इस अनोखे मंदिर में माता की मूर्ति दिन में तीन बार बदलती है रूप

उत्तराखंड में मां धारा देवी का मंदिर स्थित है। इस अनोखे मंदिर की खासियत है कि यहां पर स्थित मां धारा देवी की मूर्ति दिन में तीन बार अपना रूप बदलती है।

dhari devi temple

भारत अध्यात्म और आस्था के लिए दुनियाभर में प्रसिद्ध है। यहां रहस्यमय और प्राचीन मंदिरों की कोई कमी नहीं है। भारत में वैष्णों देवी, मनसा देवी, नंदा देवी और चंडी देवी समेत कई मंदिर हैं। इन मंदिरों के दर्शन करने भक्त दूर-दूर से आते हैं। माना जाता है कि इन मंदिरों में माता के दर्शन मात्र से ही जीवन के सभी कष्ट समाप्त हो जाते हैं।

आज हम आपको देवों की भूमि उत्तराखंड एक ऐसे अनोखे मंदिर के बारे में बताएंगे, जहां हर दिन चमत्कार होता है। यह अनोखा मंदिर उत्तराखंड के श्रीनगर से लगभग 15 किमी दूर कलियासौड़ इलाके में अलकनंदा नदी के तट पर स्थित है। इस मंदिर को धारी देवी मंदिर के नाम से जाना जाता है। इस मंदिर की खासियत है कि यहां स्थित माता की मूर्ति दिन में तीन बार अपना रूप बदलती है। माता के चमत्कार को देखकर भक्त हैरान रह जाते हैं।

माता की मूर्ति बदलती है रूप

dhari devi

धारी देवी मंदिर में स्थित माता की मूर्ति सुबह कन्या, दोपहर, युवती और शाम को बूढ़ी महिला के रूप में नजर आती है। बद्रीनाथ जाने वाले भक्त यहां रूककर माता के दर्शन जरूर करते हैं। माना जाता है कि धारी देवी उत्तराखंड के चार धाम की रक्षा करती हैं। मां धारी को पहाड़ों की रक्षक देवी माना जाता है।

मंदिर से जुड़ी पौराणिक कथा

dhari devi

पौराणिक कथा के अनुसार, एक बार भीषण बाढ़ में माता की मूर्ति बह गई और धारो गांव में चट्टान से टकरारकर रूक गई थी। कहा जाता है कि मूर्ति से निकली ईश्वरीय आवाज ने गांव वालों को उसी जगह पर मूर्ति स्थापित करने का निर्देश दिया। इसके बाद गांव वालों ने उसी जगह पर माता का मंदिर बना दिया। तबसे यहां आने वाला श्रद्धालु मां के दरबार में हाजिरी लगाकर ही जाता है।

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मां धारा देवी हो गई थीं क्रोधित

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स्थानीय लोगों के मुताबिक, इस मंदिर को साल 2013 में तोड़ दिया गया था और मां धारी देवी की मूर्ति को दूसरे स्थान पर स्थापित कर दिया था। इस बात से मां धारी देवी बेहद नाराज हो गईं थीं। उसी साल उत्तराखंड में भयंकर बाढ़ आई थी, जिसमें हजारों लोगों की जान चली गई थी।

मां धारी देवी की मूर्ति को फिर किया स्थापित

बताया जाता है कि माता की मूर्ति को 16 जून 2013 की शाम को मंदिर से हटाया गया था और उसके कुछ ही घंटों बाद उत्तराखंड में बाढ़ का कहर टूट पड़ा था। उसके बाद फिर से उसी जगह पर मां धारी देवी की मूर्ति स्थापित की गई। जिसके बाद बाढ़ ने कहर बरपाना बंद किया था।

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Image Credit:oneuttarakhand.com,samacharnama.com

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