फिल्मों और टीवी सीरियल्स में हम सभी ने कई बार आतंकी हमलों के दृश्य देखे होंगे। कई बार तो इन दृश्यों के देख मन डर से सिहर भी उठा होगा, मगर असल जिंदगी में भी बहुत सरी ऐसी आतंकी घंटनाएं हैं, जिनको याद कर मन खौफजदा हो जाता है। इनमे से एक और देश की सबसे बड़ी आतंकी घटना का जिक्र किया जाए तो वह है 26 नवंबर 2008 को मुंबई में हुए सीरियल आतंकी हमले इसमें मरने वालों का आकड़ा 160 पार हो गया था और 600 से ज्यादा लोग बुरी तरह से जख्मी हो गए थे।
इस घटना को आज 16 बरस बीत चुके हैं, मगर इस घटना की यादें आज भी केवल डर और दहशत के साएं में घसीट ले जाती है। इस घटना की दर्दनाक तस्वीरों में से एक मुंबई के ताज होटल की गंबद से निकलता हुआ धुआं मन को यह सोचने पर मजबूर कर देता है कि आखिर क्या हुआ होगा उन मुसाफिरों का जो उस रात इस होटल में रुके होंगे।
देश के सबसे लग्जीरियस होटलों में से एक मुंबई के ताज होटल की बहुत सारी एसी तस्वीरें सोशल मीडिया और इंटरनेट पर उबलब्ध हैं, जो हमें उस खौफनाक रात की कहानी सुनाती हैं। मगर क्या आप यह नहीं जानना चाहेंगे कि आखिर 60 घंटों तक आतंकियों की गिरफ्त में रहने के बाद इस होटल में क्या हुआ। क्या आज भी इस होटल में 16 साल पहले हुए इस डरवाने मंजर के निशान बाकी हैं? इतने बरस बीतने के बाद अब यह होटल कितना बदल चुका है? चलिए आज हम आपको इस लेख में बताते हैं।
आतंकियों की गिरफ्त से छूटने के बाद ताज होटल के अंदर का मंजर
मुंबई के ताज होटल में 26 नवंबर 2008 को हुए आतंकवादी हमले के बाद का मंजर भयावह था। यह हमला आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा के द्वारा किया गया था। संगठन के 10 आतंकियों ने उस रात मुंबई में ताज होटल सहित कई और प्रमुख स्थानों पर तबाही मचा दी थी। ताज होटल में लगभग 60 घंटे तक आतंकवादियों और सुरक्षा बल कि सिपाहियों के मध्य मुठभेड़ जारी रही, कई निरदोष मारे गए तो कई बेगुनाह घायल हुए।
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- आखिर में जो जीत हासिल हुई उसकी खुशी भी दुख के आंसुओं में धुल गई, क्योंकि हमले के बाद होटल के अंदर का मंजर डरावना था। कहीं खून बिखरा था, तो होटल के एक हिस्से में आग लग चुकी थी, जिससे अंधकार और जले की कालिख दिमाग के कैनवान पर डरावनी तस्वीर का खांका खीच रही थी।
- होटल के अंदर की अधिकांश जगहों पर भारी गोलीबारी हुई थी, जिसके परिणामस्वरूप दीवारों, खिड़की-दरवाजों यहां तक की फर्श पर भी इसके भद्दे निशान मन में डर पैदा कर रहे थे। छिपे हुए थे, जिनमें प्रमुख रूप से लाउंज, रेस्त्रां और होटल के ऊपरी फ्लोर थे। यहां पर उन्होंने जिन मेहमानों को बंधक बनाया था, उन्हीं में से कुछ को मौत के घाट भी उतार दिया था। तफतीश के दौरान होटल से 30 से ज्यादा लाशें मिली थीं।
- दहशत के कारण होटल में मौजूद लोग आतंकवादियों से बचने के लिए न छुपने की कोशिश कर रहे थे। कई लोगों ने होटल के विभिन्न हिस्सों में शरण ली थी। बाथरूम, होटल के कमरे और अन्य सुरक्षित स्थानों पर लोगों का सामान बिखरा हुआ था। कुछ लोग जान बचाने के लिए होटल की खिड़कियों से ही कूद गए थे। उनमें से कुछ बचे तो कुछ गंभीर रूप से घायल हो गए। वो टूटे खिड़की दरवाजे भी मन में खौफ पैदा कर रहे थे।
- बताया जाता है, टाटा ग्रुप के मालिक रतन टाटा को भी जैसे ही हमले की सूचना मिली, तो तीन दिन तक वो होटल के बाहर ही रहे। जब तक स्थिति संभली नहीं और उन्हें अपने सारे स्टाफ के सुरक्षित होने की सूचना नहीं मिली वह घटना स्थल से नहीं गए। इस हमले में होटल के 11 कर्मचारियों की जान चली गई। रतन टाटा ने उन सभी कर्मचारियों के परिवार वालों की जिम्मेदारी संभाली और उनके कार्यकाल तक की सैलरी आज भी उनके घर पहुंच जाती है।

ताज होटल में हमले के बाद क्या बदलाव हुए?
26/11 के आतंकी हमले के बाद मुंबई के ताज होटल में कई महत्वपूर्ण बदलाव और सुधार किए गए, जिनका उद्देश्य होटल की सुरक्षा बढ़ाना और भविष्य में किसी भी प्रकार के आतंकवादी हमले से बचाव सुनिश्चित करना था। कुछ के बारे में हम आपको बताते हैं-
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- ताज होटल में प्रवेश करने से पहले सुरक्षा जांच के कड़े उपाय लागू किए गए। केवल होटल के अंदर प्रवेश करने वालों की कड़ी चैकिंग नहीं होती है, बल्कि हर वाहन और हर सामान को भी जांच के बाद ही प्रवेश मिलता है।
- पूरे होटल परिसर में सीसीटीवी कैमरे लगाए गए। इन कैमरों का उद्देश्य होटल के सभी हिस्सों पर लगातार निगरानी रखना है। आपको बता दें कि कैमरे पहले भी लगे थे। मगर हमले के बाद से होटल के हर कोने पर आपको कैमरा नजर आ जाएगा।
- आपातकालीन परिस्थितियों से निपटने के लिए अब होटल के कर्मचारियों और सुरक्षा गार्ड्स की ट्रेनिंग और मॉक ड्रिल्स होती रहती हैं।
- हमले के बाद होटल के काफी हिस्से ध्वस्त हो गए थे, इसलिए कई हिस्सों को फिर से डिजाइन किया गया और और उसमें नए सुरक्षा उपायों को जोड़ा गया।
- ताज होटल में फायर फाइटिंग और बचाव उपकरणों को भी पूरी तरह से अपग्रेड किया गया है।
26/11 के हमले ने ताज होटल को सुरक्षा के दृष्टिकोण से एक नई दिशा दी। होटल की बनावट, सुरक्षा प्रोटोकॉल और कर्मचारियों के प्रशिक्षण पर सबसे ज्यादा ध्यान दिया गया, ताकि किसी भी भविष्य के हमले का मुकाबला किया जा सके और मेहमानों को पूरी सुरक्षा प्रदान की जा सके।
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