एक कहावत है- "आप जैसा खाते हैं वैसे ही आपके आचरण होते हैं"। इसका मतलब हुआ कि खाना जिस तरीके से और जिस स्वाद का खाया जाता है, उसका सीधा असर हमारी सेहत के साथ हमारे मन मस्तिष्क पर भी पड़ता है। यही नहीं वास्तु के हिसाब से भी यदि देखा जाए तो सही दिशा में बैठकर खाना खाने से आपकी सेहत और मन दोनों ही स्वास्थ्य रहते हैं।
अगर वास्तु की मानें तो जिस तरह घर में मंदिर, किचन और बाथरूम की निर्धारित दिशा होनी जरूरी है उसी तरह से डाइनिंग टेबल, यानी खाना खाने की टेबल की भी एक निश्चित दिशा होनी चाहिए जिससे घर के लोगों के बीच सामंजस्य भी बनाए रखा जा सके और सेहत पर भी कोई बुरा असर न पड़े। अगर आप घर की शांति के लिए वास्तु के अनुसार चीज़ों को व्यवस्थित करके रखते हैं तो आपको डाइनिंग टेबल को भी उचित जगह और सही दिशा पर रखना चाहिए। आइए जानें कि घर में किस स्थान पर डाइनिंग टेबल रखना चाहिए और किस दिशा में बैठकर भोजन करना चाहिए जिससे अच्छी सेहत बनाए रखी जा सके।
आरती जी बताती हैं कि भोजन क्षेत्र एक ऐसा स्थान है जहां पूरा परिवार दैनिक आधार पर और विशेष अवसरों पर दोस्तों के साथ भोजन करने के लिए एकत्र होता है। भोजन कक्ष एक पवित्र स्थान है और डाइनिंग टेबल स्वास्थ्य, पोषण और बंधन का प्रतीक है। डाइनिंग टेबल का आकार चौकोर या आयताकार होना चाहिए न कि गोल या किसी अनियमित आकार की। भोजन क्षेत्र में पर्याप्त प्रकाश होना चाहिए और सुस्त नहीं होना चाहिए। सुखदायक माहौल बनाने के लिए आकर्षक फोकस लाइट या टेबल के ऊपर एक झूमर लगाएं। डाइनिंग एरिया की साज-सज्जा के लिए दीवारों पर खूबसूरत पेंटिंग का इस्तेमाल करें। डाइनिंग एरिया के पास लगी हुई पेंटिंग हंसमुख होनी चाहिए। ऐसे चित्रों से बचें जो हिंसा और जीवन के नकारात्मक पहलुओं का प्रतीक हों। आदर्श चित्रण में फल, सब्जियां, खेत, आरामदेह प्राकृतिक दृश्य या अन्नपूर्णा देवी की तस्वीरें शामिल हैं। टेबल को ताजे फूलों से सजाएं। कभी भी टूटी हुई क्रॉकरी का प्रयोग डाइनिंग टेबल पर न करें। डाइनिंग टेबल पर बहुत सी अवांछित चीजें न रखें। टेबल पर अव्यवस्था स्थिर ऊर्जा पैदा करती है और सकारात्मक ऊर्जा के प्रवाह को बाधित करती है।
इसे जरूर पढ़ें:Sawan Month 2021: जानें कब से शुरू हो रहा है सावन का महीना, राशि के अनुसार कैसे करें शिव पूजन
वास्तु के अनुसार घर की पश्चिम दिशा में भोजन करना सबसे अच्छा माना जाता है और इसी दिशा में डाइनिंग टेबल होनी चाहिए। ऐसी मान्यता है कि इस दिशा में रखी डाइनिंग टेबल में भोजन करने से खाने संबंधी कई आवश्यकताएं पूर्ण हो सकती हैं और पूर्ण पोषण की प्राप्ति होती है जिससे अच्छी सेहत बनी रहती है। लेकिन यदि आपको ऐसा लगता है कि इस दिशा में डाइनिंग टेबल के लिए स्थान नहीं है तो इसे दक्षिण-पूर्वदिशा में भी रखा जा सकता है। लेकिन भूलकर भी दक्षिण-पश्चिम दिशा में डाइनिंग टेबल न रखें। इस दिशा में रखी डाइनिंग टेबल में बैठकर भोजन करने से शरीर को मजबूती नहीं मिलती है और बीमारियां आती हैं। अगर आपकी किचन बड़ी है और आप डाइनिंग टेबल किचन में रखना चाहते हैं तो इसे किचन की पश्चिम दिशा में रखा जा सकता है। लेकिन कोशिश करें कि किचन के अंदर डाइनिंग टेबल न रखें। ऐसा करना शास्त्रों के अनुसार ठीक नहीं है।
