First Period Traditions: आपने पीरियड्स से जुड़े कई रीति-रिवाजों के बारे में जरूर सुना होगा? ज्यादतर मामलों में महिलाएं को अलग-थलग कर दिया जाता है। पीरियड्स होने पर उन्हें अछूत माना जाता है। उनके साथ बुरा व्यवहार किया जाता है। इसी तरह आंध्रप्रदेश के एक छोटे से कस्बे में महिलाओं को घर से नहीं बल्कि गांव से बाहर निकाल दिया जाता है। यह इस गांव में निभाई जाने वाली पीरियड्स से संबंधित प्रथा है, जिसे आज तक निभाया जाता है। चलिए विस्तार से जानते हैं इस बारे में।
आंध्रप्रदेश में निभाई जाती है यह प्रथा (Andhra Period Tradition)
आपने यह जरूर सुना होगा कि कई जगहों पर पीरियड्स के दौरान महिलाओं को घर से बाहर कर दिया जाता है? लेकिन क्या हो जब गांव से ही बाहर निकाल दिया जाए? आंध्रप्रदेश के अनंतपुर ज़िले के एक गांव में ऐसी ही एक प्रथा निभाई जा रही है। इस गांव में ओरुगोल्ला और कादुगोल्ला के लोग रहते हैं। कादुगोल्ला जाति के लोग हिंदू धर्म को मानते हैं। यहां के लोग एट्टप्पा और चिक्कन्ना देवता के भक्त हैं।
ताड़ से बनी झोपड़ी में रहती हैं महिलाएं
पीरियड्स के दौरान कई जगहों पर महिलाओं को अलग कमरे में रखा जाता है, जहां उनका खाना-पीना होता है और वह उसी कमरे में रहती हैं। इसी तरह आंध्रप्रदेश केगंताहल्लागोट्टी गांव में भी महिलाओं के साथ कुछ ऐसा ही व्यवहार किया जाता है। यहां की महिलाओं को गांव से दूर कर एक छोटी सी ताड़ से बनी झोपड़ी में रखा जाता है। उन्हें पीरियड्स के पांचों दिन इस झोपड़ी में खाना बनाने से लेकर सभी काम करने होते हैं। इस प्रथा में केवल महिलाएं नहीं बल्कि स्कूल जाने वाली बच्चियां भी शामिल हैं।
महिलाओं को छूने से है मनाही
पीरियड्स के दौरान इस गांव के अन्य लोगों को इन्हें छूने से मनाही होती है। ऐसा कहा जाता है कि अगर वह महिलाओं को छू दे तो वह अशुद्ध हो जाएंगे। यहां तक की पुरुषों को लड़कियों से बात तक नहीं करने नहीं दिया जाता है। अगर किसी ने इस नियम को नहीं माना तो उसे भी गांव में घुसने नहीं दिया जाता है। (पीरियड्स से जुड़े रिवाज)
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मंदिर में नहीं जा सकती हैं लड़कियां
पीरियड्स के दौरान महिलाएं पूजा भी नहीं कर सकती हैं। यहां तक कि उन्हें मंदिर भी नहीं जाने दिया जाता है। इस दौरान केवल पुरुष ही पूजा करते हैं। बता दें कि इस प्रथा को खत्म करने के लिए सरकार अभियान भी चला रही है। इसमें लोगों को शिक्षित किया जा रहा है। हालांकि, जमीनी हकीकत वैसी की वैसी ही है। (जानें शादी से जुड़े अजीब रिवाज)
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प्रेग्नेंसी के बाद भी किया जाता है ऐसा व्यवहार
केवल पीरियड्स में ही नहीं बल्कि बच्चा होने के बाद तीन महीने तक महिलाओं को गांव से बाहर रखा जाता है। हालांकि, अब समय सीमा कम कर दी गई है। पहले पांच महीने तक महिलाएं अपने बच्चे के साथ झोपड़ी में रहा करती थी।
21वीं सदी में जीने के बाद भी आज ऐसी कई जगहे हैं जहां पीरियड्स से जुड़े इन रिवाजों का पालन किया जाता है। यह एक नेचुरल प्रोसेस है, लेकिन इसे अंधविश्वास से लेकर हीन भावना से जोड़ा जाता है। न जाने महिलाओं के लिए पीरियड्स को कब सामान्य तौर पर देखा जाएगा।
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Image Credit: Freepik
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