90 के दशक को गोल्डन एरा कहा जा सकता है। ये वो दशक था जिसमें बहुत सारे बदलाव हमने देखे और इस दौरान ना जाने कितनी ऐसी चीजें हुई जिसने पूरी दुनिया को ही बदल दिया। हर घर में रंगीन टीवी, कॉर्डलेस, मोबाइल, कंप्यूटर आदि की क्रांति की शुरुआत इसी समय से हुई थी। ये वो समय था जहां बच्चे बाहर जाकर खेला करते थे और दुनिया भर के सपने बुना करते थे। इस दौर में भारत तरक्की कर रहा था और ना जाने कितनी नई कंपनियां शुरू हुई थीं।
इन कंपनियों ने बहुत से ऐसे विज्ञापन बनाए थे जिन्हें आज भी याद किया जाता है। अब 'वॉशिंग पाउडर निरमा' को ही ले लीजिए जो अपने आप में लोगों की जुबान में चढ़ गया था। ऐसे ही कई एड्स के बारे में हम आपको बताने जा रहे हैं।
उफ्फ ये एड... 'क्या स्वाद है जिंदगी का' टैगलाइन इस एड ने फेमस कर दी थी। इसे इतना ज्यादा पसंद किया जा रहा था कि लोग पान के ठेले पर खड़े होकर भी इसे गाते थे। इस एड में क्रिकेट फील्ड पर डांस करती हुई सिमोना राशि को इतना पसंद किया जाता था कि लोग उनकी नकल भी उतारने लगे थे। इसे सही मायने में एक वायरल एड कहा जा सकता था। उस वक्त डेरी मिल्क का क्रेज बहुत बढ़ गया था।
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'मेलोडी इतनी चॉकलेटी क्यों है?' ये सवाल बचपन में शायद आपने भी पूछा हो। 1994 में आए इस विज्ञापन ने धूम मचा दी थी और सभी को ये बहुत ही ज्यादा पसंद आया था। मेलोडी के इस एड में टॉफी बनते हुए भी दिखाया जाता था। मिडिल में कैरेमल और ऊपरी हिस्से में चॉकलेट होती है। ये एड हमें उस दौर की याद दिलाता है जहां बच्चों के दांतों में चॉकलेट के निशान बने रहते थे।
3. झंडू बाम का एड
'झंडू बाम झंडू बाम पीड़ा हारी बाम, सर्दी-सिर दर्द कमर दर्द को पल में दूर करें, झंडू बाम' इस विज्ञापन की बात की कुछ निराली थी। इसमें घर में काम करती हुई मां की परेशानी दिखाई जाती है और छोटी सी बेटी मां की परेशानी देखकर उन्हें दर्द से राहत देनी की बात करती है। इस विज्ञापन में मां-बेटी के प्यार का जिक्र था और बस इसे बहुत ही ज्यादा पसंद किया जाता था। इस विज्ञापन के बाद झंडू बाम सभी की पहली पसंद बन गया था।
लिरिल साबुन का एड वो एड था जिसमें शुरुआत से लेकर अंत तक सिर्फ नहाने को ही ग्लैमराइज किया गया था। इसमें प्रीति जिंटा को भी लिया गया था और इस एड की तारीफ भी बहुत हुई थी। पूरा हिंदुस्तान उस वक्त लिरिल साबुन के गुणगान गाता था।
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अगर हम 90's के सुपरहिट विज्ञापनों की बात कर रहे हैं और बजाज स्कूटर की बात ना करें तो ऐसा कैसे हो सकता है। एक मध्यमवर्गीय परिवार की जरूरतों को पूरा करता हुआ बजाज स्कूटर जिसमें बच्चों के लिए सामने खड़े होने की जगह थी और मां पीछे बैठा करती थी। पापा स्कूटर चलाते हुए दिखते थे और बजाज स्कूटर के साथ पूरा घर खुश रहता था। इसकी टैगलाइन, 'नए भारत की नई तस्वीर, हमारा बजाज' आज भी फेमस है।
इनके अलावा भी धारा , अमूल दूध, एक्शन शूज आदि के एड्स इतने पसंद किए गए थे कि क्या बताएं। क्या आपका पसंदीदा एड इस लिस्ट में मौजूद है? अगर हां तो हमें कमेंट बॉक्स में बताएं कि आपको इसमें से कौन सा एड पसंद था। अगर आपको ये स्टोरी अच्छी लगी है तो इसे शेयर जरूर करें। ऐसी ही अन्य स्टोरी पढ़ने के लिए जुड़े रहें हरजिंदगी से।
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