डाइनिंग टेबल रखते समय ध्यान रखें कि इसके सामने घर का मुख्य द्वार या शौचालय नहीं होना चाहिए। ऐसी जगह पर रखी डाइनिंग टेबल घर में झगड़ों का कारण बन सकती है। वहीं बाथरूम की ओर मुंह करके खाने से बीमारियों की संभावना बढ़ जाती है। शुभ फलों में वृद्धि के लिए भोजन करने वालों का मुख पूर्व या पश्चिम की ओर होना चाहिए। इन दिशाओं में मुख करके भोजन करने से दीर्घायु होने की संभावना होती है। जबकि दक्षिण दिशा की ओर मुंह करके खाने से रोग आते हैं और झगड़े बढ़ते हैं। वहीं उत्तर की ओर मुख करके भोजन करना भी सेहत की दृष्टि से अच्छा नहीं होता है।
इसे जरूर पढ़ें:Vastu Tips : घर की सुख शांति के लिए किचन में भूलकर भी न रखें ये 6 चीजें
ऐसी मान्यता है कि डाइनिंग टेबल पर यदि परिवार के सभी सदस्य एक साथ बैठकर भोजन करते हैं तो यह आपसी सामंजस्य को बढ़ाता है। कहा जाता है कि भोजन साथ में करने से मानसिक शांति मिलने के साथ शारीरिक कष्टों से भी मुक्ति मिलती है। यही नहीं कई घरेलू समस्याओं का समाधान डाइनिंग टेबल पर बैठकर और विचार-विमर्श करके संभव हो सकता है। इसलिए जब भी डाइनिंग टेबल पर भोजन करें साथ मिलकर भोजन करें।
वास्तु शास्त्र के सिद्धांतों के अनुसार लकड़ी की डाइनिंग टेबल सबसे अच्छी होती है। ऐसा माना जाता है कि लकड़ी की डाइनिंग टेबल में बैठकर खाना खाने से व्यक्ति का मानसिक और शारीरिक विकास होता है। यदि लकड़ी की डाइनिंग टेबल पर शीशा लगा हुआ हो और इसमें सुन्दर फूलों की छवि नज़र आये तो येसकारात्मक ऊर्जा को दिखाती है। ऐसा माना जाता है कि डाइनिंग टेबल के ऊपर व पास में लगा हुआ कोई भी दर्पण या शीशा भोजन के दोगुने होने को दिखाता है। जिससे कभी भी अन्न की कमी नहीं होती है और इस डाइनिंग पर बैठकर भोजन करने से बीमारियों से भी बचा जा सकता है और ऐसी डाइनिंग टेबल ऊर्जा प्रवाह को भी उत्तेजित करती है।
अगर आप भी वास्तु के बताए उपर्युक्त तरीकों से घर में डाइनिंग टेबल रखते हैं और सही दिशा की ओर बैठकर भोजन करते हैं तो ये सेहत के साथ मस्तिष्क को भी स्वस्थ रखने में मदद करती है।
अगर आपको यह लेख अच्छा लगा हो तो इसे शेयर जरूर करें व इसी तरह के अन्य लेख पढ़ने के लिए जुड़ी रहें आपकी अपनी वेबसाइट हरजिन्दगी के साथ।
Image Credit: freepik
यह विडियो भी देखें
Herzindagi video
हमारा उद्देश्य अपने आर्टिकल्स और सोशल मीडिया हैंडल्स के माध्यम से सही, सुरक्षित और विशेषज्ञ द्वारा वेरिफाइड जानकारी प्रदान करना है। यहां बताए गए उपाय, सलाह और बातें केवल सामान्य जानकारी के लिए हैं। किसी भी तरह के हेल्थ, ब्यूटी, लाइफ हैक्स या ज्योतिष से जुड़े सुझावों को आजमाने से पहले कृपया अपने विशेषज्ञ से परामर्श लें। किसी प्रतिक्रिया या शिकायत के लिए, [email protected] पर हमसे संपर्क करें।