भारत में मुगलों ने लगभग 3 शताब्दियों तक शासन किया था। इतिहास के पन्ने पलटने पर पता चलता है कि मुगल साम्राज्य की स्थापना साल 1526 में बाबर ने की थी और इसके बाद बाबर के वंशजों ने लंबे समय तक भारत में अपना आधिपत्य बनाकर रखा। मुगल साम्राज्य में बादशाह अकबर के समय को बेहतर माना गया और औरंगजेब के शासनकाल को क्रूरता से भरा हुआ माना जाता है। इतिहासकार बताते हैं कि उसने अपने शासनकाल में धर्म के आधार पर काफी भेदभाव किए थे। कहा जाता है कि इसी के बाद धीरे-धीरे मुगलों का पतन शुरू हो गया था। मुगल साम्राज्य का आखिरी बादशाह बहादुर शाह जफर था। उन्होंने भारत पर 1837 से 1857 तक शासन किया था और उसके बाद उन्हें अंग्रेजों के हाथों अपनी सत्ता गंवानी पड़ी थी। एक वक्त पर मुगलों के पास पैसा, ताकत और किसी भी चीज की कोई कमी नहीं थी लेकिन वक्त का पहिया कुछ ऐसा चला कि साम्राज्य के पतन के बाद, मुगल वंशजों की जिंदगी बदहाल हो गई और एक मुगल शहजादा दिल्ली की गलियों में रात को भीख मांगने को मजबूर हो गया था। चलिए,आपको बताते हैं उस शहजादे के बारे में।
मुगल साम्राज्य के पतन के बाद गलियों में भीख मांगता था यह मुगल शहजादा?
इतिहासकार बताते हैं कि मुगल बादशाह औरंगजेब के बाद धीरे-धीरे भारत में मुगल साम्राज्य का पतन होने लगा था और बहादुरशाह जफर के बाद मुगल साम्राज्य पूरी तरह से समाप्त हो गया था। अंग्रेजों ने मुगलों के आखिरी बादशाह बहादुर शाह से सत्ता छीन ली थी और फिर उनके वंशजों को बदहाली का सामना करना पड़ा था। भारत के कई हिस्सों में आज भी उनके वंशज हैं, जो तंगहाली में जिंदगी बिता रहे हैं। बताया जाता है कि सत्ता गंवाने के बाद मुगल धीरे-धीरे खाने-पीने और बेसिक चीजों के लिए भी तरसने लगे थे और मुगल शहजादे मिर्जा जवान बख्त ने दिल्ली की गलियों में भीख भी मांगी थी। उनका जन्म लाल किले में हुआ था। लेकिन, सत्ता छिनने के बाद, वह रात को दिल्ली की सड़कों पर भीख मांगा करते थे, ताकि उनकी पहचान भी किसी के सामने न आए और उनका खर्चा भी चल पाए। एक और मुगल शहजादे के भीख मांगने की बात ख्वाजा हसन निजामी की किताब 'बेगमात के आंसू' में भी कही गई है। उनका नाम कमर सुल्तान बहादुर बताया जाता है। वह बहादुरशाह के पोते थे। बताया जाता है कि वह भीख मांगते वक्त कहते थे, 'या अल्लाह, मुझे इतना दे कि मैं अपने खाने के लिए सामान खरीद पाऊं।'
भारत और पाकिस्तान के अलग-अलग हिस्सों में आज भी मौजद हैं मुगलों के वंशज
बताया जाता है कि 1857 में अंग्रेजों ने बहादुर शाह जफर को म्यामांर भेज दिया था और उनके कई बच्चों और पोतों की हत्या कर दी गई थी। हालांकि, भारत के अलग-अलग हिस्सों में कुछ लोग मुगलों के वंशज होने का दावा करते हैं और यह भी बताते हैं कि उन्हें कोई खास सहायता नहीं मिल रही है। पाकिस्तान में भी मुगलों के कुछ वंशज मौजूद हैं।
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Image Credit: Meta AI
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