हिन्दू धर्म में सभी एकादशी तिथियों का विशेष महत्व है और साल में 24 एकादशी तिथियां होती हैं जिनमें अलग तरीके से पूजा-पाठ करने का विधान है। प्रत्येक महीने में दो बार एकादशी तिथि होती है और इसमें मुख्य रूप से विष्णु जी की पूजा की जाती है।
किसी भी एकादशी तिथि में से सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण ज्येष्ठ महीने की निर्जला एकादशी को माना जाता है। इस दिन लोग पूरे दिन निर्जला व्रत का पालन करते हैं और भगवान विष्णु की पूजा करते हैं।
यह व्रत हर साल ज्येष्ठ महीने के शुक्ल पक्ष की एकादशी के दिन रखा जाता है। इस साल यह व्रत 31 मई को रखा जाएगा और इस दिन यदि आप उपवास करने के साथ तुलसी के पौधे के कुछ उपाय करेंगी तो आपके जीवन में खुशहाली बनी रहेगी और धन लाभ मिलेगा। आइए ज्योतिषाचार्य डॉ आरती दहिया जी से जानें तुलसी के उपायों के बारे में।
भोग में चढ़ाएं तुलसी की पत्तियां
यदि आप निर्जला एकादशी के दिन भगवान विष्णु को पंजीरी और चरणामृत का भोग लगाती हैं और उसमें तुलसी के कुछ पत्ते डालती हैं तो आपके जीवन में सदैव खुशहाली बनी रहेगी और भगवान विष्णु की विशेष कृपा प्राप्त होगी।
यदि आप इस दिन एकादशी की कथा का पाठ करने के बाद प्रसाद समस्त परिवार में वितरित करती यहीं तो आपके लिए विशेष रूप से फलदायी होगा। वैसे मान्यता है कि भगवान विष्णु को जब भी भोग लगाएं उसमें तुलसी दल अवश्य मिलाएं। तुलसी जी को भगवान विष्णु की प्रिया माना जाता है, इसलिए उन्हें भोग में शामिल करना अत्यंत लाभकारी माना जाता है।
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तुलसी की करें पूजा
यदि आप निर्जला एकादशी के दिन भगवान विष्णु समेत तुलसी की पूजा करती हैं तो आपके लिए विशेष रूप से फलदायी होगा। इस दिन आपको तुलसी माता का पूर्ण श्रृंगार करके पूजन करना चाहिए और उनकी आरती करनी चाहिए।
इससे आपको समस्त पापों से मुक्ति मिल सकती है और बिगड़े काम बन सकते हैं। तुलसी की पूजा के लिए आप उसके सामने दीपक प्रज्ज्वलित करें और आरती करें। यदि आप विधि-विधान से तुलसी की पूजा करेंगी तो आपको अवश्य लाभ होगा। लेकिन आपको ध्यान रखना है कि निर्जला एकादशी के दिन तुलसी के पौधे को जल न दें क्योंकि इस दिन माता तुलसी भी विष्णु जी के लिए निर्जला व्रत करती हैं।
तुलसी की करें परिक्रमा
यदि आप निर्जला एकादशी के दिन तुलसी की 7 या 11 परिक्रमा करती हैं तो आपके लिए फलदायी होगा। इस दिन माता तुलसी की पूजा के बाद उनकी आरती करें और परिक्रमा करें जिससे आपकी मनोकामनाएं पूर्ण हो सकती हैं। इस दिन माता तुलसी की परिक्रमा करते हुए उनके मंत्रों का जाप भी करें। ध्यान रखें तुलसी की परिक्रमा हमेशा सही दिशा में ही करनी चाहिए, तुलसी के पौधे की उल्टी दिशा में परिक्रमा करना आपके लिए शुभ नहीं है।
तुलसी को लाल चुनरी चढ़ाएं
यदि आपके दाम्पत्य जीवन में समस्याएं आ रही हैं तो आप ध्यान रखें कि माता तुलसी को लाल चुनरी चढ़ाएं। लाल चुनरी को सौभाग्य का प्रतीक माना जाता है, इसलिए इसे तुसली में चढ़ाने से भगवान् विष्णु और माता लक्ष्मी की कृपा आपके ऊपर सदैव बनी रहती है जो आपके दाम्पत्य जीवन के लिए शुभ माना जाता है।
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विष्णु जी के मंत्रों का जाप
निर्जला एकादशी के दिन प्रातः जल्दी उठकर स्नान के बाद भगवान विष्णु के मंत्र 'ॐ नमो भगवते वासुदेवाय' मंत्र का जाप करें। इस मंत्र का जाप करते हुए यदि आप माता तुलसी की पूजा करती हैं की खुशहाली सदैव बनी रहती है। इस दिन आप विष्णु जी को भोग लगाने के साथ तुलसी के पौधे में भी भोग अर्पित करें जिससे आपकी मनोकामनाओं की पूर्ति होगी।
यदि आप निर्जला एकादशी के दिन विष्णु जी की पूजा करने के साथ तुलसी के कुछ उपाय आजमाएंगी तो आपके घर में सदैव समृद्धि बनी रहेगी। अगर आपको यह स्टोरी अच्छी लगी हो तो इसे फेसबुक पर शेयर और लाइक जरूर करें। इसी तरह और भी आर्टिकल पढ़ने के लिए जुड़े रहें हरजिंदगी से। अपने विचार हमें कमेंट बॉक्स में जरूर भेजें।
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