की आराधना
अगर आप इस मुहूर्त में कलश स्थापना ना कर पायें तो फिर घटस्थापना अभिजित मुहूर्त सुबह 11 बजकर 48 मिनट से दोपहर 12 बजकर 35 मिनट तक रहेगा उसमें कर सकते हैं। कलश स्थापना के लिए तड़के सुबह उठकर सुबह स्नान कर साफ सुथरे कपड़े पहनें। इसके बाद व्रत का संकल्प लें।
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