साल 2020 अब खत्म होने वाला है और निर्भया के दोषियों को इस साल सज़ा भी मिल गई है। निर्भया को इतने लंबे इंतज़ार के बाद इंसाफ मिला और अभी भी न जाने कितनी निर्भया अपने इंसाफ के लिए लड़ रही हैं। जिस तरह का अपराध निर्भया के साथ हुआ वो दिल दहला देने वाला था। 16 दिसंबर 2012 की वो रात बहुत ही काली थी। पर क्या वाकई इतने सालों में कुछ बदला है? NCRB (नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो) के हिसाब से भारत में हर 16 मिनट में एक रेप होता है और ये तो रिकॉर्डेड मामलों की संख्या है। ऐसे ही ऑनलाइन क्राइम की तो कोई गिनती ही नहीं है। NCRB की ही रिपोर्ट बताती है कि भारत में हर छठवी महिला किसी न किसी तरह के ऑनलाइन क्राइम का शिकार होती है।
ऑनलाइन क्राइम भी बहुत जघन्य अपराध है जो किसी की जिंदगी बर्बाद करने के लिए काफी है। रिवेंज पॉर्न, ऑनलाइन ब्लैकमेल, सेक्शुअल हैरेस्मेंट जैसी कई चीज़ें हैं जिन्होंने लड़कियों की परेशानियों को और बढ़ा दिया है। सोशल मीडिया पर ट्रोल करने और गालियां देने से लेकर तस्वीरों को वायरल करना और सेक्शुअल एब्यूज करना आम बात हो गई है। कई बार ये मानसिक और शारीरिक प्रताड़ना का कारण भी बन जाता है। पर क्या आप जानते हैं कि इस तरह के क्राइम को लेकर भी बाकायदा प्रावधान बना हुआ है और आप शिकायत भी कर सकती हैं।
इस मामले में हमने साइबर पीस फाउंडेशन के साइबर एक्सपर्ट रक्षित टंडन से बात की। रक्षित जी कई सालों से साइबर सिक्योरिटी की फील्ड में काम कर रहे हैं और उन्होंने हमें इससे जुड़े कानून के बारे में विस्तार से बताया।
रक्षित जी का कहना है कि, 'हमारे कानून की दिक्कत ये है कि कानून में लिखा हुआ है जब तक कोई क्राइम नहीं तब तक उसकी सज़ा नहीं है। यानि अगर किसी की तस्वीरें किसी के फोन में मौजूद हैं तो उसका कुछ नहीं किया जा सकता है, उसके फोन या कम्प्यूटर से उसे डिलीट नहीं किया जा सकता है जब तक कि उससे जुड़ी धमकी न मिले या फिर उन्हें कहीं वायरल न कर दिया जाए। इसलिए अगर किसी ने किसी को खुद तस्वीरें भेजी हैं या फिर किसी और तरह से वो तस्वीरें या वीडियो किसी के पास चले गए हैं तो उन्हें डिलीट करवाना लगभग नामुमकिन है।'
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अगर इस तरह का कोई केस किसी के साथ हुआ है तो शिकायत तब दर्ज हो सकती है जब या तो वो आपत्तीजनक मैटर ऑनलाइन पब्लिश हो गया हो या फिर पब्लिश करने की धमकी दी जा रही हो।
रक्षित जी के मुताबिक अब एक नया प्रावधान आया है जहां बच्चे और महिलाएं भारत सरकार की वेबसाइट (https://cybercrime.gov.in/) पर बच्चे और महिलाएं बिना नाम दिए भी शिकायत दर्ज करवा सकते हैं। उन्हें सिर्फ क्राइम का सबूत देना होगा। तो अगर किसी को समाज का डर लग रहा है या फिर वो सोच रहा है कि शिकायत दर्ज करवाने पर बदनामी होगी या उसे खतरा होगा तो वो यहां जाकर अपनी शिकायत दर्ज करवा सकता है। यहां महिला और बच्चों से जुड़े क्राइम्स के लिए अलग से सेक्शन निर्धारित किया गया है।
