केंद्र सरकार ने 24 अगस्त 2024 को यूनिफाइड पेंशन स्कीम(UPS) का ऐलान किया था, जो 1 अप्रैल 2025 से प्रभावी होगी। यह स्कीम खासतौर पर उन सरकारी कर्मचारियों के लिए बनाई गई है, जो वर्तमान में नेशनल पेंशन स्कीम(NPS) के अंतर्गत आते हैं। UPS का उद्देश्य ओल्ड पेंशन स्कीम(OPS) और NPS के बीच बैलेंस बनाना है, ताकि कर्मचारियों को सुनिश्चित पेंशन लाभ मिल सके।
सरकारी पेंशन योजनाओं के प्रकार-
- OPS (ओल्ड पेंशन स्कीम): इस योजना के तहत, सरकारी कर्मचारियों को अंतिम वेतन का 50 फीसदी पेंशन के रूप में मिलता है। इसमें कोई कर्मचारी योगदान नहीं होता था।
- NPS (राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली): 2004 में यह स्कीम लागू हुई थी और जिसके तहत कर्मचारी और सरकार दोनों को योगदान करना पड़ता है, लेकिन पेंशन मार्केट बेस्ड होती है।
- UPS (यूनिफाइड पेंशन योजना): साल 2025 में यह योजना लागू होने वाली है और यह योजना NPS के कस्टमर्स के लिए है और यह सुनिश्चित पेंशन राशि प्रदान करने का वादा करती है। वहीं मन में सवाल आता है कि UPS, NPS और OPS में से कौन-सा पेंशन प्लान बेहतर हो सकता है? आज हम इस आर्टिकल में आपको यही बताने जा रहे हैं।
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यूनिफाइड पेंशन स्कीम(UPS)-
Unified Pension Scheme का केंद्र सरकार द्वारा 2024 में ऐलान किया गया था। इस योजना का उद्देश्य सरकारी कर्मचारियों को गारंटीड पेंशन, पारिवारिक पेंशन और न्यूनतम पेंशन प्रदान करना है। यह स्कीम केंद्रीय सरकारी कर्मचारियों के लिए लागू की गई है।
UPS की मुख्य विशेषताएं-
- यह योजना कम से कम 25 साल की सेवा वाले लोगों के लिए सेवानिवृत्ति से पहले अंतिम 12 महीनों में औसत मूल वेतन का 50% पेंशन राशि की गारंटी देती है।
- इसके अलावा, अगर कोई कर्मचारी कम से कम 10 साल की सेवा पूरी कर लेता है, तो उसे रिटायरमेंट के बाद 10,000 प्रति माह न्यूनतम पेंशन दी जाएगी।
- यदि पेंशन पाने वाले कर्मचारी की मृत्यु हो जाती है, तो उसके परिवार को 60 फीसदी पेंशन अमाउंट प्रदान किया जाएगा। वर्तमान में राष्ट्रीय पेंशन योजना (NPS) के तहत आने वाले सरकारी कर्मचारी UPS को चुन सकते हैं।
राष्ट्रीय पेंशन योजना(NPS)-
भारत सरकार द्वारा 2004 में शुरू की गई एक रिटायरमेंट स्कीम है, जिसे ओल्ड पेंशन योजना को बंद करने के बाद लागू किया गया था। शुरुआत में यह केवल सरकारी कर्मचारियों के लिए लागू हुई थी, लेकिन 2009 में इसे सभी नागरिकों, NRI और स्व-नियोजित व्यक्तियों के लिए खोल दिया गया।
NPS की मुख्य विशेषताएं
- नेशनल पेंशन योजना म्यूचुअल फंड की तरह इन्वेस्टमेंट बेस्ड है, जहां कर्मचारी या व्यक्ति नियमित रूप से इन्वेस्ट कर सकते हैं और रिटायरमेंट के बाद पेंशन पा सकते हैं।
- रिटायरमेंट के समय, NPS कस्टमर अपने फंड का 60 फीसदी एक बार में निकाल सकते हैं, जबकि बाकी 40 फीसदी राशि पेंशन वार्षिकी में निवेश कर सकते हैं।
- NPS में इन्वेस्टमेंट करने पर Income Tax की धारा 80सी और 80CCD(1B) के तहत टैक्स छूट पा सकते हैं।
- आपको बता दें कि NPS लंबे समय वाली सेविंग्स स्कीम है, लेकिन इसमें पेंशन की गारंटी नहीं होती है। यह पूरी तरह से मार्केट पर निर्भर करती है।
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ओल्ड पेंशन स्कीम(OPS)-
ओल्ड पेंशन स्कीम 2004 से पहले सभी कर्मचारियों के लिए लागू थी। यह निश्चित गारंटीड पेंशन योजना थी, जिसमें नौकरी के अंतिम वेतन और सर्विस पीरियड के आधार पर आजीवन पेंशन दी जाती थी।
OPS की मुख्य विशेषताएं
- OPS योजना सेवानिवृत्त कर्मचारी को अंतिम मूल वेतन का 50 फीसदी पेंशन के रूप में देने का वादा करती थी।
- पेंशन पाने वाले कर्मचारियों को साल में 2 बार डेली अलाउंस में संशोधन का लाभ मिलता था।
- अगर पेंशन पाने वाले कर्मचारी की मृत्यु हो जाती थी, तो उसके परिवार को पेंशन लाभ मिलता रहता था।
- OPS के तहत, कर्मचारियों को अपनी सैलरी से कुछ भी नहीं देना पड़ता था, बल्कि सरकार पेंशन की पूरी राशि का भुगतान करती थी।
OPS क्यों बंद किया गया?
साल 2004 में इस पेंशन योजना को बंद कर दिया गया है और इसकी जगह NPS ने ले ली, क्योंकि OPS की वजह से सरकारी खजाने पर बड़ा बोझ पड़ रहा था।
आपके लिए कौन-सा प्लान बेहतर है- UPS, NPS या OPS?
जब बात रिटायरमेंट पेंशन की आती है, तो सही प्लान चुनना बेहद जरूरी हो जाता है। अगर आप गारंटीड और स्टेबल पेंशन चाहते हैं और बाजार जोखिम नहीं लेना चाहते हैं, तो UPS एक अच्छा विकल्प हो सकता है और अलग से इक्विटी में इन्वेस्ट कर सकते हैं। वहीं, अगर आपको हाई रिटर्न चाहिए और आप मार्केट को समझते हैं, तो NPS अच्छा विचार हो सकता है। अगर अगर आपको सरकार द्वारा पूरी तरह से वित्तपोषित पेंशन चाहिए और आप OPS में शामिल होने के पात्र हैं, तो OPS सबसे सुरक्षित विकल्प रहेगा।
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Image Credit- freepik
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