थिएटर के दौरान बढ़ीं नजदीकियां, कुछ इस तरह एक हुए नसीरुद्दीन शाह और रत्ना पाठक

कहते हैं न जब प्यार हो जाता है तो फिर धर्म और उम्र मायने नहीं रखती है। इसका जीता-जागता उदाहरण नसीरुद्दीन शाह और रत्ना पाठक हैं।

  • Hema Pant
  • Editorial
  • Updated - 2022-06-24, 14:48 IST
naseeruddin shah and ratna love story in hindi

नसीरुद्दीन शाह का नाम इंडस्ट्री में बड़े अदबो से लिया जाता है। उन्होनें 100 से ज्यादा फिल्मों में काम किया है। उनकी हर फिल्म इस बात की गवाह है कि एक्टिंग के मामले में उनका कोई जवाब नहीं। उन्होनें अपने करियर की शुरुआत पाकिस्तानी सिनेमा से की थी। उन्हें कई अवॉर्ड्स से नवाजा जा चुका है। हालांकि, उनके काम के बारे में तो दुनिया जानती है, लेकिन उनकी पर्सनल लाइफ से जुड़ी ऐसी कई बातें हैं, जिनके बारे में अभी तक लोग नहीं जानते हैं। खासतौर पर उनकी लवलाइफ के बारे में। आज हम आपको उनकी और रत्ना पाठक की लव स्टोरी के बारे में बताएंगे। कैसे और कब दोनों एक हुए और यह रिश्ता सात जन्मों का बन गया।

इस नाटक से हुई पहली मुलाकात

celebs love storyरत्ना पाठक और नसीर साहब जब पहली बार एक-दूसरे से मिले थे, तब दोनों ही कॉलेज में थे। लेकिन उनकी पहली मुलाकात 'संभोग से संन्यास तक' नाटक के दौरान हुई थी। इस प्ले में दोनों ने पहली बार एक साथ काम किया था। एक इंटरव्यू में इस बारे में रत्ना पाठक ने खुद कहा था कि 'यह कोई पहली नजर का प्यार नहीं था'। जब डायरेक्टर ने हम दोनों को मिलवाया तब मैं उनका नाम तक नहीं जान पाई थी। पहले दिन सब नॉर्मल था, लेकिन दूसरे दिन से हमने एक साथ टाइम स्पेंड करना शुरू कर दिया।

लिव इन में रह चुके हैं कपल

इस नाटक के बाद दोनों ने एक-साथ खूब काम किया और धीरे-धीरे एक-दूसरे के करीब आने लगे। फिर कुछ समय बाद दोनों ने ही लिव इन में रहने का फैसला लिया था। 1982 तक लिव-इन रिलेशनशिप में रहने के बाद रत्ना और नसीरुद्दीन शाह ने बड़े ही साधारण तरीके से अपनी मां के घर में रजिस्टर्ड मैरिज की।

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19 साल में पहली बार रचाई थी नसीर साहब ने शादी

ratna and naseerudin love storyहालांकि, नसीर साहब पहले भी अपना दिल हार चुके हैं। उन्होनें 19 साल की उम्र में परवीन नाम की एक लड़की से प्यार हो गया था। वह पाकिस्तान से अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी में पढ़ने के लिए आई थी। यह प्यार परवान चढ़ा और साल 1 नवंबर 1969 में दोनों से शादी रचा ली। लेकिन नियती को कुछ और ही मंजूर था। शादी के एक साल बाद उनकी बेटी पैदा हुई, जिसका नाम हीबा है। लेकिन कुछ समय बाद दोनों में दरारें आनी शुरू हो गई और दोनों ने अपनी राहें जुदा कर ली।

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बच्चों के साथ खुशहाल जीवन

नसीर की पहली पत्नी की मौत के बाद उनकी बेटी हीबा भी उनके साथ रहने लगी। लेकिन इससे उनके रिश्ते में दरार नहीं आई। नसीर और रत्ना के दो बेटे हैं। विवान और इमाद शाह, दोनों ही आज इंडस्ट्री में काम कर रहे हैं।

इसलिए कहा जाता है कि अगर दिल में सच्चा प्यार हो तो फिर कोई मजहब और जाति मायने नहीं रखती है। दो दिल बस एक-दूसरे के हो जाते हैं। रत्ना और नसीर साहब आने वाली पीढ़ी के लिए एक मिसाल भी हैं, जो समाज के डर से शायद कभी एक न हो पाएं।

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