Hanuman Ji ki Vrat Katha: मंगलवार का दिन भगवान हनुमान को समर्पित है। इस दिन बजरंगबली की आराधना और पूजा-अर्चना का विशेष महत्व है। ऐसा कहा जाता है कि जो भक्त मंगलवार का व्रत रखते हैं और पूरी श्रद्धा से पूजा-अर्चना कर हनुमान जी की व्रत कथा सुनते हैं, उन्हें विशेष फलों की प्राप्ति होती है। साथ ही, उन्हें सभी प्रकार की बाधाओं, भय और संकटों से छुटकारा मिलता है। हनुमान जी की कथा केवल धार्मिक ही नहीं, बल्कि हमें आत्मबल, धैर्य और सत्य के मार्ग पर चलने की भी प्रेरणा देती है। अंजनी पुत्र बजरंगबली को शक्ति, साहस, निष्ठा और भक्ति का प्रतीक माना जाता है।
राम भक्त हनुमान जी का आशीर्वाद और मंगलवार की व्रत कथा का पूरा लाभ पाने के लिए, व्रत कथा का सही विधि-विधान और साफ मन से पाठ करना चाहिए। चलिए जानते हैं बजरंगबली की कृपा पाने के लिए मंगलवार की व्रत कथा का पाठ कैसे करें?
हनुमान जी से जुड़ी मंगलवार व्रत कथा का पाठ करके इस व्रत को पूरी श्रद्धा से करना चाहिए। मंगलवार व्रत कथा को पढ़ना क्या हमारे लिए इतना फायदेमंद हो सकता है, यह जानने के लिए हमनेपंडित भानुप्रताप नारायण मिश्रजीसे बात की।
भानुप्रताप नारायण मिश्र जी का कहना है कि ''हनुमान जी की व्रत कथा का पाठ आप शादी- ब्याह, संतान, नौकरी, तरक्की, विदेश जाने, धन आदि की प्राप्ति के लिए कर सकती हैं। वैसे तो इसकी पूजा जन्म कुंडली के हिसाब से करनी चाहिए। जिन लोगों की कुंडली में मंगल ज्यादा फायदेमंद हो उनको तो हनुमान जी की व्रत कथा जरूर पढ़नी चाहिए। लेकिन इसकी पूजा कोई भी कर सकता है।''
मंगलवार व्रत कथा (Mangalwar Vrat Katha)
लोक कथाओं और पौराणिक कथाओं के अनुसार, प्राचीन काल में कुंडलपुर नामक एक शहर हुआ करता था, जहां नंदा नाम का एक ब्राह्मण अपनी पत्नी सुनंदा के साथ रहता था। धनी दंपति की कोई संतान नहीं थी जो उनके वंश के नाम को आगे बढ़ा सके। इस वजह से ब्राह्मण हनुमान जी की पूजा-अर्चना के लिएवन की ओर प्रस्थान कर गया। वहीं ब्रह्माण की पत्नी ने घर पर बजरंगबली की पूजा-अर्चना करनी शुरू कर दी।
ब्राह्मण की पत्नी प्रत्येक मंगलवार व्रत रखती थी और शाम को भोग बनाकर हनुमान जी को अर्पित करती और फिर स्वयं ग्रहण करती थीं। लेकिन एक दिन मंगलवार को कोई और व्रत पड़ गया जिसकी वजह से वह महावीर जी का व्रत नहीं रख पाईं। जिसकी वजह से उसने भोजन नहीं बनाया और हनुमान जी को भोग भी नहीं लगाया और स्वयं भी भोजन ग्रहण नहीं किया। वह अपने मन में ये प्रण लेकर सो गईं कि अगले मंगलवार को वह हनुमान जी को भोग लगाकर ही अन्न ग्रहण करेगीं।
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ब्राह्मण की पत्नी 6 दिन तक भूखी-प्यासी रही। मंगलवार के दिन वह मूर्छित हो गई तब बजरंगबली ने उसकी श्रद्धा और निष्ठा को देखते हुए उससे प्रसन्न होकर उसे दर्शन दिए और कहा कि मैं तुमसे बहुत खुश हूं। मैं तुमको एक सुंदर बालक देता हूं जो तुम्हारी बहुत सेवा करेगा और हनुमान जी अपने बाल रूप का दर्शन देकर अन्तर्धान हो गए। सुंदर बालक पाकर वह बहुत खुश हुईं। उसने बालक का नाम मंगल रखा।
