आज के समय में कोई ही ऐसा शख्स होगा, जिसका बैंक में अकाउंट न हो। ज्यादातर लोगों का किसी न किसी बैंक में अंकाउंट होता है। कुछ लोगों का सैलरी, कुछ का बिजनेस और कुछ का सेविंग्स अकाउंट होता है। जिसका नकद यानी कैश निकालने और जमा करने के लिए इस्तेमाल किया जाता है। बैंक से कैश निकालना या जमा करना बहुत ही आसान है, लेकिन क्या आप जानती हैं बैंक अकाउंट में पैसा जमा करने या निकालने के लिए पैन कार्ड की जरूरत होती है या नहीं।
भारत में पैन कार्ड को एक महत्वपूर्ण डॉक्यूमेंट माना गया है, जिसे इनकम टैक्स जारी करता है। पैन कार्ड में एक 10 अंक का अल्फान्यूमेरिक नंबर होता है, जो हर व्यक्ति या संस्था के लिए यूनिक है। इसका इस्तेमाल बैंकिंग के कामों से लेकर इनकम टैक्स जमा करने के लिए किया जाता है। हालांकि, भारत में बैंकिंग के हर ट्रांजेक्शन के लिए पैन कार्ड की जरूरत नहीं होती है। लेकिन, इससे जुड़े कुछ नियम होते हैं जिन्हें जान लेना आज के समय की जरूरत है।
बैंक में कैश जमा कराने के लिए कुछ नियम होते हैं, जिनके तहत पैन कार्ड का अनिवार्य होना जरूरी होता है। अगर आप एक दिन में 50 हजार से ज्यादा की राशि बैंक में जमा कराने जाते हैं, तो पैन कार्ड दिखाना जरूरी होता है। वहीं, अगर आप एक फाइनेंशियल ईयर में 20 लाख से ज्यादा की राशि जमा करते हैं, तो भी पैन कार्ड जरूरी माना जाता है। यह नियम बैंकों में ही नहीं, बल्कि पोस्ट ऑफिस या सहकारी सोसायटी में भी जमा होने वाली राशि पर लागू होता है।
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यह नियम बैंक में राशि जमा कराने ही नहीं, बल्कि निकालने के लिए भी लागू होते हैं। जी हां, अगर आप 50 हजार से ज्यादा की राशि एक दिन में बैंक अकाउंट से निकालते हैं तो आपको पैन कार्ड दिखाना पड़ सकता है।
वहीं, अगर आपके पास पैन कार्ड नहीं है और आप बैंकिंग ट्रांजेक्शन करना चाहते हैं तो ट्रांजेक्शन की डेट से कम से कम 7 दिन पहले PAN के लिए अप्लाई करें।
येस बैंक की ऑफिशियल वेबसाइट के मुताबिक, रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने सेक्शन 269ST के तहत एक दिन में एक व्यक्ति द्वारा 2 लाख कैश डिपॉजिट करने की लिमिट तय की है। इसके अलावा सेविंग्स अकाउंट में एक फाइनेंशियल ईयर में 10 लाख का डिपॉजिट जमा करने की लिमिट है। अगर यह लिमिट क्रॉस हो जाती है, तो बैंक ब्रांच आपकी ट्रांजेक्शन पर क्रॉस चेक कर सकता है।
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इतना ही नहीं, एक साल में 10 लाख से ज्यादा के कैश डिपॉजिट पर इनकम टैक्स डिपार्टमेंट भी आपको नोटिस भेज सकता है। हालांकि, नोटिस का मतलब यह नहीं है कि आपका पैसे पर डायरेक्ट टैक्स लग जाएगा। इनकम टैक्स नोटिस का मतलब आपको सूचित करना और इनकम टैक्स रिटर्न के लिए सचेत करना होता है।
सेविंग्स अकाउंट में एक फाइनेंशियल ईयर में 10 लाख जमा करने की लिमिट है, तो वहीं करंट अकाउंट में यह लिमिट 50 लाख रुपये है। हालांकि, फाइनेंसियल इंस्टीट्यूशन्स के लिए लिमिट क्रॉस होने के बाद ट्रांजेक्शन रिपोर्ट इनकम टैक्स के पास जमा करानी होती है। बता दें, पैन कार्ड की जरूरत केवल कैश जमा करने और निकालने के लिए ही नहीं, बल्कि बैंक या पोस्ट ऑफिस में सेविंग्स या करंट अकाउंट खोलने के लिए भी अनिवार्य है।
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