हिन्दू धर्म में अमावस्या तिथि का विशेष महत्त्व है। एक महीने में एक अमावस्या तिथि होती है और पूरे साल में 12 अमावस्या तिथियां होती हैं। सभी अमावस्या तिथियां अपने आप में विशेष महत्त्व रखती हैं। सभी अमावस्या तिथियों में से मई के महीने यानी कि हिन्दू कैलेंडर के अनुसार वैशाख अमावस्या का अलग महत्त्व है।
इस अमावस्या तिथि में पवित्र नदियों में स्नान करना और गरीबों को भोजन कराना अत्यंत फलदायी होता है। आइए नई दिल्ली के जाने माने पंडित, एस्ट्रोलॉजी, कर्मकांड,पितृदोष और वास्तु विशेषज्ञ प्रशांत मिश्रा जी से जानें इस साल मई के महीने में कब पड़ रही है अमावस्या तिथि और इसका क्या महत्त्व है।
अमावस्या तिथि
साल 2021 में अमावस्या तिथि 11 मई, मंगलवार के दिन पड़ रही है। धार्मिक मान्यता के अनुसार, इस अमावस्या को धर्म-कर्म, स्नान-दान और पितरों के तर्पण करना अत्यंत शुभ माना जाता है। अमावस्या तिथि अपने ऊपर पड़ने वाली किसी भी बाधा को दूर करने के लिए सबसे अच्छी तिथि मानी जाती है और इस दिन पितरों के नाम से दान पुण्य करने से पितर प्रसन्न होते हैं।
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अमावस्या तिथि शुभ मुहूर्त
मई महीने में पड़ने वाली अमावस्या 11 मई 2021 मंगलवार के दिन पड़ेगी
अमावस्या तिथि आरम्भ -10 मई रात्रि 9 बजकर 55 मिनट पर
अमावस्या तिथि समाप्ति 12 मई को 12 बजकर 29 मिनट पर होगी।
पवित्र नदी में स्नान शुभ
अमावस्या तिथि के दिन किसी भी पवित्र नदी में स्नान करने से समस्त पापों से मुक्ति मिलती है। कहा जाता है कि इस दिन गंगा जैसी पवित्र नदी में डुबकी लगाने से भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं। लेकिन इस साल कोरोना काल में आप नदी में सनान नहीं कर सकते हैं, तो घर में ही नहाने के पानी में गंगा जल मिलाकर स्नान ध्यान करें इससे पवित्र नदी में स्नान के बराबर का ही फल प्राप्त होता है।
अमावस्या तिथि का महत्व
पुराणों में इस तिथि का विशेष महत्त्व बताया जाता है। इस दिन सूर्य को अर्ध्य देने और पितरों को तर्पण करने से पितर प्रसन्न होकर विशेष फल देते हैं। इस दिन श्राद्ध कर्म करने का भी विशेष महत्त्व है। ऐसा करने से पितृ दोषों से मुक्ति मिलती है।
अमावस्या की पूजा विधि
- अमावस्या तिथि के दिन प्रातः जल्दी उठें एवं स्नान और दैनिक कार्यों से निवृत्त होकर पूजन करें।
- सूर्योदय के समय भगवान सूर्यदेव को जल का अर्घ्य दें। जल का अर्घ्य देने से सभी मनोकामनाओं की पूर्ति होती है।
- इस दिन अपने पितरों को याद करते हुए का तर्पण करें।
- पितरों की आत्मा की शांति के लिए व्रत या उपवास भी कर सकते हैं।
- इस दिन गाय को रोटी अवश्य खिलाएं क्योंकि गाय में 33 करोड़ देवी देवताओं का वास होता है।
- पितरों के नाम का दीपक घर के मुख्य द्वार पर अवश्य जलाएं
- गरीबों को भोजन एवं दान पुण्य करें।
- ब्राह्मणों को श्रद्धा पूर्वक भोजन कराएं एवं दक्षिणा दें।
इस दिन क्या करें
- पितरों की आत्मा की शांति के लिए जल तर्पण करें।
- किसी गरीब व्यक्ति को दान-दक्षिणा दें।
- अमावस्या के दिन पीपल के पेड़ पर सुबह जल चढ़ाएं और संध्या के समय दीपक प्रज्ज्वलित करें।
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Image Credit:freepik, unsplash and pixabey
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