कुछ वक्त बाद ब्राह्मण जब वन से लौटकर आया तो उसने अपने घर में एक सुंदर बालक देखा तो उसने अपनी पत्नी से पूछा कि यह बालक कौन है? पत्नी ने कहा कि मंगलवार के व्रत से प्रसन्न होकर हनुमान जी ने मुझे बालक दिया है। यह सुनकर ब्राह्मण को अपनी पत्नी की बात पर विश्वास नहीं हुआ।
एक दिन ब्राह्मण कुएं से पानी भरने चला तो उसकी पत्नी ने कहा कि मंगल को भी साथ ले जाओ। ब्राह्मण बालक को अपने साथ ले गया लेकिन जब वापस लौटा तो बालक उसके साथ नहीं था क्योंकि पानी भरने के बाद मंगल को ब्राह्मण ने कुंए में डाल दिया था।
जब ब्राह्मण की पत्नी ने मंगल के बारे में पूछा तो ब्राह्मण जब तक कुछ बोलता तभी मंगल मुस्कुराता हुआ घर आ गया। उसको देखकर ब्राह्मण आश्चर्यचकित हुआ। उसी रात बजरंगबली ने ब्राह्मण को सपने में दर्शन दिए और बताया यह पुत्र मेरा बाल रूप है और तेरी पत्नी की भक्ति से प्रसन्न होकर मैंने उसे वरदान स्वरूप दिया है।
यह सुनकर ब्राह्मण खुश हो गया और ब्राह्मण दंपत्ति सुखपूर्वक अपना जीवन व्यतीत करने लगे और नियमित रूप से मंगलवार व्रत रखने लगे। मंगलवार का व्रत रखने वाले मनुष्य पर हनुमान जी की अपार कृपा होती है।
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पाठ करने का सही तरीका
मंगलवार के दिन भगवान हनुमान के चारों ओर लाल फूल और लाल कपड़े की एक माला रखें और इस दिन मंगलवर व्रत कथा पढ़ें। प्रसाद के रूप में लड्डू बनाएं। हनुमान जी को 3 प्रकार के लड्डू, केसरिया बूंदी लड्डू, बेसन लड्डू और मलाई-मिश्री लड्डू पसंद हैं।
हालांकि, बेसन को उनका पसंदीदा कहा जाता है इसलिए इन्हें बनाएं और शुद्ध मन से भगवान का जाप करें। उनके द्वारा पसंद किए जाने वाले और फूड्स में इमरती, बनारसी पान और पंचमेवा नामक विभिन्न सूखे मेवों का मिश्रण जिसमें बादाम, किशमिश, काजू, छुहारा और नारियल शामिल होते हैं।
मंगलवार की व्रत कथा पढ़ने के फायदे (Mangalwar Vrat Katha Benefits)
अगर आप शनि की साढ़ेसाती या ढैय्या के दुष्प्रभाव से परेशान हैं, तो शास्त्रों के अनुसार मंगलवार का व्रत आपके लिए बेहद लाभकारी हो सकता है। यह व्रत शनि देव की पीड़ा से राहत दिलाने में अत्यंत प्रभावी माना गया है। इतना ही नहीं, यदि आपको संतान प्राप्ति में बाधा आ रही है या विवाह में लगातार देरी हो रही है, तो मंगलवार व्रत का संकल्प लेना चाहिए। यह व्रत मंगल दोष के कारण उत्पन्न होने वाली विवाह संबंधी रुकावटों को भी दूर करने में सहायक है।
मंगलवार व्रत से केवल ज्योतिषीय समस्याओं का ही समाधान नहीं होता, बल्कि यह आपके स्वास्थ्य और मानसिक शांति के लिए भी फायदेमंद है। इससे क्रोध पर नियंत्रण पाने की शक्ति प्राप्त होती है और तमाम संकटों का नाश होता है। साथ ही, इस व्रत कथा को पढ़ने से सभी प्रकार की नकारात्मक और बुरी शक्तियां दूर रहती हैं, जिससे आपके जीवन में सकारात्मकता और शांति का संचार होता है। यह व्रत कथा आपके जीवन में एक नया प्रकाश ला सकती है।
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