सावन का इंतजार हर महिला जोर-शोर से करती है। इस समय में पूजा-अर्चना करना और विधि विधान से शिव जी की आराधना कर मनचाहा फल पाना हर महिला की कामना होती है। सावन के सोमवार में व्रत रखने को भी काफी महत्वपूर्ण माना जाता है। कुंवारी लड़कियां मनचाहा वर पाने के लिए भोलेनाथ से प्रार्थना करती हैं तो वहीं शादीशुदा महिलाएं अपने पति की दीर्घायु के लिए। माना जाता है कि अगर सावन में शिव जी कृपा हो जाए तो इंसान का भाग्य जाग जाता है और उसका कल्याण होना निश्चित हो जाता है। लेकिन ऐसा भी कहा जाता है कि इस समय में अगर कुछ बातों का ध्यान ना रखा जाए तो शिव जी भक्तों से नाराज हो सकते हैं। मुमकिन है कि आप आधुनिक सोच की हों और तर्क के बिना ऐसी बात स्वीकार नहीं कर पाएं। तो हम आपको बताते हैं कि सावन में कुछ खास चीजों की मनाही क्यों की जाती है और इनके पीछे वैज्ञानिक तथ्य क्या हैं।
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दूध और डेयरी प्रॉडक्ट्स ना लें
इस समय में दूध और दूध से बनी चीजें लेने के लिए मना किया जाता है। ऐसा इसलिए क्योंकि इस मौसम में बैक्टीरिया की ग्रोथ बहुत ज्यादा होती है, जिसके कारण डेयरी प्रॉडक्ट्स संक्रमित हो सकते हैं। ऐसे में अगर आप डेयरी प्रॉडक्ट्स इस मौसम में कम लें तो यह आपकी सेहत के लिए अच्छा रहेगा।
नॉनवेज से रहें दूर
नॉनवेज खाने की शौकीन हैं तो भी सावन के महीने में नॉनवेज प्रॉडक्ट्स के सेवन से दूर रहने की सलाह दी जाती है। शिवजी की पूजा के लिहाज से इसे वर्जित माना जाता है।
इस महीने में शादी-ब्याह जैसे शुभ काम करने का भी लग्न नहीं होता। बहुत सी शादी-शुदा महिलाएं इस समय में अपने मायने चली जाती हैं ताकि वे इस अवधि में ब्रह्मचर्य व्रत के नियमों का पालन कर सकें। इसके अलावा सावन में हरी सब्जियां और साग खाने के लिए भी मना किया जाता है।
सावन मानसून की ठंडक और सुहावना मौसम साथ लाता है, लेकिन इस सीजन में पेट का इन्फेक्शन, फूड पॉइजनिंग, डायरिया और अपच जैसी परेशानियां काफी बढ़ जाती हैं। इस मौसम में नमी बहुत ज्यादा होती है और यह बैक्टीरिया की ग्रोथ के लिए बहुत अनुकूल होता है। बाहरी वातावरण में नमी शरीर की खाना पचाने की क्षमता को घटा देती है। इसीलिए इस सीजन में नॉनवेज और अंडे खाने के लिए मना किया जाता है। दरअसल कच्चे अंडे, सीफूड, चिकन और मटन को स्वास्थ्य कारणों से खाने के लिए मना किया जाता है। यह भी माना जाता है कि मॉनसून जानवरों और मछलियों के लिए ब्रीडिंग सीजन होता है। गलत मछली या संक्रमित नॉनवेज का सेवन करने पर आपको फूड पॉइजनिंग हो सकती है। इसी तरह साग-सब्जियों में भी कीड़े होने का डर रहता है, इसीलिए इस मौसम में डॉक्टर इन्हें ना खाने की सलाह देते हैं।
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गुस्सा करने से बचें
गुस्सा करना यूं भी सेहत के लिए अच्छा नहीं माना गया है। अत्यधिक गुस्सा करने से बीपी और इससे जुड़ी कई अन्य समस्याएं हो सकती हैं। घर के किसी सदस्य के साथ अनबन या तनाव होने पर आप मन ही मन परेशान रहेंगी। इसका असर घर के अन्य सदस्यों पर भी होता है। इस मौसम में विशेष रूप से गुस्सा नहीं करने की सलाह दी जाती है। जीवनसाथी के साथ किसी भी तरह के झगड़े या खराब व्यवहार से संबंधों में दूरियां आती हैं। इसीलिए जितना संभव हो, रिलैक्स रहें और दूसरों पर नाहक गुस्सा करने से बचें।
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