इस वर्ष दिवाली का त्योहार 27 अक्टूबर को है। हर वर्ष की तरह लोग दिवाली को धूम-धाम से मनाने के लिए तैयार हैं। आपको बता दें कि दिवाली से 1 दिन पहले भी एक त्योहार पड़ता है अमूमन लोग इसे छोटी दिवाली के नाम से जानते हैं मगर, उत्तर भारत में इस त्योहार को नरक चतुर्दशी के रूप में मनाया जाता है। आइए जानते हैं इस त्योहार से जुड़ी मान्यताओं के बारे में।
इसे जरूर पढ़े- Diwali 2019: अपनी दिवाली को इन तरीको से बनाएं ईको फ्रैंडली और बांटे खुशियां
शुभ मुहूर्त
सूर्य अस्त होने के बाद आप घर की किसी नाली पर पुराने दिए में तिल का तेल भरकर उसे जलाएं। एक नया और कच्च दिया आपको घर के मुख्य द्वार पर भी जलाना चाहिए।
इसे जरूर पढ़े- धनतेरस पर अंक के अनुसार करेंगी शॉपिंग तो घर में नहीं होगी पैसे की कमीक्या है मान्यता
ऐसी मान्यता है कि द्वापर युग में भगवान श्री कृष्ण ने नरकासुर नाम के राक्षस को इसी दिन मारा था और नरकासुर की कैद से भगवान कृष्ण ने सोलह हजार एक सौ कन्याओं को रिहा करा कर उन सभी को अपनी रानी बना लिया था। आपने कई बार सुना होगा कि भगवान श्री कृष्ण की सोलह हजार रानियां थी। इस बात का संबंध नरक चतुर्दशी से ही है।
कौन था नरकासुर
नरकासुर के बारे में बहुत कम लोगों को पता है मगर, जब भगवान विष्णु ने जंगली सुअर का अवतार लिया था तब नरकासुर उनका पुत्र था। उसे ब्रह्मा जी की तपस्या करने से कभी भी किसी के भी हाथों से न मरने का वरदान प्राप्ता था। मगर, वह नरक में रहने के कारण असुर सोच वाला बन गया और लोगों को देवताओं को तंग करने लगा। तब द्वापर युग में भगवान कृष्ण ने उसके अत्याचारों से लोगो को मुक्ति दिलाने के लिए उसे मार दिया था।पंडित जी से जानें कि कौन से शुभ मुहूर्त में आपको करनी चाहिए Dhanteras Shopping
नरक चतुर्दशी कथा
इस त्योहार से कथा जुड़ी है। लोग इस दिन को बुराई पर अच्छाई की जीत की खुशी में भी मनाते हैं। विष्णु पुराण में लिखी कथा के अनुसर,

पूजा विधि
नरक चतुर्दशी के दिन आपको सुबह जल्दी उठकर स्नान करना चाहिए। इसके बाद आपको पुरे शरीर में उबटन लगा कर शरीर के नरक को साफ कर लेना चाहिए। नरक चौदस की शाम को ढेर सारे दिए जलाने चाहिए और एक दिया आपको नाली के पास भी चलना चाहिए। क्यों इसदिन भगवन कृष्ण ने सोलह हजार एक सौर कन्याओं को अपनी रानी बनाया था। इसके साथ ही आपको रात के समय घर के सबसे बुजुर्ग आदमी को दिया जला कर पूरे घर में घूमना होता है और फिर दिए को घर से बाहर रखना चाहिए। इसे यम दिया कहते हैं। इस दौरान बाकी सारे परिवार के सदस्यों को घर के अंदर ही रहना होता है। कहते हैं कि इस दिन जो दिया जलाया जाता है वे पितरों के लिए भी होता है इससे पितरों को मोक्ष प्राप्त होता है।
HerZindagi ऐप के साथ पाएं हेल्थ, फिटनेस और ब्यूटी से जुड़ी हर जानकारी, सीधे आपके फोन पर! आज ही डाउनलोड करें और बनाएं अपनी जिंदगी को और बेहतर!
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों