ग्रहों में परिवर्तन वैज्ञानिक और धार्मिक दोनों ही दृष्टि से महत्वपूर्ण होता है। ऐसा ही एक परिवर्तन बहुत जल्द 11 अप्रैल को हो रहा है। दरअसल, राहु एवं केतु ग्रह राशि परिवर्तन कर रहे हैं। जहां राहु मेष राशि में प्रवेश कर रहा है, वहीं केतु तुला राशि में प्रवेश करने जा रहा है।
इस परिवर्तन का मानव जाति के जीवन पर क्या प्रभाव पड़ेगा यह जानने के लिए हमने उज्जैन के ज्योतिषाचार्य एवं पंडित मनीष शर्मा से बात की। पंडित जी कहते हैं, 'राहु ग्रह मेष राशि का शत्रु है और तुला और केतु के बीच कोई शत्रुता नहीं है। दरअसल मेष राशि का स्वामी ग्रह मंगल है और मंगल-राहु में शत्रुता बताई गई है वहीं तुला राशि का स्वामी ग्रह शुक्र है और शुक्र- केतु में मित्रता नहीं है तो शत्रुता भी नहीं है। एक तरह से देखा जाए तो शुक्र ग्रह के देवता शुक्राचार्य राक्षसों के आराध्य हैं, राहु-केतु में राक्षसों की श्रेणी में आते हैं, तो इस तरह से केतु और शुक्र कभी शत्रु हो ही नहीं सकते हैं।'
मगर इस ग्रह परिवर्तन का असर अलग-अलग राशियों पर अलग-अलग पड़ेगा। इतना ही नहीं, फसल, प्रकृति और देश के लिए भी यह ग्रह परिवर्तन बहुत शुभ नहीं माना जा रहा है। तो चलिए अपनी राशि के अनुसार जान लें कि आपको किन चुनौतियों का सामना करना पड़ सकता है।
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मेष राशि में ही राहु का प्रवेश होने जा रहा है और केतु (राहु-केतु ग्रह के प्रकोप से बचने के अचूक उपाय) राशि के सप्तम भाव पर पूर्ण दृष्टि रखेगा। ऐसे में बहुत अच्छा वक्त तो नहीं है मेष राशि के जातकों के लिए, मगर आप यदि आत्मविश्वास बनाएं रखते हैं तो कठिन वक्त भी आसानी से बीत जाएगा।
राशि में राहु द्वादश भाव में है और जल्दी ही राशि को छोड़ कर निकल जाएगा। कुल मिला कर आपके लिए वक्त अच्छा है और आपको इस ग्रह परिवर्तन का कोई भी बुरा प्रभाव नहीं झेलना पड़ेगा।
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मिथुन राशि में राहु एकादश भाव एवं केतु पंचम भाव में होगा। इससे जातक के जीवन में कोई विशेष फर्क नहीं पड़ेगा।
राहु दशम एवं केतु चतुर्थ भाव में रहेगा। आपके लिए समय बहुत अच्छा नहीं है। थोड़ा संभल कर रहें। विवादित मामलों में पीछे हटना पड़ेगा।
नवम भाव में राहु एवं केतु के तृतीय भाव में होने के कारण आपके लिए यह राशि परिवर्तन ठीक रहेगा।यदि आपको कोई समस्या है तो वह दूर हो जाएगी।
अष्टम भाव में राहु एवं द्वितीय भाव में केतु के होने से आपके लिए यह राशि परिवर्तन थोड़ा कठिन वक्त ला सकता है। आपको सबसे ज्यादा दिक्कत कार्यस्थल पर होगी। आपके काम समय पर नहीं हो पाएंगे।
राशि में केतु का प्रवेश होगा एवं राहु की सप्तम दृष्टि बनी रहेगी, इससे आपके जीवन में कोई खराब प्रभाव नहीं पड़ेगा मगर आप काफी व्यस्त रहेंगे और कई कार्य आपको एक साथ करने पड़ सकते हैं।
इस परिवर्तन से केतु राशि से निकल जाएगा एवं राहु की दृष्टि भी समाप्त हो जाएगी। यह समय आपके लिए अच्छा है, आपको किसी भी प्रकार का कोई बड़ा नुकसान नहीं होगा।
राहु पंचम भाव में और एवं केतु एकादश भाव में होगा, इससे आपके जीवन में कोई विशेष अंतर नहीं पड़ेगा। आपके लिए समय अच्छा है। इसका कोई खराब असर नहीं पड़ेगा। यह समय अनुकूल ही रहेगा। कुछ मानसिक त्रास हो सकता है, इसके अलावा घुटनें में दर्द एवं अज्ञात भय चिंता रहेगी। संतान से सुख प्राप्त होगा एवं जमीन आदि खरीदने का मन बन सकता है।
राहु चतुर्थ भाव में एवं केतु दशम भाव में होगा।यह योग संकेत दे रहे हैं कि आपको कुछ समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। मनचाहे कार्य करने में रुकावट आएंगी।
तृतीय भाव में राहु एवं नवम भाव में केतु के होने से आपको लाभ पहुंचेगा। हो सकता है कि आपको किसी चीज की लत लग जाए।
द्वितीय भाव में राहु एवं अष्टम भाव में केतु के होने से आपके लिए स्थितियां बेहतर बनेंगी। कुछ समस्याएं भी आ सकती हैं, मगर वह गंभीर नहीं होंगी।
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