फूल देखने में या किसी को उपहार में देने के लिए अच्छे नहीं लगते, बल्कि उनमें बहुत-सी खासियत भी होती है। हर फूल अपने में अलग, खूबसूरत और खास होता है। कुछ फूल बेहद महंगे होते हैं और वहीं कुछ फूलों का हमारी संस्कृति और कल्चर में अलग महत्व है। फूलों को मंदिरों में, शुभ कार्यों में और उपासना में चढ़ाया जाता है और ऐसा माना जाता है कि फूल चढ़ाने से भगवान भी खुश होते हैं। भारत में पाए जाने वाले ऐसे कितने सुंदर फूल हैं जो मंदिरों में और भगवान की प्रार्थना में अर्पित किए जाते हैं। आज इस आर्टिकल में हम आपको ऐसे ही कुछ फूलों के बारे में बताने जा रहे हैं, जिनका हिंदू देवी और देवताओं की पूजना और अर्चना में बड़ा महत्व है।
परिजात का फूल
परिजात को रात की रानी भी कहा जाता है और यह पश्चिम बंगाल का आधिरकारिक फूल है। इसकी अच्छी खुशबू मन को शांत करती है और इस पौधे की कई सारी खासियत भी है। इस फूल को शुभ माना जाता है और ऐसा माना जाता है कि यह फूल भगवान श्रीकृष्ण को बहुत प्रिय है। इसकी सुगंधित और मनमोहक खुशबू के कारण इसे हरसिंगार के नाम से भी जाना जाता है।
कमल का फूल
कमल राष्ट्रीय फूल है, जिसे पवित्र माना जाता है। इसे औषधि के रूप में भी उपयोग में लाया जाता है। इसे आध्यामिकता, पवित्रता औ ज्ञान का प्रतीक माना जाता है। कमल के फूल को सुख और ऐश्वर्य का सूचक कहा जाता है और इसी कारण कमल के फूल को पुष्पराज की संज्ञा दी गई है। यह दिव्य का प्रतीक है और इसका संबंध ब्रह्म और ब्रह्माण्ड दोनों से है, खासतौर से ब्रह्म कमल भगवान शिव, विष्णु, मां लक्ष्मी और स्वयं भगवान ब्रह्मा को प्रिय है।
मोगरा का फूल
मोगरा के फूलों को गर्मी के मौसम के लिए बहुत अच्छा और उपयोगी माना जाता है। इसकी सुगंध आपके वातावरण को सुगंधित करती है और ताजगी से भरती है। मोगरा के लिए अन्य नाम मालती और मल्लिका है और ऐसा माना जाता है कि यह फूल तन और मन को ठंडक का एहसास दिलाने का काम करता है। इसके कई औषधीय गुण है और इसे उपासना के लिए उत्तम फूल माना जाता है। मंदिरों में पूजा-अर्चना के लिए मोगरा के फूल का बहुत महत्व है। इसे भगवान शिव और भगवान विष्णु को चढ़ाया जाता है।
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धतूरे का फूल
धतूरे के फूल को जहरीले फूलों की श्रेणी में रखा जाता है। ऐसा माना जाता है कि इस फूल के कई औशधीय गुण होते हैं और यह कई बीमारियों का इलाज करने में मदद करता है। यह एक जंगली फूल है जिसे धार्मिक कारणों से पवित्र भी माना जाता है। पौराणिक गाथा के अनुसार जब समुंद्र मंथन से निकलने वाले जहर को भगवान शंकर ने पिया, तब अश्विनी कुमारों ने भांग, धतूरा, बेल जैसी औषधियों से शिव जी की व्याकुलता को दूर किया था और ऐसा कहा जाता है कि उसी के बाद से यह फूल भगवान शिव को बहुत प्रिय है।
गुड़हल का फूल
आयुर्वेद की दृष्टि से देखें तो गुड़हल के फूल के कई फायदे हैं। इसके साथ ही लाल गुड़हल का फूल धार्मिक ग्रंथों में भी बड़ा महत्व रहा है। इस खूबसूरत से दिखने वाले ऑर्नामेंटल पौधे को सूर्य देव और देवी की अर्चना के लिए उपयोग किया जाता है। ऐसा माना जाता है कि देवी दुर्गा को गुड़हल का फूल अतिप्रिय है और उन्हें यह फूल अर्पित करने से आपकी समस्याओं में राहत मिलती है। वहीं सूर्य को अर्घ देते हुए गुड़हल का फूल अर्पित करने से कृपा प्राप्त होती है।
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गेंदे का फूल
गेंदा घर की सजावट में चार चांद लगाने का काम करता है। किसी भी शुभ कार्य में गेंदे के फूल से की गई सजावट सकारात्मक प्रभाव डालती है और इसका उपयोग पूजा के दौरान भी किया जाता है। ज्ञान और विद्या का प्रतीक गेंदे का फूल का संबंध बृहस्पति से है। ऐसी मान्यताएं हैं कि गेंदे का फूल भगवान गणेश, भगवान विष्णु और देवी सरस्वती की उपासना में चढ़ाने से सारी मनोकामनाएं पूरी होती हैं।
इसके अलावा कनेर, चंपा, बेला, कंदब, पलाश, कुमुद, गुलाब आदि के फूलों का भी भगवान की उपासना में बड़ा महत्व है। हमें उम्मीद है यह आर्टिकल आपको पसंद आया होगा। इसे लाइक और शेयर करें और ऐसे अन्य आर्टिकल पढ़ने के लिए जुड़े रहें हरजिंदगी के साथ।
Image Credit : freepik, amazon, wikipedia, thespruce
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