Mauni Amavasya 2021: जानें कब है मौनी अमावस्या और क्या है इसका महत्त्व

हर साल माघ महीने की अमावस्या को मौनी अमावस्या के रूप में मनाया जाता है। जानें इस साल कब है मौनी अमावस्या और क्या है इसका महत्त्व ?

mauni=amawasya main

मौनी अमावस्या माघ महीने की अमावस्या तिथि को मनाई जाती है। मान्यतानुसार इस दिन गंगा जैसी पवित्र नदियों में स्नान करने का एक अलग ही महत्त्व है। मौनी अमावस्या के दिन मौन व्रत धारण करके स्नान करना अत्यंत लाभकारी होता है। इस दिन मुख्य रूप से भगवान विष्णु और शिव की पूजा करने का विधान है। इसके अलावा इस दिन अपने पूर्वजों को भी याद किया जाता है और उनके नाम का भोजन निकाल कर मंदिर में दान दिया जाता है। माघ माह को भी बहुत पवित्र महीना माना जाता है और इस पूरे महीने में दान और पुण्य का अलग ही महत्त्व है। आइए जानें मौनी अमावस्या की तिथि और महत्त्व के बारे में।

मौनी अमावस्या की तिथि

mauni amawasya

इस साल मौनी अमावस्या 11 फरवरी बृहस्पतिवार को मनाई जाएगी। इसी दिन उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में चल रहे माघ मेले के दिन शाही स्नान होगा। मौनी अमावस्या (मौनी अमावस्या में न करें ये काम) में हर साल लाखों श्रद्धालु गंगा नदी में डुबकी लगाते हैं और कहा जाता है कि मौनी अमावस्या को गंगा स्नान करने से ,मोक्ष का द्वार खुल जाता है।

मौनी अमावस्या का महत्त्व

ganga snan amawas

पौराणिक मान्यताओं के अनुसार मौनी अमावस्या के दिन देवतागण पवित्र संगम में निवास करते हैं, इसलिए इस दिन गंगा स्नान का विशेष महत्व होता है। मुनि शब्द से मौनी की उत्पत्ति हुई है। इसलिए ऐसा कहा जाता है की इस दिन मौन रहने वाले व्यक्ति को मुनि पद की प्राप्ति होती है। मौनी अमावस्या के दिन दान-पुण्य करने का भी अलग ही महत्त्व बताया गया है और कहा जाता है कि इस दिन दान करने से कई वर्षों का पुण्य प्राप्त होता है।

इसे जरूर पढ़ें: February 2021 Festival: मौनी अमावस्या से लेकर बसंत पंचमी तक, फरवरी में मनाए जाएंगे ये तीज-त्‍यौहार

पंडित जी के अनुसार शुभ मुहूर्त

अयोध्या के जाने माने पंडित श्री राधे शरण शास्त्री जी के अनुसार मौनी अमावस्या का विशेष महत्त्व है और इस दिन अपनी सामर्थ्य अनुसार दान करने से विशेष फल प्राप्त होता है। इस साल मौनी अमावस्या 11 फरवरी को है। इस दिन जहां तक संभव हो किसी भी पवित्र कुंड में डुबकी अवश्य लगाएं।

  • अमावस्या तिथि आरम्भ- 11 फरवरी, 2021 को 01:10:48 से अमावस्या आरम्भ
  • अमावस्या समाप्त- 12फरवरी, 2021 को 00:37:12 पर

मौन रहने का महत्त्व

maun vrat

पुराणों के अनुसार, मौनी अमावस्या के दिन मौन रहने का विशेष महत्व होता है। कहते हैं कि इस दिन मौन रहने से देवी-देवता प्रसन्न होते हैं। यह भी कहा जाता है कि इस दिन मौन रहकर ही गंगा या पवित्र कुंड में डुबकी लगानी चाहिए। मौन रहना संभव न भी हो तब भी माघ अमावस्या के दिन लड़ाई-झगड़े से बचना चाहिए और किसी को भी कटु वचन नहीं बोलने चाहिए।

इसे जरूर पढ़ें:Festivals Calendar 2021: जानें वर्ष 2021 के तीज-त्‍यौहार और उनके शुभ मुहूर्त

मौनी अमावस्या व्रत नियम

deeya lit

  • मौनी अमावस्या के दिन नदी, सरोवर या पवित्र कुंड में स्नान करना चाहिए। स्नान करने के बाद सूर्य देव को अर्घ्य देना चाहिए।
  • इस दिन मौन व्रत रखकर दान पुण्य करें तथा गरीब व भूखे व्यक्ति को भोजन कराएं।
  • अनाज, वस्त्र, तिल, कंबल, घी और गौ शाला में गाय के लिए भोजन का दान करें। इस दिन काली चीज़ों का दान विशेष महत्त्वपूर्ण है।
  • आप अमावस्या के दिन गौ दान, स्वर्ण दान या भूमि दान भी कर सकते हैं। ऐसा करना भी अत्यंत लाभकारी होता है।
  • वैसे तो हर अमावस्या तिथि को पितरों को याद किया जाता है लेकिन मौनी अमावस्या के दिन पितरों के नाम का दीपक प्रज्ज्वलित करें और दान करें।
  • इस दिन पितरों का तर्पण करने से पितर प्रसन्न हो जाते हैं और उन्हें मोक्ष की प्राप्ति होती है।

अगर आपको यह लेख अच्छा लगा हो तो इसे शेयर जरूर करें व इसी तरह के अन्य लेख पढ़ने के लिए जुड़ी रहें आपकी अपनी वेबसाइट हरजिन्दगी के साथ।

Recommended Video

Image Credit: unsplash and pintrest

HzLogo

HerZindagi ऐप के साथ पाएं हेल्थ, फिटनेस और ब्यूटी से जुड़ी हर जानकारी, सीधे आपके फोन पर! आज ही डाउनलोड करें और बनाएं अपनी जिंदगी को और बेहतर!

GET APP