हिन्दू धर्म में विभिन्न प्रकार के त्योहारों को मनाने और भगवान का श्रद्धा भाव से पूजन करने का चलन है। हर एक त्यौहार अपने आप में विशेष महत्त्व रखता है। ऐसे ही त्योहारों में से एक है शिवरात्रि का त्यौहार। इस साल महाशिवरात्रि का त्यौहार 11 मार्च, बृहस्पतिवार को मनाया जाएगा। शिवरात्रि के दिन विशेष रूप से शिव जी का पूजन माता पार्वती समेत किया जाता है।
शिवपूजन इस दिन अत्यंत फलदायी माना जाता है और विशेष विधान से पूजन करना लाभकारी होता है। आइए जाने माने ज्योतिर्विद पं रमेश भोजराज द्विवेदी जी से जानें इस दिन शिव पूजन करते समय किन बातों का ध्यान रखना जरूरी है जिससे घर में सुख समृद्धि के साथ शांति भी बनी रहे।
काले वस्त्रों में पूजन न करें
वैसे तो पूजा के समय काले रंग को मुख्य रूप से अच्छा नहीं माना जाता है। लेकिन शिव पूजन करते समय कभी भी काले वस्त्र न पहनें। मुख्य रूप से शिवरात्रि के दिन काले वस्त्रों में शिव पूजन न करें। शिवरात्रि के दिन नीले या सफ़ेद वस्त्र धारण करके पूजा-पाठ करें। ऐसा करने से विशेष फल की प्राप्ति होती है। पीले, लाल या हरे वस्त्रों में भी शिव पूजन फलदायी होता है।
ऐसे चढ़ाएं अक्षत
महाशिवरात्रि के दिन शिव पूजा में भगवान शिव को टूट हुए अक्षत या चावल कदापि नहीं चढाने चाइए। मान्यतानुसार टूटा हुआ चावल अशुद्ध माना जाता है और इसे पूजा में अर्पित करना अशुभ होता है। कहा जाता है कि किसी भी पूजन के दौरान साबुत अक्षत ही अर्पित करने चाहिए। यदि घर में ऐसे चावल न हों तो शिव पूजन में अक्षत अर्पित न करें।
तुलसी दल न चढ़ाएं
लोग विष्णु पूजन के दौरान मुख्य रूप से तुलसी दल अर्पित करते हैं। लेकिन शिव पूजन के दौरान तुलसी अर्पित करना पूर्ण रूप से वर्जित माना गया है। तुलसी को विष्णु प्रिया माना जाता है और ऐसा माना जाता है कि भगवान् शिव तुलसी के ज्येष्ठ हैं अतः शिवलिंग पर भूलकर भी तुलसी अर्पित न करें। भगवान शिव के पूजन में मुख्य रूप से बेल पत्र चढ़ाना शुभ होता है।
नारियल पानी से न करें अभिषेक
कभी भी शिव लिंग का अभिषेक नारियल पानी से नहीं करना चाहिए। नारियल को माता लक्ष्मी के रूप में संबोधित किया जाता है। इसलिए मान्यता है कि नारियल पानी से अभिषेक नहीं करना चाहिए।
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शंख से न करें पूजन
महाशिवरात्रि के दिन शिवपूजन के दौरान शंख का इस्तेमाल करना वर्जित माना जाता है। कहा जाता है कि इसके पीछे एक पौराणिक कथा मशहूर है। पुराणों के अनुसार भगवान शिव ने शंखचूड़ नाम के असुर का वध किया था, जो भगवान विष्णु का भक्त था। इसलिए विष्णु जी की पूजा में शंख का इस्तेमाल किया जाता है जबकि शिवपूजन में शंख का इस्तेमाल पूरी तरह से वर्जित है।
चन्दन का करें लेप
शिव जी की पूजा के दौरान मुख्य रूप से शिव प्रतिमा के मस्तक पर चन्दन लगाना चाहिए या फिर शिवलिंग पर चन्दन का लेप करना चाहिए। कहा जाता है कि शिव पूजन में कुमकुम या सिन्दूर नहीं लगाना चाहिए।
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ऐसे करें शिव पूजन
- महा शिवरात्रि के दिन सुबह उठकर जल्दी स्नान करके पूजा स्थान साफ़ कराएं ।
- शिवलिंग को दूध, दही,शहद और गंगाजल से स्नान कराएं।
- शिव और पार्वती जी की मूर्ति को साफ़ चौकी पर स्थापित करके स्नान कराएं।
- शिव जी को चन्दन लगाएं और माता पार्वती को सिन्दूर लगाएं।
- शिवलिंग को भी स्नान करवाकर बेलपत्र अर्पित करें और चन्दन का लेप लगाएं ।
- पूरे दिन सात्विक रूप से व्रत का पालन करते हुए शिव पूजन करें।
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Image Credit:freepik, unsplash and pintrest
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