18वें एशियन गेम्स में इंडिया की स्टार शटलर पीवी सिंधु ने हारकर भी इतिहास रच दिया है। हालांकि पीवी सिंधु सिंगल्स के फाइनल में वर्ल्ड नंबर-1 चीनी ताइपे की ताई जु यिंग को हरा नहीं पाईं लेकिन सिंधु एशियाई खेलों में बैडमिंटन के 56 साल के इतिहास में रजत पदक जीतने वाली पहली भारतीय खिलाड़ी बन गईं हैं। एशियन गेम्स में 1962 में बैडमिंटन को शामिल किया गया था।
मंगलवार को जकार्ता में सिंधु ने यिंग के हाथों लगातार छह मुकाबले गंवाए जिससे यिंग के पक्ष में रिकॉर्ड 3-10 हो गया। दोनों के बीच यह 13वीं भिड़ंत थी जिसमें यिंग ने 10वीं बार बाजी मारी।
स्टार भारतीय शटलर पी वी सिंधु की मां पी विजया ने मंगलवार को अपनी बेटी के 18वें एशियाई खेलों में सिल्वर जीतने पर खुशी व्यक्त की। विजया ने कहा, “कुल मिलाकर देखा जाए तो यह अच्छा परिणाम है। कोई मुकाबला होता है एक जीत हासिल करता है और एक को हार मिलती है। सिंधु पर ऐसा किसी तरह का दबाव नहीं है। फाइनल में पहुंचना बड़ी उपलब्धि है। फाइनल शीर्ष खिलाड़ियों के बीच खेला जाता है। उन्हें इस तरह का दबाव झेलने की आदत होती है। प्रत्येक मैच महत्वपूर्ण होता है।“
यहां आपको बता दें कि यह सिंधू की इस साल किसी बड़े टूर्नमेंट के फाइनल में तीसरी हार है। वह इससे पहले कॉमनवेल्थ गेम्स और वर्ल्ड चैंपियनशिप के खिताबी मुकाबले में हार गई थीं।
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