देश भर में दिवाली का त्यौहार धूम-धाम से मनाया जाता है। इस पर्व की खासियत है कि यह 1 दिन नहीं बल्कि 5 दिन तक मनाया जाता है। धनतेरस से इस पर्व की शुरुआत होती है और भाई दूज तक इसे मनाया जाता है। इस बीच नरक चौदस का भी त्यौहार आता है, जिसे रूप चौदस और रूप चतुर्दशी के नाम से भी जाना जाता है। क्योंकि यह पर्व दिवाली से ठीक एक दिन पहले होता है इसलिए इसे छोटी दिवाली भी कहा जाता है। मगर इस बार छोटी और बड़ी दिवाली का त्यौहार एक ही दिन पड़ रहा है।
इस बारे में उज्जैन के पंडित मनीष शर्मा कहते हैं, 'कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी के दिन चंद्र के उदय होने पर नरक चौदस मनाई जाती है। इस बार कार्तिक कृष्ण चतुर्दशी तिथि का आरंभ 13 नवंबर को शाम 5 बजकर 59 मिनट पर होगा और यह 14 नवंबर को दिन में 2 बजकर 18 मिनट तक रहेगी। ऐसे में नरक चतुर्दशी की पूजा इस वर्ष 14 नवंबर को करना सही रहेगा। मगर जो लोग घर के बाहर रात में दिया जलाते हैं वह लोग 13 नवंबर की रात में ही घर के मुख्य द्वार पर दिया जला सकते हैं। वहीं जो लोग नरक चौदस पर यम देव की पूजा करते हैं, वह 14 नवंबर को लक्ष्मी पूजन से पहले यह पूजा कर सकते हैं।'
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नरक चौदस का महत्व
इस दिन यम देव की पूजा की जाती है। आकाल मृत्यु के संकट से बचने और अच्छे स्वास्थ्य के लिए लोग यम देव की पूजा करते हैं। इस दिन सूर्य उदय से पहले उठ कर शरीर में तिल का तेल लगाना होता है। इतना ही नहीं, नहाने के पानी में चिचड़ी की पत्तियां डाल कर स्नान करने से व्यक्ति को स्वर्ग की प्राप्ति होती है। ऐसी भी मान्यता है कि नरक चौदस के दिन अपने घर से कबाड़ निकाल कर बाहर कर देना चाहिए ताकि दिवाली के दिन घर में माता लक्ष्मी का आगमन हो सके। नरक चतुर्दशी के दिन भगवान कृष्ण की भी पूजा की जाती है क्योंकि इस दिन भगवान कृष्ण ने नरकासुर राक्षस की कैद में बंधक बनी 16 हजार से भी अधिक स्त्रियों को छुड़ा कर उनसे विवाह किया था।
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नरक चौदस की पूजा विधि
- नरक चौदस से पूर्व अहोई अष्टमी का त्यौहार आता है। इस पर्व पर कलश में पानी भर कर रखा जाता है। इस पानी को फेकें नहीं बल्कि नरक चौदस के दिन आप इस पानी को नहाने के पानी में मिला कर स्नान करें। ऐसा कहा जाता है इस पानी से स्नान करने से हर तरह का भय दूर हो जाता है।
- स्नान करने के बाद यम देव की अराधना करें और घर की दक्षिण दिशा की ओर हाथ जोड़ कर यम देव से अच्छी सेहत की प्रार्थना करें।
- नरक चौदस के दिन रात के समय घर के बाहर तिल के तेल का दिया जरूर जलाएं, ऐसा करने से घर में मौजूद नकारात्मक शक्तियां नष्ट हो जाती हैं।
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