सावन का महीना पूरी तरह से भगवान शिव को समर्पित होता है और इस दौरान जो भक्त पूरे श्रद्धा भाव से पूजा एवं जल और दूध का अभिषेक करता है उसे समस्त पापों से मुक्ति मिलती है। ऐसा माना जाता है कि यदि कुंवारी कन्याएं सावन के महीने में विधि पूर्वक शिव पूजन करती हैं तो उन्हें जल्द ही अच्छे वर की प्राप्ति होती है। यही नहीं जो भक्त इस पूरे महीने भक्ति भाव से पूजन करता है उसकी समस्त मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं।
मान्यतानुसार सावन का महीना शिव उपासना के लिए सबसे श्रेष्ठ है और भगवान शिव एकमात्र ऐसे देवता हैं जो भक्तों के पूजन से अति शीघ्र प्रसन्न हो जाते हैं। ऐसा माना जाता है कि वे बहुत भोले हैं, इसलिए उन्हें भोले बाबा भी कहा जाता है। वैसे तो शिव की पूजा कभी भी की जा सकती है लेकिन सावन के पूरे महीने में शिव पूजन करने के लिए सोमवार का दिन श्रेष्ठ माना जाता है। आइए ज्योतिषाचार्य एवं वास्तु विशेषज्ञ डॉ. आरती दहिया जी से जानें सावन के प्रत्येक सोमवार के दिन शिव जी का पूजन कैसे करना चाहिए।
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सावन सोमवार के दिन भोलेनाथ को तरह-तरह के नैवेद्य अर्पित करने चाहिए। इस दिन आप उन्हें शक्कर, सफ़ेद मिठाई, शहद, दही, घी, गन्ने का रस आदि अर्पित करें। इसके अलावा सावन के हर सोमवार को शिवलिंग पर जल में दूध मिलाकर अवश्य अर्पित करना चाहिए। प्रतिदिन शिवलिंग पर जल चढ़ाने एवं शिव मंत्रोंका जाप करने से शनि दोष से मुक्ति मिलती है।
भगवान शिव को पूजा के दौरान चावल अर्पित करना (शिवलिंग पर कच्चे चावल चढ़ाने के नियम) प्रमुख माना जाता है। मान्यता यह है कि जो भी भक्त शिवलिंग पर कच्चे चावल अर्पित करता है उसे समस्त पापों से मुक्ति मिलती है और उसकी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं। लेकिन अक्षत चढ़ाते समय ध्यान रहे कि चावल के दाने टूटे हुए न हों।
पौराणिक कथाओं के अनुसार सावन के सोमवार के दिन व्रत करने वाले भक्तों को शिवलिंग पर बिल्व पत्र, धतूरा, सफ़ेद फूल, मोगरा, आक के फूल श्वेत और रक्त चंदन भस्म, श्वेत मदार, कनेर, बेला, गुलाब पुष्प, बेल फल, भांग चढ़ाने चाहिए और दूध से भगवान शिव का अभिषेक करना चाहिए। ऐसी मान्यता है कि बिल्व पत्र भगवान शिव को बहुत प्रिय है और बिल्व अर्पित करने पर शिव जी अत्यंत प्रसन्न होते हैं और अपना असीम आशीर्वाद भक्तों को प्रदान करते हैं। सावन सोमवार में शिव जी की पूजा माता पार्वती समेत करने से पूजा का पूर्ण फल मिलता है और पूजा के बाद सावन के सोमवार की व्रत कथा पढ़ने और सुनने से विशेष लाभ की प्राप्ति होती है। इस दिन शिव पूजन और आरती करने के बाद भगवान शिव को भोग लगाएं और घर परिवार में बांटने के पश्चात स्वयं भी ग्रहण करें।
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इस प्रकार सावन सोमवार के दिन किया गया व्रत और पूजन भक्तों के लिए विशेष रूप से फलदायी होता है और इससे समस्त पापों से मुक्ति के द्वार भी खुल जाते हैं। अगर आपको यह लेख अच्छा लगा हो तो इसे शेयर जरूर करें व इसी तरह के अन्य लेख पढ़ने के लिए जुड़ी रहें आपकी अपनी वेबसाइट हरजिन्दगी के साथ।
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