घर की बड़ी बेटियों ने शेयर किए परिवार से जुड़े ये सीक्रेट कन्फेशन

अक्सर कहा जाता है कि घर की बड़ी बेटी के पास बहुत सारा ट्रॉमा होता है। हमने घर की पांच बड़ी बेटियों से बात की और जानने की कोशिश की उनके सीक्रेट कन्फेशन्स। 

 Secret confession of elder daughters

What is the eldest daughter trauma: क्या आपको पता है कि दुनिया में चर्चित एक 'एल्डेस्ट डॉटर सिंड्रोम' नामक बीमारी भी है जिससे घर की बड़ी बेटियां परेशान रहती हैं। आपको शायद यह सुनकर थोड़ा अजीब लगे, लेकिन घर की बड़ी बेटियों पर एक अजीब सा प्रेशर मौजूद रहता है और यह लगभग सभी जगह होता है। घर की बड़ी बेटियों पर जिम्मेदारियां भी होती हैं और उन्हें खुद से आगे बढ़कर अपने माता-पिता के बारे में भी सोचना होता है। भारत में तो घर की बड़ी बेटियों पर शादी का प्रेशर भी इतना होता है कि मेंटल हेल्थ से जुड़ी समस्याएं हो ही जाती हैं।

हमने कुछ ऐसी लड़कियों से बात की जो अपने घर की सबसे बड़ी संतान हैं और उन्होंने अपने घरों की समस्याओं के कारण कुछ सीक्रेट कन्फेशन किए हैं।

1. चाची के तानों से परेशान हो चुकी हूं...

पुणे की अंकिता कहती हैं कि उन्हें अपने ही घर में घुटन महसूस होने लगी है। अंकिता का कहना है, "चाची को लगता है कि मेरी शादी नहीं हुई तो दुनिया में भूचाल आ जाएगा। उन्होंने अपने जीवन का उद्देश्य ही यह बना लिया है। मेरी उम्र 31 हो गई है और अभी तक मुझे अपने हिसाब सा लड़का नहीं मिला जिसके साथ जिंदगी बिताई जा सके। शादी बच्चों का खेल नहीं होती जिसके लिए आप यूं ही तैयार हो जाएं। उसके लिए सोचना-समझना और बात करना बहुत जरूरी है। पर चाची को लगता है कि मेरे नखरे ज्यादा हैं। उनके हिसाब से मैं जानबूझकर देरी कर रही हूं, ताकि घर वालों को परेशान कर सकूं। भला कौन अपने ही घर वालों को परेशान करना चाहेगा?"

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2. घर की बड़ी बेटी को आइडियल रहने की क्या जरूरत है?

भोपाल की सुरभि कहती हैं कि घर की बड़ी बेटियों को जनरेशनल ट्रॉमा बहुत ज्यादा होता है। माता-पिता की जनरेशन में जितनी समस्याएं आई हैं उनका बोझ किसी ना किसी तरह से बेटी के कंधे पर ज्यादा आता है क्योंकि बेटी के सिर पर परफेक्ट होने की जिम्मेदारी होती है ताकि उसकी सही तरह से शादी हो सके। सुरभि के अनुसार, "जनरेशनल ट्रॉमा के बारे में ज्यादा लोग बोलते नहीं हैं, लेकिन फिर भी यह परेशान कर सकता है। मेंटल हेल्थ के बारे में ज्यादा लोग बात नहीं करते, लेकिन अगर घर की बड़ी बेटी से एक गलती हो जाए, तो सभी उसे दोष देने लगते हैं। उसे पढ़ाई में सही नंबर लाने होते हैं, उसे नौकरी बहुत अच्छी करनी होती है, उसे घर के कामकाज भी आने चाहिए, उसकी शादी भी बहुत अच्छी होनी चाहिए और बस परफेक्ट होने की इसी रेस में कहीं ना कहीं घर की बड़ी बेटियों को परेशानी होती रहती है।"

3. उम्र से पहले ही मजबूरी में बड़ी हो गई...

