Nirjala Ekadashi 2023 Ki Date, Shubh Muhurat, Puja Vidhi Aur Mahatva: ज्येष्ठ माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को निर्जला एकादशी के नाम से जाना जाता है। सभी एकादशी व्रतों में से यह व्रत सबसे कठिन और अत्यंत पुण्यकारी है।
मान्यता है कि निर्जला एकादशी के दिन पति के लिए रखा गया व्रत हमेशा फलित होता है। इस व्रत से पति की रक्षा होती है और पति को जीवन में अनेकों बार सफलता प्राप्त होती है। बिना पानी पिए रखे जाने वाले इस व्रत से अखंड सौभग्य मिलता है।
ज्योतिष एक्सपर्ट डॉ राधाकांत वत्स का कहना है कि निर्जला एकादशी का व्रत पालन करने से वैवाहिक जीवन हमेशा सुख, समृद्धि और संपन्नता से भरा रहता है। इसी कड़ी में आइये जानते हैं निर्जला एकादशी की डेट, शुभ मुहूर्त, पूजा विधि और महत्व।
कब है निर्जला एकादशी 2023 (Nirjala Ekadashi Kab Hai 2023)
- ज्येष्ठ माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि का शुभारंभ 30 मई, दिन मंगलवार को दोपहर 1 बजकर 7 मिनट पर होगा।
- ज्येष्ठ माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि का समापन 31 मई, दिन बुधवार को दोपहर 1 बजकर 45 मिनट पर होगा।
- ऐसे में उदया तिथि के अनुसार, निर्जला एकादशी का व्रत 31 मई को रखा जाएगा।
निर्जला एकादशी 2023 शुभ मुहूर्त (Nirjala Ekadashi Shubh Muhurat)
- निर्जला एकादशी यानी कि 31 मई के दिन सुबह 5 बजकर 24 मिनट से सुबह 6 बजे तक सर्वार्थ सिद्धि योग रहेगा।
- ऐसे में निर्जला एकादशी के दिन पूजा (पूजा-पाठ के नियम) के लिए शुभ मुहूर्त सुबह 5 बजे से 6 बजे तक रहने वाला है।
- इसके अलावा, दूसरा पूजा मुहूर्त सुबह 7 बजकर 45 मिनट से 9 बजकर 27 मिनट तक रहेगा।

निर्जला एकादशी पूजा विधि 2023 (Nirjala Ekadashi Puja Vidhi 2023)
- सबसे पहले ब्रह्म मुहूर्त में उठकर स्नान कर साफ वस्त्र धारण पहनें।
- भगवान विष्णु का ध्यान करते हुए निर्जला एकादशी के व्रत का संकल्प लें।
- फिर घर के मंदिर के सामने आसन बिछाकर बैठ जाएं।
- एक चौकी लें और उस चौकी को गंगाजल से शुद्ध करें।
- फिर उस पर पीले रंग का कपड़ा बिछाएं। कपड़ा स्वच्छ होना चाहिए।
- भगवान विष्णु की तस्वीर या मूर्ति चौकी पर स्थापित करें।
- भगवान विष्णु को स्नान कराएं और उन्हें नए वस्त्र धारण कराएं।
- भगवान विष्णु को पीले रंग के फूल और माला चढ़ाएं।
- इसके बाद भगवान विष्णु को चंदन लगाएं।
- भगवान विष्णु को अक्षत चढ़ाएं। धूप-दीप जलाएं।
- भगवान विष्णु को भोग लगाएं और तुलसी दल अवश्य डालें।
- विष्णु भगवान के मंत्र, चालीसा, स्तुति, स्तोत्र आदि का जाप करें।
- निर्जला एकादशी की व्रत कथा पढ़ना न भूलें।
- भगवान विष्णु (भगवान विष्णु के छल)की आरती उतारें और प्रसाद पाएं।
- एक थाली में सुहाग का सारा सामान रखें।
- दिन ढले उस सामान को दान कर दें।
- सुहागिन महिला को दान करना और भी शुभ रहेगा।
- सूर्यास्त के बाद अगले दिन व्रत का पारण करें।
निर्जला एकादशी 2023 महत्व (Nirjala Ekadashi 2023 Mahatva)
- निर्जला एकादशी को सबसे कठिन एकादशी व्रत माना जाता है।
- इस दिन बिना एक बूंद भी जल पिए व्रत पालन करने का विधान है।
- मान्यता है कि निर्जला एकादशी का व्रत करने से साल की सभी एकादशी का फल मिलता है।
- इस दिन जो भी सुहागिन महिला व्रत रख पूजा करती है उसे अखंड सौभग्य की प्राप्ति होती है।

निर्जला एकादशी 2023 व्रत पारण समय (Nirjala Ekadashi 2023 Vrat Paran Samay)
- निर्जला एकादशी का व्रत 1 जून, दिन गुरुवार को पारण किया जाएगा।
- सुबह 5 बजकर 24 मिनट से 8 बजकर 10 मिनट के बीच व्रत पारण करना उत्तम होगा।
तो ये थी निर्जला एकादशी से जुड़ी समस्त जानकारी। अगर हमारी स्टोरीज से जुड़े आपके कुछ सवाल हैं, तो वो आप हमें आर्टिकल के नीचे दिए कमेंट बॉक्स में बताएं। हम आप तक सही जानकारी पहुंचाने का प्रयास करते रहेंगे। अगर आपको ये स्टोरी अच्छी लगी है, तो इसे शेयर जरूर करें। ऐसी ही अन्य स्टोरी पढ़ने के लिए जुड़ी रहें हरजिंदगी से।
Image Credit: freepik, shutterstock
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