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rules of lighting deeya in shani dev

शनिदेव को प्रसन्न करने के लिए जलाती हैं दीपक तो जानें ये नियम

अगर आप शनिवार के दिन भगवान शनिदेव के सामने दीपक जलाती हैं तो इसके विशेष नियमों के बारे में जरूर जान लें। 
Editorial
Updated:- 2022-12-09, 14:26 IST

हिंदू कई देवी-देवताओं की पूजा करने का विधान है और सभी की पूजा का अलग महत्व होता है। ऐसा माना जाता है कि सभी देवताओं के पास अद्वितीय शक्तियां हैं जिनकी पूजा से भक्त जनों की मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं।

मुख्य रूप से गणेश और लक्ष्मी को सफलता और समृद्धि प्रदान करने के लिए जाना जाता है, जबकि सरस्वती को ज्ञान और बुद्धि की देवी के रूप में पूजा जाता है वहीं हिन्दुओं में एक प्रमुख देवता शनि देव को एक शक्तिशाली देवता के रूप में पूजा जाता है जिन्हें बुरी नजर से बचाने और बाधाओं को दूर करने के लिए विशेष रूप से पूजा जाता है।

वहीं मान्यता यह भी है कि यदि शनि देव की पूजा में कोई त्रुटि रह जाए तो भक्तों को पूजा का फल नहीं मिल पाता है। शनि देव की पूजा में मुख्य रूप से उनके सामने दीपक जलाना जरूरी माना जाता है।

शनि देव को प्रसन्न करने के लिए अगर आप भी हर शनिवार दीपक जलाती हैं तो आपको कुछ विशेष बातों और नियमों का पालन जरूर करना चाहिए। आइए ज्योतिषाचार्य एवं वास्तु विशेषज्ञ डॉ आरती दहिया से जानें उन विशेष नियमों के बारे में।

शनि देव के सामने दीपक जलाने का महत्व

shanidev puja and deeya ligting rules

किसी भी पूजा पाठ का दीपक प्रज्वलित करने से गहरा आध्यात्मिक संबंध और महत्व है। दीपक का प्रकाश अज्ञान को नष्ट कर देता है और ज्ञान प्रदान करता है। यह शुभता, धन, स्वास्थ्य और समृद्धि लाता है।

यह मन में नकारात्मक प्रवृत्तियों को दूर करने का कारक माना जाता है। इसे हमारे संदेश को भगवान तक पहुंचाने का एक जरिया भी माना जाता है। भगवान शनि को प्रसन्न करने के लिए भी हम उनकी शिला या छवि के सामने दीपक जलाते हैं हमारी कामनाएं पूर्ण हो सकें।

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सरसों के तेल का दीपक जलाएं

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शनिदेव के लिए सबसे शुभ सरसों के तेल को माना जाता है। इसलिए शनिवार के दिन सरसों के तेल का ही दीपक जलाना चाहिए। इस दिन सरसों का तेल घर के इस्तेमाल के लिए नहीं खरीदना चाहिए बल्कि आप इसे शनिवार के दिन अगर जरूरतमंद को दान में दें तो आपके लिए शुभ हो सकता है।

शनिवार को शनि देव की छवि के सामने दीपक जलाकर उनकी पूजा करें। सरसों के तेल से जलाए गए दीपक से किया गया पूजन शनिदेव को स्वीकार्य होता है।

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दीया टूटा हुआ नहीं होना चाहिए

आपको ध्यान में रखना है कि कभी भी टूटे हुए दीपक का इस्तेमाल न करें। ऐसा माना जाता है कि पूजन में टूटे हुए दीपक के इस्तेमाल से व्यक्ति की बुद्धि क्षीण हो सकती है और शनि देव नाराज हो सकते हैं।

काले तिल को करें शामिल

दीपक जलाते समय तेल में काले तिल जरूर मिलाएं। तिल मिलाकर दीपक जलाने से शनिदेव की विशेष कृपा प्राप्त होती है। शनिदेव के पूजन के साथ भगवान हनुमान की मूर्ति को तेल और काली उड़द दाल से पूजन करें। शनि देव को प्रसन्न करने के लिए हनुमान जी (हनुमान जी के 12 नाम) का पूजन भी एक उपाय है।

दीपक जलाने का सबसे शुभ समय

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ज्योतिष के अनुसार शनि देव के सामने दीपक जलाने का सबसे शुभ समय सुबह 5 बजे से लेकर 10 बजे तक का माना जाता है और शाम को 5 बजे से 7 बजे तक का समय सबसे अच्छा होता है। ऐसा माना जाता है कि इस शुभ समय में ही शनिदेव का पूजन करें और उनके सामने दीपक जलाएं तो मनोकामनाओं को पूर्ति होती है।

पीपल के पेड़ पर जल चढ़ाएं

ऐसा माना जाता है कि यदि शनिवार के दिन आप पीपल का पेड़ लगाते हैं और इस पेड़ की डाल पर सरसों का तेल डालें तो ये भी शनिदेव को प्रसन्न करने का एक उपाय माना जाता है।

यदि आप इन नियमों का पालन करते हुए शनि देव के सामने दीपक जलाती हैं तो आपके घर में सदैव खुशहाली बनी रहती है। अगर आपको यह स्टोरी अच्छी लगी हो तो इसे फेसबुक पर शेयर और लाइक जरूर करें। इसी तरह और भी आर्टिकल पढ़ने के लिए जुड़ी रहें हरजिंदगी से। अपने विचार हमें कमेंट बॉक्स में जरूर भेजें।

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