इसमें चार अपराधों को लिस्ट किया गया है-
- चाइल्ड पोर्नोग्राफी से जुड़ी शिकायत
- रेप और गैंगरेप संबंधित शिकायत
- सेक्शुअली ऑबसीन कंटेंट की शिकायत
- सेक्शुअली एक्सप्लिसिट कंटेंट की शिकायत
ये चार तरह के क्राइम अगर किसी के साथ हुए हैं तो वो इस वेबसाइट में जाकर अपनी शिकायत दर्ज करवा सकता है।
आप इस वेबसाइट पर बाकी के अपराध भी रिपोर्ट कर सकते हैं, लेकिन उनमें आपको अपनी आईडी देनी होगी। साथ ही साथ सबूत भी देना होगा और ये सिर्फ साइबर क्राइम से जुड़े मामलों के लिए ही है।
अगर कोई ब्लैकमेल कर रहा है या धमकी दे रहा है कि आपकी फोटो, वीडियो या कुछ और जरूरी और पर्सनल जानकारी लीक करने का दावा करता है तो उसके खिलाफ सीधे पुलिस स्टेशन में जाकर एफआईआर भी दर्द करवाई जा सकती है। ये एक अपराध है और इसके खिलाफ तुरंत एक्शन लिया जाता है। महिलाओं की सुरक्षा के लिए इसे गंभीरता से लिया जाता है।
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रक्षित जी ने हमें सज़ा को लेकर भी डिटेल्स दी हैं। उनका कहना है कि, 'आईटी एक्ट कहता है कि अगर ने गुप्तांगों की तस्वीरें ली हैं या किसी को भेजी हैं तो तीन साल तक की सज़ा और 5 लाख तक का जुर्माना हो सकता है। इसके अलावा, अगर कोई ऑब्सीन कंटेंट जैसे चैट वगैराह में गंदी बातें करना और गालियां देना, धमकाना आदि कर रहा है तो 3 साल तक की सज़ा और 5 लाख तक का जुर्माना हो सकता है।'
अभी तक तो जिन सज़ा के बारे में हमने बात की वो सिर्फ ब्लैकमेलिंग या फिर खुद विक्टिम को कोई ऑब्सीन कंटेंट भेजने वाले क्राइम्स की सज़ा थी, लेकिन अगर किसी ने ऐसी तस्वीरें लीक कर दीं या वीडियो लीक कर दिए जो सेक्शुअल ऑफेंस की श्रेणी में आता है तो उस केस में 5 साल की जेल और 10 लाख का जुर्माना होता है और ये 5 साल की जेल नॉन बेलेबल होती है जिसमें दोषी को बेल भी नहीं मिलती है। अगर एक बार सज़ा के बाद किसी ने दोबारा ये गलती की तो उसे 10 साल तक की जेल और जुर्माना लगेगा।
रक्षित जी का कहना है कि अगर यही क्राइम बच्चों या नाबालिगों के खिलाफ हो रहा है तो उनके लिए सज़ा का प्रावधान भी कुछ-कुछ ऐसा ही है, लेकिन इसके साथ ही POCSO (Protection of Children from Sexual Offences Act, 2012) एक्ट भी लागू हो जाता है। तो सज़ा जो नॉर्मल 5 साल और 10 लाख जुर्माना है वो तो है ही, लेकिन साथ ही में IPC और POCSO एक्ट को भी ध्यान रखा जाता है।
एक बात का ध्यान सभी विक्टिम्स को रखना जरूरी है कि डरने से बात और ज्यादा बिगड़ सकती है इसलिए अगर आपके साथ कुछ गलत हो रहा है तो उसकी शिकायत जरूर करें। चाहे क्राइम ऑनलाइन हो या फिर ऑफलाइन शिकायत करनी जरूरी है ताकि अपराधी को सही सज़ा मिल सके। डरने से अपराधियों का मनोबल और भी ज्यादा बढ़ेगा और वो जुर्म करते जाएंगे।
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