आकांशा दिल्ली की रहने वाली हैं और उन्हें अपने घर की रिस्पॉन्सिबिलिटी भी संभालनी पड़ती है। आकांशा की उम्र 37 है और बचपन में ही पिता के गुजर जाने के कारण उन्होंने अपने बारे में कभी सोचा ही नहीं। चार भाई-बहनों में आकांशा सबसे बड़ी हैं और टीनएज से ही किसी ना किसी तरह से कमाने की कोशिश कर रही हैं। आकांशा की समस्या ही अलग है, उनकी जिम्मेदारियों के चलते उनकी शादी नहीं हुई, लेकिन रिश्तेदारों को लगता है कि ऐसा उनके अड़ियल स्वभाव के कारण हुआ है। आकांशा का कहना है, "बचपन से कमाने और भाई-बहनों और मां की जिम्मेदारी के चक्कर में कब स्कूल, कॉलेज खत्म कर काम में लग गई पता ही नहीं चला। शुरुआत में लाइब्रेरी में असिस्टेंट, सेल्स गर्ल, सुपरमार्केट असिस्टेंट सभी तरह की नौकरियां की और खुद को स्थापित किया। उम्र से पहले बड़े होने के कारण चिड़चिड़ापन भी आने लगा। भाई-बहनों को पढ़ा कर उनकी शादियां भी करवाईं और अब मैं खुद अकेली पड़ गई हूं। बूढ़ी मां के साथ मुझे इस उम्र में अपनाने के लिए कोई तैयार नहीं होता।"

"ऐसे में रिश्तेदार और परिवार वाले कहते हैं कि मेरी वजह से मेरी शादी नहीं हो रही और मैं खुद ही अकेली पड़ गई। अगर आज मेरी जगह घर का बड़ा बेटा होता, तो उसकी उम्र या स्वभाव को लेकर इतनी बातें नहीं होतीं।"

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4. लक्ष्मी से कब काली बन गई पता ही नहीं चला...

भोपाल की आरोही कहती हैं, "मेरा जन्म दशहरे से एक दिन पहले हुआ था और मुझे घर की बड़ी बेटी होने के कारण दुर्गा, लक्ष्मी और देवी का स्वरूप कहा गया। मुझे गुस्सा अपने पिता से मिला है और बड़ी होने के कारण चार साल की होते ही मेरा छोटा भाई आ गया। चार साल की बच्ची उसी दिन से घर की बड़ी बेटी है। भाई की जिम्मेदारी के साथ-साथ मुझे घर की बाकी जिम्मेदारी ने भी घेरे रखा। मैं इतनी परेशानी में आ गई कि मेरे नेचर में वह चीज झलकने लगी। कॉलेज खत्म करते ही रिश्ते आने लगे और फिर धीरे-धीरे घर के सभी लोग शादी के लिए मुझपर दबाव बनाने लगे। ऐसे में जब भी मैं गुस्सा करती, तो मुझे काली का स्वरूप कहा जाता। घर की लक्ष्मी से कब काली बन गई पता ही नहीं चला।"

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5. बिना बात के जिम्मेदार बड़ी बेटी को ही माना जाता है...

घर की सारी परंपराएं निभाना बड़ी बेटी की जिम्मेदारी ही होती है। मुंबई की प्रियंका का कहना है कि इस तरह की स्थिति में आपको अपनी इच्छाओं को मारना ही पड़ता है। प्रियंका के अनुसार, "घर में अगर कोई रीति-रिवाज फॉलो होते हैं, तो उन्हें बड़ी बेटी को सीखना है और उसके साथ-साथ उसे बाहर के सारे काम भी करने हैं। अगर कहीं भी गलती हो गई, तो उसे ही गलत माना जाएगा। यह भेदभाव लड़कों के साथ नहीं होता है।"

क्या आपको भी लगता है कि घर की बड़ी बेटियों पर जरूरत से ज्यादा जिम्मेदारी होती है?

अगर आप भी अपने किसी भी रिश्ते से जुड़ा सीक्रेट कन्फेशन भेजना चाहती हैं, तो [email protected] पर भेज सकती हैं। अपनी कहानी के साथ यह जरूर बताएं कि आप अपना नाम सार्वजनिक करना चाहती हैं या नहीं।

अगर हमारी स्टोरीज से जुड़े आपके कुछ सवाल हैं, तो आप हमें आर्टिकल के ऊपर दिए कमेंट बॉक्स में बताएं। हम आप तक सही जानकारी पहुंचाने का प्रयास करते रहेंगे। अगर आपको यह स्टोरी अच्छी लगी है, तो इसे शेयर जरूर करें। ऐसी ही अन्य स्टोरी पढ़ने के लिए जुड़ी रहें हरजिंदगी से।

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