
Lal Quila Blastदेश में राजधानी दिल्ली में कल शाम 10 नवंबर को लाल किले के पास हुए ब्लास्ट ने देश को दहला दिया है। इस घटना में 10 लोगों के मरने और 24-28 लोगों के घायल होने की खबर सामने आई है। घटना के तुरंत बाद दिल्ली सहित अन्य राज्यों में हाई अलर्ट जारी करने के साथ ही सुरक्षा व्यवस्था बढ़ा दी गई है। साथ ही मेट्रो और सार्वजनिक जगहों पर चेंकिग बढ़ा दी है। ये हमले अक्सर भीड़-भाड़ वाली जगहों, बाजारों या महत्वपूर्ण स्थानों को निशाना बनाते थे, जिससे जान-माल का भारी नुकसान होता था। हालांकि यह कोई पहली बार नहीं है, जब दिल्ली में ऐसी घटना हुई है। इस लेख में आज हम आपको बताने जा रहे हैं कि दिल्ली में इससे पहले कब-कब देश को दहला देने वाले ब्लास्ट और घटना हुई।

साल 2011 में दिल्ली बम विस्फोट भारतीय राजधानी नई दिल्ली में बुधवार, 7 सितंबर 2011 को सुबह 10:14 बजे दिल्ली उच्च न्यायालय के गेट नंबर 5 के बाहर हुआ, जहां एक संदिग्ध ब्रीफकेस बम लगाया गया था। विस्फोट में 15 लोग मारे गए और 79 घायल हो गए।
13 सितंबर 2008 को दिल्ली में हुए सिलसिलेवार तरीके से विस्फोटों ने राजधानी को हिला कर रख दिया था। महज कुछ मिनटों के भीतर करोल बाग के गफ्फार मार्केट, कनॉट प्लेस और ग्रेटर कैलाश I के एम-ब्लॉक मार्केट जैसे व्यस्त इलाकों में पांच धमाके हुए थे। इन हमलों में लगभग 30 लोग मारे गए थे और 100 से ज्यादा लोग घायल हुए थे।
इसके बाद 27 सितंबर को कुतुब मीनार के करीब महरौली फूल मार्केट के पास विस्फोट हुआ था, जिसमें तीन लोगों की मौत और 21 लोगों के जख्मी होने की खबर सामने आई थी।

29 अक्टूबर 2005 को, दिवाली के त्योहार से ठीक पहले, दिल्ली के तीन व्यस्त बाजारों सरोजिनी नगर, पहाड़गंज और गोविंदपुरी में तीन अलग-अलग विस्फोट हुए थे। ये बाजार खरीदारी के लिए पूरी तरह भरे हुए थे। इन हमलों में 62 लोगों की मौत हुई थी और 100 से अधिक लोग घायल हुए थे, जिनमें कुछ विदेशी भी शामिल थे। इन धमाकों ने त्योहारी माहौल को मातम में बदल दिया था और लोगों को स्तब्ध कर दिया था। इसे उस समय तक दिल्ली पर हुए सबसे भयानक हमलों में से एक माना गया था।
13 दिसंबर 2001 को भारतीय संसद पर हुआ आतंकी हमला देश को दहलाने वाली सबसे बड़ी घटनाओं में से एक है। लश्कर-ए-तैयबा और जैश-ए-मोहम्मद के आतंकवादियों ने देश के लोकतंत्र के मंदिर को निशाना बनाया था। सुरक्षाबलों और आतंकवादियों के बीच हुई भीषण गोलीबारी में 9 लोगों की जान गई थी, जिनमें दिल्ली पुलिस के जवान, सीआरपीएफ के जवान और एक माली शामिल थे। इस हमले ने भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव को बहुत बढ़ा दिया था।
25 मई 1996 को दिल्ली के लाजपत नगर सेंट्रल मार्केट में एक बड़ा बम विस्फोट हुआ था। यह व्यस्त बाजार पूरी तरह से भीड़ से भरा हुआ था। इस धमाके में 16 लोगों की मौत हुई थी और 3 दर्जन से अधिक लोग घायल हुए थे। इस हमले की जिम्मेदारी जम्मू-कश्मीर लिबरेशन फ्रंट ने ली थी। इस घटना ने एक बार फिर दिखाया था कि आतंकवादी भीड़-भाड़ वाले आम नागरिक स्थानों को निशाना बना रहे थे, जिससे राजधानी में असुरक्षा की भावना बढ़ गई थी।
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Image Credit- Jagran
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