हिन्दू धर्म के अनुसार कुछ ऐसे फूल और पत्तियां हैं जो ईश्वरीय पूजा में विशेष रूप से इस्तेमाल में लाई जाती हैं। यही नहीं ऐसा भी कहा जा सकता है कि पूजा के दौरान इन पत्तियों और फूलों का इस्तेमाल न करने से पूजा पूर्ण नहीं मानी जाती है। ऐसी ही पत्तियों में से एक है बेलपत्र या बिल्व पत्र। ऐसा माना जाता है कि मुख्य रूप से भगवान शिव की पूजा के दौरान बेल पत्रों का इस्तेमाल जरूर किया जाता है। भगवान शिव को ऐसी पूजा स्वीकार्य नहीं होती है जिसमें बेल के पत्तों का इस्तेमाल न किया गया हो। ऐसा कहा जाता है कि किसी भी तरह के शिव पूजन और व्रत के दौरान बेल पत्र का इस्तेमाल जरूर करना चाहिए।
यही नहीं मान्यता यह भी है कि भगवान शिव को हमेशा सम्पूर्ण बेल पत्र यानी कि जिसमें तीन पत्तियां साफ़ दिखाई दें और कहीं ये कटा हुआ न हो, वही अर्पित करना चाहिए। अक्सर लोग शिव पूजन के लिए ताजे बेल पत्र तोड़ते हैं, लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि कुछ ऐसे दिन भी होते हैं जिनमें भूलकर भी बेल पत्र नहीं तोड़ना चाहिए अन्यथा शिव जी नाराज हो सकते हैं। आइए नारद संचार के जाने माने ज्योतिष अनिल जैन जी से जानें कि बेल पत्र का क्या महत्व है और किन दिनों बेल पत्र तोड़ने से घर की सुख शांति समाप्तहो सकती है।
भगवान शिव के पूजन में बेल पत्र का महत्व
पुराणों के अनुसार बेलपत्र को अत्यंत शुभ माना गया है। ऐसा माना जाता है कि बेलपत्र को पूजा में इस्तेमाल (शिवलिंग पर बेलपत्र ऐसे चढ़ाने से होगा फायदा) करने से शिव जी की विशेष कृपा प्राप्त होती है। शिव जी की पूजा में बेलपत्र का विशेष महत्व है। पुराणों के अनुसार भगवान शिव ने समुद्र मंथन के दौरान निकले विष को अपने कंठ में रोक लिया था। तब सभी देवी देवताओं ने उनके कष्ट को दूर करने के लिए भगवान शिव से बेलपत्र चबाने के लिए दिए थे। उस समय बेल पत्र के सेवन से भगवान शिव के शरीर से विष का प्रभाव काफी कम हो गया और तभी से बेल पत्र भगवान शिव को अत्यंत प्रिय हो गया। ऐसा माना जाता है कि भगवान् शिव के पूजन में बेल पत्र अवश्य चढ़ाने चाहिए जिससे शिव जी की कृपा दृष्टि पायी जा सके।
इन दिनों में भूलकर भी बेलपत्र न तोड़ें
पुराणों के अनुसार बेल पत्र को कुछ विशेष दिनों में नहीं तोड़ना चाहिए। मुख्य रूप से बेल पत्र सोमवार के दिन भूलकर भी नहीं तोड़ना चाहिए। ऐसा माना जाता है कि सोमवार को बेल पत्र तोड़ने से भगवान शिव की कृपा प्राप्त नहीं होती है। इसलिए अलावा महीने की चतुर्थी, अष्टमी, नवमी, चतुर्दशी और अमावस्या तथा संक्रांति तिथियों में भी बेल पत्र नहीं तोड़ा जाता है। शिवपुराण के अनुसार इन दिनों बेलपत्र तोड़ने से भगवान शिव नाराज हो जाते हैं और घर में परेशानियां आने लगती हैं।
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भगवान शिव में बेलपत्र चढ़ाने के नियम
- ऐसा माना जाता है कि भगवान शिव को बेल पत्र हमेशा सही तरीके से ज्योतिष के कुछ नियमों का पालन करते हुए ही चढ़ाना चाहिए। यदि आपको सोमवार की पूजा और व्रत के लिए बेलपत्र चढ़ाना है तो इसे एक दिन पहले यानी रविवार के दिन ही तोड़कर रख लें। बेल पत्र को कभी भी बासी नहीं माना जाता है और कितना भी पुराना बेल पत्र शिव पूजन में स्वीकार्य माना जाता है।
- जब भी आप शिव जी को बेलपत्र अर्पित करें आपको ध्यान में रखना है कि भगवान शिव को हमेशा बेलपत्र उल्टी तरफ से चढ़ाएं यानी कि इसकी चिकनी सतह वाला हिस्सा शिवलिंग से स्पर्श करना चाहिए और दूसरा हिस्सा ऊपर की तरफ होना चाहिए।
- भगवान शिव को बेलपत्र हमेशा अनामिका, अंगूठे और मध्यमा अंगुली की मदद से चढ़ाएं। कभी भी बेल पत्र को तर्जनी उंगली यानी कि पहली उंगली से स्पर्श कराते हुए न चढ़ाएं।
- हमेशा बेलपत्र की तीन पत्तियों वाला गुच्छा ही भगवान शिव (भगवान शिव के पूजन के समय ध्यान रखें ये बातें) को चढ़ाएं और यदि बेल पत्र कहीं से विच्छेदित हो तो उसे पूजा में इस्तेमाल न करें।
- कुछ तिथियों को बेलपत्र तोड़ना वर्जित होता है। जैसे कि चतुर्थी, अष्टमी, नवमी, चतुर्दशी और अमावस्या को, संक्रांति के समय और सोमवार को बेलपत्र नहीं तोड़ना चाहिए। ऐसे में पूजा से एक दिन पूर्व ही बेलपत्र तोड़कर रख लिया जाता है।

घर में बेलपत्र का पौधा होता है शुभ
घर में बेलपत्र का पौधा लगाना भी अत्यंत शुभ माना जाता है। ऐसा माना जाता है कि जिस घर में ये पौधा लगा होता है वहां भगवान शिव की कृपा तो होती है साथ ही माता लक्ष्मी का वास भी होता है। घर की उत्तर-पश्चिम दिशा में बेल का पौधा लगाने से घर के हर एक सदस्य को सभी कार्यों में सफलता मिलती है और सुख समृद्धि बनी रहती है। घर में लक्ष्मी के आगमन के लिए उत्तर-दक्षिण दिशा में बेल का पौधा लगाना चाहिए। घर के ईशान कोण में बेल का पौधा लगाने से भगवान् शिव की कृपा दृष्टि प्राप्त होती है।
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रखें इन बातों का विशेष ध्यान
- बेल के पौधे को नियमित रूप से जल चढ़ाना चाहिए और इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि इसकी पत्तियां सूखें नहीं।
- कभी भी अशुद्ध शरीर से बेल पत्र को स्पर्श न करें।
- भूलकर भी यहां बताई कुछ विशेष तिथियों में बेल की पत्तियां न तोड़ें।
- शिवपूजन में हमेशा बेल के सही पत्तों का इस्तेमाल ही करें।
यहां बताई बातों और कुछ विशेष तिथियों को ध्यान में रखते हुए यदि आप बेलपत्र तोड़ते हैं तो मानसिक शांति बनी रहती है और अगर बिना सोचे समझे बेलपत्र तोड़ते हैं तो चंद्रमा अशुभ हो जाता है और आपकी मानसिक शांति भंग हो जाती है।
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Image Credit: freepik and shutterstock
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